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#Karnataka : सरकार पर संकट से बेखौफ सीएम कुमारास्वामी, बोले – मुझे कोई भय नहीं

बेंगलुरु : कर्नाटक के मुख्यमंत्री एचडी कुमारास्वामी ने 13 विधायकों के इस्तीफा देने के बाद राज्य की कांग्रेस-जदएस सरकार के संकट में आने के बाद अपनी पहली प्रतिक्रिया में सोमवार को कहा कि उन्हें राजनीतिक घटनाक्रमों को लेकर कोई भय नहीं है और वह अपनी जिम्मेदारियां पूरी करने पर ध्यान दे रहे हैं. कुमारस्वामी अमेरिका […]

बेंगलुरु : कर्नाटक के मुख्यमंत्री एचडी कुमारास्वामी ने 13 विधायकों के इस्तीफा देने के बाद राज्य की कांग्रेस-जदएस सरकार के संकट में आने के बाद अपनी पहली प्रतिक्रिया में सोमवार को कहा कि उन्हें राजनीतिक घटनाक्रमों को लेकर कोई भय नहीं है और वह अपनी जिम्मेदारियां पूरी करने पर ध्यान दे रहे हैं.

कुमारस्वामी अमेरिका की अपनी दस दिवसीय यात्रा से रविवार रात को यहां पहुंचे थे. वह मांड्या में एक चीनी मिल फिर से चालू करने के संबंध में अधिकारियों और किसानों के प्रतिनिधियों के साथ चर्चा के बाद राज्य सचिवालय में संवाददाताओं से बात कर रहे थे. उन्होंने कहा, मुझे राजनीतिक घटनाक्रमों के बारे में कोई भय नहीं है, मैं राजनीतिक घटनक्रमों के बारे में चर्चा नहीं करूंगा. भाजपा के लोग और अन्य लोग जो कर रहे हैं, उससे मेरा कोई लेना-देना नहीं. उन्होंने कहा, वर्तमान स्थिति में मेरी जिम्मेदारी राज्य के शासन की है, मेरा ध्यान जिम्मेदारी के निर्वहन पर है. मैंने राजनीतिक घटनाक्रम पर कोई ध्यान नहीं दिया है, मेरे लिए ऐसी कोई जरूरत नहीं है.

जदएस नेता ने सत्ताधारी गठबंधन के 13 विधायकों के इस्तीफे के बारे में सवाल का कोई सीधा उत्तर नहीं दिया और केवल यही कहा – देखते हैं. यदि विधानसभाध्यक्ष विधायकों के इस्तीफे स्वीकार कर लेते हैं तो गठबंधन सरकार अपना बहुमत खोने की कगार पर होगी क्योंकि 224 सदस्यीय विधानसभा में उसके विधायकों की संख्या कम होकर 104 हो जायेगी. मंत्री एवं निर्दलीय विधायक एच नागेश के सोमवार को इस्तीफा देने और समर्थन वापस लेने से सरकार को एक और झटका लगा.

इस बीच, उपमुख्यमंत्री जी परमेश्वर के निवास पर यहां हुई बैठक में कांग्रेस मंत्रियों के इस्तीफा दिये जाने का निर्णय लेने के बाद मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी ने राष्ट्रीय पार्टी के नेताओं से मुलाकात की और इसके बाद जदएस के मंत्रियों ने भी इस्तीफे दे दिये जिससे मंत्रिमंडल में फेरबदल का मार्ग प्रशस्त हो गया. परमेश्वर के आवास पर नाश्ते पर बैठक के बाद कुमारस्वामी ने कांग्रेस के नेताओं के साथ विचार-विमर्श किया. कांग्रेस के सभी 21 मंत्रियों और जदएस के नौ मंत्रियों ने 13 माह पुरानी गठबंधन सरकार से अपने इस्तीफे सौंपे. दो दिन पहले 13 विधायकों कांग्रेस के दस और जदएस के तीन विधायकों के विधानसभा की सदस्यता से अपने इस्तीफे सौंपे जाने के बाद यह निर्णय लिया गया. जिन 13 विधायकों ने इस्तीफा दिये है, वे मुंबई के एक होटल में ठहरे हुए हैं.

राज्य में गठबंधन सरकार के सहयोगी कांग्रेस के 21 मंत्रियों के मंत्रिमंडल से इस्तीफे के तुरंत बाद जदएस के मंत्रियों ने इस्तीफे दिये. मुख्यमंत्री कार्यालय ने ट्विटर पर बताया, जदएस के सभी मंत्रियों ने भी कांग्रेस के 21 मंत्रियों की तरह इस्तीफे दे दिये हैं. मंत्रिमंडल में जल्द ही फेरबदल होगा. नाश्ते पर हुई बैठक के बाद कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने संवाददाताओं से कहा, पार्टी के व्यापक हित में रविवार और सोमवार को हमने वरिष्ठ नेताओं और मंत्रियों के साथ विस्तृत चर्चा की. आज सुबह हमने मंत्रियों के साथ बैठक की. जहां तक कांग्रेस मंत्रियों की बात है तो वर्तमान स्थिति में उन्होंने स्वेच्छा से मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया. वेणुगोपाल ने कहा, उन्होंने वर्तमान परिदृश्य में इन मुद्दों के समाधान के लिए मंत्रिमंडल में फेरबदल पर जरूरी फैसला करने का जिम्मा कांग्रेस पार्टी पर छोड़ दिया है. मैं मंत्रियों को बहुत-बहुत धन्यवाद देता हूं.

पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने कहा कि सभी कांग्रेस मंत्रियों ने स्वेच्छा से इस्तीफा दे दिया है और पार्टी को मंत्रिमंडल में फेरबदल करने की पूरी आजादी दे दी है. गठबंधन में 34 मंत्री पदों में से कांग्रेस और जदएस के पास क्रमश: 22 और 12 मंत्री पद थे. वेणुगोपाल ने कहा है कि पार्टी हर चीज पर चर्चा के लिए तैयार है और जिन विधायकों ने इस्तीफे दिये है, उन्हें लौट आना चाहिए. उन्होंने कहा, हमें विश्वास है कि वे लौटेंगे. उन्होंने कहा कि कांग्रेस मजबूती से इस स्थिति का मुकाबला करेगी और हमें कर्नाटक में पार्टी की ताकत में दृढ़ विश्वास है और हमें यह भी भरोसा है कि यह सरकार टिकेगी. भाजपा पर सरकार को अस्थिर करने का आरोप लगाते हुए वेणुगोपाल ने कहा, यह छठी बार है कि भाजपा ने राज्य में गठबंधन सरकार को अस्थिर करने का प्रयत्न किया है. वह पहले पांच बार प्रयास कर चुकी है, लेकिन वह बुरी तरह विफल रही. इस बार भी वह विफल रहेगी. वह सरकार अस्थिर करने के लिए सत्ता और केंद्रीय एजेंसियों का उपयोग कर रही है. सिद्धरमैया ने भी भाजपा पर गठबंधन विधायकों को लुभाने का आरोप लगाते हुए कहा कि भगवा पार्टी सरकार को अस्थिर करने का प्रयास कर रही है. उन्होंने कहा कि मंत्रिमंडल में फेरबदल पात्रता, सामाजिक न्याय और क्षेत्रीय संतुलन के आधार पर किया जायेगा.

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