गांवों में भी खोले जाएं वृद्धाश्रम!इसमें कोई शक नहीं कि भारत आज भी गांवों का देश है, लेकिन आबादी के हिसाब से देखें, तो गांव आज अपनी ही आबादी के लिए तरस रहा है. लोग शहर की ओर पलायन कर रहे हैं. दरअसल, आज के समय में लोगों की जरूरतें जब बढ़ रही हैं, ऐसे में कोई भी गांव प्रायः सक्षम नहीं है कि इन्हें अपने बल-बूते पूरी कर सके. अधिकांश जरूरतों के लिए गांव को शहर पर ही निर्भर रहना पड़ता है. इनमें प्रमुख हैं रोजगार, शिक्षा, स्वास्थ्य और बहुत कुछ.