मुजफ्फरपुर : सदर थानाक्षेत्र के लहलादपुर पताही निवासी अधिवक्ता सुधीर कुमार ओझा ने सीजेएम की अदालत में परिवाद दायर कराया है. इसमें नीति आयोग के सीइओ अमिताभ कंठ, एनएचएआई के एसइ दीनानाथ प्रसाद, ईई रोड डिवीजन-1 अरुण कुमार, ईई रोड डिवीजन-2 अशोक कुमार, ईई एन एच डिविजन एनएचएआइ रामप्रवेश सिंह, एसइ एनएच सर्किल ओम प्रकाश गुप्ता, मेंबर फाइनेंस आशीष शर्मा, मेंबर प्रोजेक्ट आरके पांडेय, सेक्रेटरी रोड ट्रांसपोर्ट एवं हाईवे मंत्रालय संजीव रंजन, सेक्रेटरी डिपार्टमेंट ऑफ इकोनोमिक अफेयर अतनु चक्रवर्ती व डीजी रोड डेवलपमेंट आइके पांडेय को आरोपित बनाया है.
न्यायालय ने ग्रहण के बिंदु पर सुनवाई के लिए 2 मार्च की तिथि निर्धारित की है.आरोप लगाया है कि मुजफ्फरपुर से राजधानी पटना को जोड़ने वाली सड़क एनएच-77 काफी जर्जर हो चुकी है. इसमें सड़क कम, गड्ढा ज्यादा है. रामदयालु से मधौल के बीच की सड़क अत्यधिक खराब है.
इससे आये दिन सड़क दुर्घटना होते रहती है. 2019 में मैं अपनी कार से पटना से लौट रहा था. जर्जर सड़क के कारण दुर्घटनाग्रस्त हो गया. मेरी कार क्षतिग्रस्त हो गयी. इस जर्जर सड़क को लेकर सांसद ने लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान सवाल भी उठाया. आरोपितों से मिलकर शिकायत भी की.
लेकिन आरोपितों ने अबतक जर्जर सड़क की मरम्मत नहीं करायी. मैं जब आरोपितों को अपने साथ हुई घटना की जानकारी देने गया, तो अपने कार्यालय से गाली-गलौज कर भगा दिये.