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10 साल बाद 18 को खुलेंगी जैन धर्मशाला की दानपेटियां

निर्णय. विवाद के बाद प्रशासन के जिम्मे था धर्मशाला पहले थीं दो, अब नोटों से भरी हैं चार पेटियां पुराने नोटों को लेकर समिति के लोग चिंतित मंदिर कमेटी के अध्यक्ष एडीएम ने दी अनुमति नवादा : शहर के प्रसिद्ध दिगंबर जैन मंदिर धर्मशाला पिछले एक दशक से विवादों के कारण प्रशासनिक देखरेख में संचालित […]

निर्णय. विवाद के बाद प्रशासन के जिम्मे था धर्मशाला

पहले थीं दो, अब नोटों से भरी हैं चार पेटियां
पुराने नोटों को लेकर समिति के लोग चिंतित
मंदिर कमेटी के अध्यक्ष एडीएम ने दी अनुमति
नवादा : शहर के प्रसिद्ध दिगंबर जैन मंदिर धर्मशाला पिछले एक दशक से विवादों के कारण प्रशासनिक देखरेख में संचालित हो रहा है. इसमें रखी हुई दानपेटी के रुपये राशि वर्ष 2007 के बाद से नहीं निकाले जा सके हैं. विवाद को लेकर प्रशासन मंदिर व धर्मशाला की पूरी जवाबदेही अपने ऊपर लेकर इन पर नजर रखे हुए था़ इस दौरान यहां रखी गयी चार दान पेटियों के रुपये वर्षों से बक्से में बंद हैं़ दानपेटी में वर्षों से पड़ी राशि को निकालने की अनुमति मंदिर समिति के अध्यक्ष सह एडीएम ओम प्रकाश ने दे दी है.
इसमें बिहार राज्य दिगंबर जैन धार्मिक न्यास बोर्ड, पटना के अध्यक्ष गोपाल जैन के द्वारा पत्रांक 5237 दिनांक नौ नवंबर 2017 के द्वारा अस्पताल रोड स्थित श्री दिगंबर जैन मंदिर समिति की दानपेटी को खुलवा कर उसके रुपये को मंदिर के बैंक एकाउंट में जमा कराने का अनुरोध किया गया था.
इस आलोक में समिति के अध्यक्ष सह एडीएम ने दानपेटी को 18 व 19 दिसंबर को खोलने का आदेश जारी कर दिया गया है. उन्होंने इसकी एक-एक प्रति सदर एसडीओ सह सचिव, अंचलाधिकारी सदर सह कोषाध्यक्ष, बोर्ड के सदस्य गया के ज्ञान चंद जैन, भागलपुर के धर्मचंद जैन व नवादा के अशोक कुमार जैन के अलावा बिहार राज्य दिगंबर जैन धार्मिक न्यास बोर्ड, पटना के अध्यक्ष गोपाल जैन को भेजा जा चुका है. मंदिर की दानपेटी खुलने के समय बोर्ड से दो लोगों को रहने की बात भी कही गयी है.
एडीएम सह अध्यक्ष ने अपने पत्र में लिखा है कि 22 जून 2014 को पटना बोर्ड के अध्यक्ष गोपाल जैन की अध्यक्षता में लाये गये प्रस्ताव के आलोक में कोषाध्यक्ष सहित बोर्ड के तीन सदस्यों को दानपेटी खोलने के लिए प्राधिकृत किया गया है.एक दशक से बंद पड़ी दानपेटी में पुराने नोट होने की चिंता से मंदिर कमेटी के लोग परेशान हैं़
पटना बोर्ड के सदस्य व नवादा मंदिर धर्मशाला के प्रभारी अशोक जैन ने बताया कि जो भी पुराने नोट होंगे वह बर्बाद हो जायेंगे. हालांकि उन्होंने यह भी बताया कि यहां जो भी यात्री आते हैं उनको दान में बड़े नोट देने होते हैं, तो वह कार्यालय में रसीद कटा कर जमा नगद जमा कराते हैं. परंतु, जिसने भी दानपेटी में बड़े नोट डाले होंगे वह बेकार हो जायेगा. इसका कहीं कोई विकल्प नहीं मिल रहा है, इससे समाज के लोगों में चिंता है़
2007 में न्यास बोर्ड ने किया था प्रशासन के हवाले
वर्ष 2007 में जैन धर्मशाला मंदिर की दानपेटी खुलने के बाद से उपजे विवाद को लेकर न्यास बोर्ड ने मंदिर व धर्मशाला को प्रशासन के हवाले कर दिया था. इसमें अध्यक्ष एडीएम, सचिव सदर एसडीओ तथा कोषाध्यक्ष सीओ सदर को बनाया गया था. उन दिनों दो दान पेटियां थीं़ इसके साथ ही एक अलग दानपेटी महिला समाज द्वारा लगायी गयी है़
इसकी राशि महिला मंडलियों द्वारा यहां आनेवाले मुनियों की सेवा में खर्च की जाती है़ लेकिन, जब यह दानपेटी भर गयी तब चौथी दान पेटी वर्ष 2014 को मंदिर धर्मशाला में लगायी गयी. परंतु, अब चौथी दानपेटी भी भर चुकी है. इसी को लेकर पटना बोर्ड के आग्रह पर नवादा जैन धर्मशाला में वर्षों से रखी दानपेटी की राशि को निकाल कर मंदिर के एकाउंट में डलवाने के लिए दान पेटी कड़़ी सुरक्षा के बीच खोलने की अनुमति दी गयी.

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