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बिहार के सत्यम कुमार सिंह को दूसरा युवा आलोचना पुरस्कार देगा आधार पाठक मंच

नयी दिल्ली : आधार प्रकाशन की ओर से बिहार के सत्यम कुमार सिंह वर्ष 2018 का युवा आलोचना पुरस्कार दिये जाने का फैसला किया गया है. इस पुरस्कार के लिए चयनित होने वाले सिंह के बारे में निर्णायक मंडल ने अपनी अनुशंसा में लिखा है कि साहित्य समीक्षा की दृष्टि से सत्यम कुमार सिंह के […]

नयी दिल्ली : आधार प्रकाशन की ओर से बिहार के सत्यम कुमार सिंह वर्ष 2018 का युवा आलोचना पुरस्कार दिये जाने का फैसला किया गया है. इस पुरस्कार के लिए चयनित होने वाले सिंह के बारे में निर्णायक मंडल ने अपनी अनुशंसा में लिखा है कि साहित्य समीक्षा की दृष्टि से सत्यम कुमार सिंह के अभी तक प्रकाशित आलेखों में उनकी विश्लेषण क्षमता, मौलिक अंतर्दृष्टि और समकाल से सीधी मुठभेड़ करने की इच्छा दिखायी देती है. इस कारण उन्होंने शुरुआती तौर से एक अलग पहचान बनायी है.

निर्णायक मंडल ने लिखा है कि समकालीन रचना, खासकर कथा साहित्य अपने लिए जिन नये आलोचनात्मक औजारों की मांग कर रहा है, इस नये आलोचक के पास अनगढ़ रूप में ही सही, लेकिन मौजूद हैं. उनका शोधकार्य ‘नव राजनैतिक विमर्श’ इसलिए महत्वपूर्ण है कि इसमें वैश्विक प्रभावों का भारतीय राजनीति के चरित्र में आने वाले बदलावों का सूक्ष्म अध्ययन किया गया है और अवधारणात्मक सवालों को विमर्श के व्यापक संदर्भ में समझने का प्रयास किया है.

निर्णायक मंडल में गांधी साहित्य के प्रख्यात विद्वान एवं चिंतक प्रो मनोज कुमार, प्रोफेसर एवं निदेशक, महात्मा गांधी फ्यूजी गुरुजी सामाजिक कार्य अध्ययन केंद्र, महात्मा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय वर्धा, डॉ राकेश कुमार मिश्र, असिस्टेंट प्रोफेसर, विकास एवं शांति अध्ययन विभाग, महात्मा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय, वर्धा और वरिष्ठ आलोचक एवं चिंतक विनोद शाही शामिल थे.

08 नवंबर 1976 को बिहार में जन्मे सत्यम कुमार सिंह ने एमए, एमफिल एवं पीएचडी की पढ़ाई महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिन्दी विश्वविद्यालय वर्धा से की है और वर्तमान समय में भारतीय समाज विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएसएसआर), नयी दिल्ली के अंतर्गत महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय वर्धा के अधीन ‘राष्ट्र बनाम आतंकवाद’ विषय पर पोस्ट डॉक्टोरल शोध कर रहे हैं. वे स्वतंत्र रूप से अखबार और कई प्रतिष्ठित पत्र-पत्रिकाओं में लिखते रहे हैं. पूर्वग्रह, बनास-जन, संवेद, पल-प्रतिपल, तद्भव आदि पत्रिका में छप चुके हैं.

‘युवा आलोचना पुरस्कार‘ से नवाजे जा रहे शोधार्थी सत्यम कुमार सिंह की पांडुलिपि ‘सत्ता राजनीति के बदलते प्रतिमान : एक नव राजनैतिक विमर्श’ को पुस्तक प्रकाशन के लिए चुना गया है, जिसमें उन्होंने 1980 से भारतीय राजनीति में आये बदलावों की बारीक पड़ताल की है. हिंदी में मौलिक ज्ञान उत्पादन की दृष्टि से एक महत्वपूर्ण पहलकदमी है.

आधार पाठक मंच की ओर से जनवरी 2019 में नयी दिल्ली विश्व पुस्तक मेला के अवसर पर एक समारोह में वर्ष 2018 का ‘युवा आलोचना पुरस्कार’ (पुरस्कार राशि पांच हजार रुपये एवं प्रशस्तिपत्र) सत्यम कुमार सिंह को प्रदान किया जायेगा. आधार प्रकाशन की ओर से पिछले साल पुस्तक संस्कृति के विकास के लिए एक महत्वाकांक्षी योजना के तहत दो बड़े निर्णय लिये गये थे.

पहला था आधार पाठक मंचों की स्थापना और गंभीर एवं सार्थक साहित्यिक कृतियों के संदर्भ में बतौर पाठक कीर्तिमान स्थापित करने वाले किसी पाठक को उसके प्रयासों के लिए सम्मानित करना. इसके तहत यह तय ककिया था कि वह पाठक स्वयं गहरी स्वाध्यायशील प्रवृति का होने के साथ-साथ सामाजिक रूप में भी पठन-पाठन के सामूहिक प्रवृति के विकास में योगदान देगा. दूसरी योजना युवा आलोचना के विकास से संबंधित थी.

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