नयी दिल्ली : आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर को वैश्विक आतंकवादी घोषित कराने के प्रयास में चीन द्वारा अड़ंगा लगाये जाने के बाद कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने बृहस्पतिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला बोला और आरोप लगाया कि मोदी चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से डरे हुए हैं तथा चीन के खिलाफ उनके मुंह से एक शब्द नहीं निकलता है.
पार्टी ने यह भी कहा कि आतंकवाद के पोषक और आतंकी देश पाकिस्तान के साथ चीन का खड़ा होना दुर्भाग्यपूर्ण है. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा, कमजोर मोदी शी जिनपिंग से डरे हुए हैं. जब चीन भारत के खिलाफ कदम उठाता है तो उनके मुंह से एक शब्द नहीं निकलता है. उन्होंने दावा किया, मोदी की चीन कूटनीति : गुजरात में शी के साथ झूला झूलना, दिल्ली में गले लगाना, चीन में घुटने टेक देना रही. पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने संवाददाताओं से कहा, एक बार फिर ये साबित हो गया कि चीन आतंकवाद के पोषक और आतंकी राष्ट्र पाकिस्तान के साथ खड़ा है. वह पाकिस्तान में खुलेआम घूम रहे आतंकी मसूद अजहर का बचाव कर रहा है. यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है.
उन्होंने कहा, आदरणीय मंत्री (रविशंकर प्रसाद) ये भी बतायें कि आये दिन जो कूटनीतिक विफलताएं हैं, जिनसे हमारे विरोधियों और दुश्मनों को साहस मिलता है, उसके बारे में मोदी जी की राय क्या है? सच्चाई ये है कि मौजूदा स्थिति कमजोर मोदी सरकार की 5 साल की ढुलमुल नीतियों का परिणाम है, जिसके चलते चीन ने मौलाना मसूद अजहर को अंतरराष्ट्रीय उग्रवादी घोषित करने पर रोक लगवा दी. उन्होंने तंज कसते हुए कहा, मोदी जी 2013 में चीन को लाल आंख दिखाकर बात करने की बात करते थे और अब मौन मोदी बन जाते हैं. पंडित जवाहरलाल नेहरू द्वारा चीन को सुरक्षा परिषद की सीट की पेशकश किये जाने से जुड़े केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद के दावे पर सुरजेवाला ने कहा, शायद गैरकानूनी कानून मंत्री को ये भी नहीं पता कि सुरक्षा परिषद का सदस्य बनने के लिए संयुक्त राष्ट्र चार्टर में संशोधन की जरूरत होती है. 1945 से आज तक उसमें कभी संशोधन नहीं किया गया. जो सरकार इस प्रकार की बचकाना बात करे और जिस सरकार के मंत्री इस प्रकार के ऊल-जलूल बयान दे, ये उनके दिवालिएपन को साफ दर्शाता है.
उन्होंने आरोप लगाया कि कमजोर प्रधानमंत्री जब चीन के आगे बात करने की हिम्मत नहीं कर पाये और देश के हितों की रक्षा नहीं कर पाये तो वह आरोप नेहरू पर लगा रहे हैं. दरअसल, चीन ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित करनेवाले प्रस्ताव पर तकनीकी रोक लगा दी. बीते 10 साल में संयुक्त राष्ट्र में मसूद अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित कराने का यह चौथा प्रस्ताव था.