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अमित शाह ने कहा – 2019 के चुनावों के बाद घुसपैठियों को चिह्नित कर देश से बाहर करेंगे

शाजापुर/बड़वानी (मध्यप्रदेश) : भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने गुरुवार को कहा कि उनकी पार्टी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में 2019 के लोकसभा चुनाव जीतने के बाद घुसपैठियों को चिह्नित कर उन्हें देश से बाहर कर देगी. शाह ने एक चुनावी जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि 1971 से घुसपैठिये भारत में आते रहे […]

शाजापुर/बड़वानी (मध्यप्रदेश) : भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने गुरुवार को कहा कि उनकी पार्टी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में 2019 के लोकसभा चुनाव जीतने के बाद घुसपैठियों को चिह्नित कर उन्हें देश से बाहर कर देगी. शाह ने एक चुनावी जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि 1971 से घुसपैठिये भारत में आते रहे हैं और वो कांग्रेस तथा तृणमूल कांग्रेस जैसे विपक्षी दलों का वोट बैंक बनकर रह गये.

भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि असम में राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) के अंतिम मसौदे में 40 लाख लोगों के नाम हटने के बाद कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, तृणमूल कांग्रेस अध्यक्ष ममता बनर्जी, तेलुगूदेशम पार्टी प्रमुख चंद्रबाबू नायडू और सपा नेता मुलायम सिंह यादव जैसे नेता ऐसे रोने लगे जैसे उनकी नानी मर गयी हो. उनके पेट में क्यों दर्द हो रहा है? शाह ने राहुल गांधी पर घुसपैठियों द्वारा किये गये बम विस्फोटों के शिकार लोगों के बजाय इन घुसपैठियों के मानवाधिकारों को लेकर ज्यादा चिंतित होने का आरोप लगाया. उन्होंने दोनों जगहों पर सभाओं में कहा कि भाजपानीत केंद्र एवं मध्यप्रदेश सरकार ने आदिवासियों के उत्थान के लिए महती प्रयास किये हैं, जबकि कांग्रेस ने लंबे समय तक शासन करने के बाद भी उनके लिए कुछ नहीं किया. उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के भाषणों पर चुटकी लेते हुए कहा कि वे अपनी सभाओं में बार-बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जिक्र करते हैं, उन्हें (राहुल को) मोदी फोबिया हो गया है.

मध्यप्रदेश विधानसभा के लिए 28 नवंबर को होने वाले चुनाव के लिए पार्टी का प्रचार करने आदिवासी बहुल इलाके बड़वानी आये शाह ने जनसभा को संबोधित करते हुए ये बातें कहीं. बड़वानी जिले में चार विधानसभा सीटें सेंधवा, राजपुर, पानसेमल एवं बड़वानी आती हैं और ये चारों सीटें ही अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित हैं. शाह ने कहा, कांग्रेस ने 60 साल तक देश एवं प्रदेश में शासन करने के बाद भी आदिवासियों के लिए कुछ नहीं किया, जबकि भाजपा सरकारों ने उनके कल्याण के लिए महती प्रयास किये हैं. भाजपा सरकारों द्वारा आदिवासियों के कल्याण के लिए किये गये कार्यों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार ने पहली बार आदिवासियों के कल्याण के लिए एक अलग मंत्रालय बनाया. 60 साल तक देश में शासन करने वाली कांग्रेस सरकार ने ऐसा कुछ भी नहीं किया.

शाह ने कहा कि मोदी जी ने प्रधानमंत्री बनने के बाद अपने पहले भाषण में कहा था कि उनकी (मोदी) सरकार आदिवासियों की सरकार होगी और देश की संपदा पर आदिवासियों एवं गरीबों का अधिकार होगा. कांग्रेस को आड़े हाथों लेते हुए शाह ने कहा कि इतने सालों तक देश और प्रदेश में कांग्रेस का शासन रहा. तब उसने विकास का कोई कार्य नहीं किया. अब चुनाव के मौके पर कांग्रेस को विकास की याद आ रही है. उन्होंने कांग्रेस के शासन की याद दिलाते हुए लोगों से पूछा, क्या कभी इन आदिवासी जिलों में कांग्रेस के राज में 24 घंटे बिजली मिलती थी, क्या घर-घर शौचालय बनते थे, क्या गृहिणियों को गैस कनेक्शन मिलते थे, क्या विद्यार्थियों को पढ़ने और बढ़ने के अवसर मिलते थे?

शाह ने कहा कि केंद्र की सोनिया-मनमोहन सरकार ने 13वें वित्त आयोग के तहत विकास के लिए मध्यप्रदेश को सिर्फ 1.34 लाख करोड़ रुपया दिया था, जबकि मोदी सरकार ने 14वें वित्त आयोग के तहत 3.44 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा दिया. उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने पिछले साढ़े चार साल में साढ़े पांच करोड़ गरीब एवं आदिवासी महिलाओं को एलपीजी गैस चूल्हा दिया, 1 करोड़ लोगों को मकान दिये, 8 करोड़ शौचालय दिये, 2 करोड़ लोगों को बिजली दी. इससे सबसे ज्यादा फायदा आदिवासी भाई-बहनों को मिला. मोदी सरकार बनने के बाद 40 प्रतिशत बजट आदिवासी विभाग के लिए बढ़ाया. इसके अलावा, मोदी सरकार गंभीर बीमारी होने की सूरत में उपचार के लिए आदिवासियों और गरीबों के लिए आयुष्मान भारत योजना लायी.

शाह ने कहा कि भाजपा नीत सरकार ने आदिवासियों के लिए इंदौर-मनमाड रेलवे लाइन बनाने के लिए मंजूरी दी. उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने गरीबों के कल्याण के लिए 129 नई योजनाएं चलायी हैं. शाह ने कहा कि ठीक इसी तरह से मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की सरकार ने हर आदिवासी ब्लॉक में करोड़ों रुपये की लागत से काम कराये. उन्होंने कहा कि चौहान की सरकार ने देश में सबसे पहले वन अधिकार कानून के तहत आदिवासियों को जमीन के पट्टे दिये हैं. शाह ने कहा कि शिवराज सरकार ने बड़वानी में ही सिर्फ लाखों लोगों को विभिन्न योजनाओं का लाभ दिया. इसके अलावा, भाजपा ने 300 करोड़ रुपये खर्च कर आदिवासी क्रांतिकारियों के स्मारक बनाने का काम भी किया.

कांग्रेस के दिग्गज नेता एवं मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के वर्ष 1993 एवं वर्ष 2003 तक के 10 साल के शासन की याद दिलाते हुए शाह ने कहा, जब श्री बंटाधार (दिग्विजय) का राज था मध्यप्रदेश में, उस वक्त मध्यप्रदेश में खस्ताहाल सड़कें होती थीं. बिजली आपूर्ति भी बुरी तरह से चरमराई हुई थी. तब मध्यप्रदेश बीमारू राज्य कहलाता था. लेकिन, भाजपानीत शिवराज सरकार ने मध्यप्रदेश को बीमारू राज्य से उबार कर विकसित राज्य बना दिया है. शाह ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल द्वारा अपनी सभाओं में बार-बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जिक्र करने पर तंज कसते हुए कहा कि उन्हें (राहुल) मोदी के नाम पर फोबिया हो गया है. उन्होंने कहा, राहुल जहां-जहां जाते हैं अपने भाषण में मोदी, मोदी, मोदी करते हैं. इससे मालूम नहीं पड़ता कि वह कांग्रेस की रैली को संबोधित कर रहे हैं या भारतीय जनता पार्टी की रैली को. अपनी पार्टी का प्रचार कर रहे हैं या मेरी (शाह) पार्टी का प्रचार कर रहे हैं. उन्होंने आगे कहा, राहुल को मोदी फोबिया हो गया है. कुछ भी हो, उसमें उन्हें नरेंद्र मोदी नजर आता है.

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