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मालेगांव विस्फोट : प्रज्ञा ठाकुर, दो अन्य आरोपियों को कोर्ट के समक्ष पेशी से छूट

मुंबई : मुंबई में एक विशेष अदालत ने 2008 मालेगांव विस्फोट मामले के आरोपियों प्रज्ञा सिंह ठाकुर, लेफ्टिनेंट कर्नल प्रसाद पुरोहित और सुधाकर चतुर्वेदी को अपने समक्ष पेशी से छूट दे दी. विशेष एनआईए अदालत ने जब सोमवार को मामले की सुनवाई शुरू की, तभी तीनों आरोपियों ने अपने वकीलों के माध्यमों से पेश होने […]

मुंबई : मुंबई में एक विशेष अदालत ने 2008 मालेगांव विस्फोट मामले के आरोपियों प्रज्ञा सिंह ठाकुर, लेफ्टिनेंट कर्नल प्रसाद पुरोहित और सुधाकर चतुर्वेदी को अपने समक्ष पेशी से छूट दे दी. विशेष एनआईए अदालत ने जब सोमवार को मामले की सुनवाई शुरू की, तभी तीनों आरोपियों ने अपने वकीलों के माध्यमों से पेश होने से छूट मांगी.

प्रज्ञा और चतुर्वेदी ने कहा कि वे लोकसभा चुनाव के आगामी परिणाम की तैयारियों में व्यस्त हैं. चुनाव में दोनों उम्मीदवार हैं. पुरोहित ने निजी मुश्किलों का हवाला दिया. अदालत ने उनकी याचिकाएं मंजूर कर ली. अदालत ने मालेगांव में हुए विस्फोट स्थल पर जाने के लिए आरोपियों के वकीलों द्वारा याचिका को भी अनुमति दे दी. इससे पहले, मामले में सात आरोपियों के खिलाफ मामले की सुनवाई कर रही विशेष एनआईए अदालत ने पिछले सप्ताह सभी आरोपियों को सप्ताह में एक बार अपने समक्ष पेश होने का निर्देश दिया था. उसने यह भी निर्देश दिया कि ठोस कारणों के बिना मांगी गयी छूट का अनुरोध खारिज कर दिया जायेगा.

भोपाल लोकसभा सीट से भाजपा उम्मीदवार प्रज्ञा ने अपनी याचिका में कहा कि उम्मीदवार के तौर पर उन्हें निर्वाचन आयोग की कुछ प्रक्रियाएं पूरी करनी होंगी जिसमें 23 मई को उनके निर्वाचन क्षेत्र में मतगणना के लिए अपना एजेंट नामित करना भी शामिल है. उत्तर प्रदेश की मिर्जापुर सीट से निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ रहे चतुर्वेदी ने भी यही कारण बताये. अदालत फिलहाल मामले में गवाहों के बयान दर्ज कर रही है. इन तीनों के अलावा मामले के अन्य आरोपी मेजर (सेवानिवृत्त) रमेश उपाध्याय, अजर राहिरकर, सुधाकर द्विवेदी और समीर कुलकर्णी हैं. वे सभी जमानत पर रिहा हैं.

अदालत ने पिछले साल अक्तूबर में सातों आरोपियों के खिलाफ आतंकी गतिविधियों, आपराधिक षडयंत्र और हत्या एवं अन्य के लिए मामले में आरोप तय किये थे. आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता और गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम कानून की धाराओं के तहत सुनवाई चल रही है. आरोपियों के खिलाफ विस्फोटक पदार्थ अधिनियम की प्रासंगिक धाराओं के तहत भी आरोप लगाये गये हैं. उल्लेखनीय है कि मालेगांव में 29 सितंबर 2008 को एक मस्जिद के निकट हुए विस्फोट में छह लोगों की मौत हो गयी थी और 100 से अधिक लोग घायल हो गये थे.

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