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कर्नाटक : बागी विधायकों ने कहा – पीछे हटने का सवाल नहीं, विधानसभा की कार्यवाही में नहीं लेंगे हिस्सा

बेंगलुरु : कर्नाटक राजनीतिक संकट पर उच्चतम न्यायालय के निर्देश की सराहना करते हुए कांग्रेस-जदएस के बागी विधायकों ने बुधवार को कहा कि विधानसभा से अपने इस्तीफे पर अब पीछे हटने का सवाल नहीं है और न ही वे विधानसभा सत्र में हिस्सा लेंगे. कांग्रेस-जदएस के ये बागी विधायक मुंबई में डेरा डाले हुए हैं. […]

बेंगलुरु : कर्नाटक राजनीतिक संकट पर उच्चतम न्यायालय के निर्देश की सराहना करते हुए कांग्रेस-जदएस के बागी विधायकों ने बुधवार को कहा कि विधानसभा से अपने इस्तीफे पर अब पीछे हटने का सवाल नहीं है और न ही वे विधानसभा सत्र में हिस्सा लेंगे.

कांग्रेस-जदएस के ये बागी विधायक मुंबई में डेरा डाले हुए हैं. कर्नाटक विधानसभा में सरकार के बहुमत साबित करने से एक दिन पहले मीडिया में जारी एक वीडियो संदेश में बागी कांग्रेस विधायक बीसी पाटिल ने कहा, माननीय उच्चतम न्यायालय के फैसले से हम खुश हैं और हम इसका सम्मान करते हैं. इस्तीफा देने वाले 11 अन्य कांग्रेस-जदएस विधायकों के साथ उन्होंने कहा, हम सब साथ हैं और हमने जो भी फैसला किया है, किसी भी कीमत पर हम इससे पीछे (इस्तीफे पर) नहीं हटने वाले हैं. हम अपने फैसले पर अडिग हैं. विधानसभा की कार्यवाही में हिस्सा लेने का कोई सवाल नहीं उठता है.

उच्चतम न्यायालय ने बुधवार को निर्देश दिया कि कांग्रेस-जदएस के 15 बागी विधायकों को विधानसभा की कार्यवाही में हिस्सा लेने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता है. मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी 18 जुलाई को सदन में बहुमत साबित करने वाले हैं. प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष अपने द्वारा तय समयसीमा के अंदर बागी विधायकों के इस्तीफे पर फैसला लेने के लिए स्वतंत्र हैं. शीर्ष अदालत ने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष के फैसले से उन्हें (अदालत को) अवगत कराया जाये. शीर्ष अदालत कांग्रेस-जदएस के 15 विधायकों की याचिका पर सुनवाई कर रही थी जिसमें उन्होंने उच्चतम न्यायालय से अनुरोध किया है कि वह विधानसभा अध्यक्ष को उनका इस्तीफा स्वीकार करने का निर्देश दे.

कांग्रेस के 13 और जदएस के तीन विधायकों समेत 16 विधायकों ने इस्तीफा दे दिया है, जबकि निर्दलीय विधायक एस शंकर एवं एच नागेश ने भी गठबंधन सरकार से अपना समर्थन वापस ले लिया है. सदन में सत्तारूढ़ गठबंधन का आंकड़ा 117 है जिसमें कांग्रेस के 78 और जदएस के 37 तथा बसपा के एक विधायक शामिल हैं. 225 सदस्यीय सदन में विधानसभा अध्यक्ष के अलावा एक मनोनीत सदस्य भी शामिल हैं. दो निर्दलीय विधायकों के समर्थन से विपक्षी भाजपा के पास विधानसभा में 107 विधायकों का समर्थन हो गया है. अगर इन 16 विधायकों का इस्तीफा स्वीकार कर लिया जाता है, तो सत्तारूढ़ गठबंधन का आंकड़ा घटकर 101 हो जायेगा, जिससे 13 महीने पुरानी कुमारस्वामी की सरकार अल्पमत में आ जायेगी. आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, मनोनीत सदस्य को भी मतदान का अधिकार है.

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