29.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Trending Tags:

Advertisement

कहीं हाइटेंशन तार के पास तो कहीं तंग गलियों में चलते हैं कोचिंग सेंटर

मुजफ्फरपुर : मुजफ्फरपुर में कई कोचिंग सेंटर खतरनाक जगहों पर चल रहे हैं. किसी कोचिंग सेंटर की दीवार हाईटेंशन तार से सटी हुई है, तो कोई तंग गलियों में है. सूरत जैसा हादसा यहां हो जाये, तो फायर ब्रिगेड की गाड़ी पहुंचने में पसीने छूट जायेंगे. शहर में कई एेसे कोचिंग सेंटर हैं जो छोटे […]

मुजफ्फरपुर : मुजफ्फरपुर में कई कोचिंग सेंटर खतरनाक जगहों पर चल रहे हैं. किसी कोचिंग सेंटर की दीवार हाईटेंशन तार से सटी हुई है, तो कोई तंग गलियों में है. सूरत जैसा हादसा यहां हो जाये, तो फायर ब्रिगेड की गाड़ी पहुंचने में पसीने छूट जायेंगे. शहर में कई एेसे कोचिंग सेंटर हैं जो छोटे से कमरे में चल रहे हैं और वहां 40 से 50 बच्चे पढ़ते हैं.

सूरत हादसे के बाद शहर की इन तंग गलियों में चलने वाले कोचिंग सेंटरों पर सवाल उठने लगे हैं. इन कोचिंग सेंटरों में सुरक्षा के कोई इंजताम भी नहीं हैं. यहां पढ़नेवाले बच्चों के अभिभावकों को डर है कि अगर कोई हादसा हुआ, तो उनके बच्चे कैसे सुरक्षित रहेंगे.

हाइटेंशन तार के बीच चल रहा कोचिंग. शहर के मिठनपुरा और क्लब रोड इलाके में चलने वाले कोचिंग सेंटर बिजली के हाईटेंशन तारों से घिरे हैं. बिजली के तारों के इस मकड़जाल से कहीं-कहीं कोचिंग सेंटर की दीवार सटी हुई है. मिठनपुरा चौक के पास एक कोचिंग सेंटर के नीचे बैंक्वेट हॉल और रेस्टूरेंट चलता है. बिजली के पोल से निकला हाईटेंशन तार कोचिंग सेंटर की दीवार से सटा है. अगर शॉट सर्किट हुई, तो कोचिंग के साथ बैंक्वेट हॉल और रेस्टूरेंट में आग का खतरा पैदा हो जायेगा.

एक कमरे में चलाये जा रहे कोचिंग सेंटर. शहर के बालू घाट, गोशाला रोड, क्लब रोड में कई कोचिंग सेंटर एक-एक कमरे में चलाये जा रहे हैं. इन कोचिंग सेंटर में क्षमता से ज्यादा बच्चों को बैठाया जाता है. शहर के मदनानी गली में हर घर में कोचिंग चल रहे हैं. यहां कोचिंग तक पहुंचने वाले रास्ते में एक बार बड़ी गाड़ी घुसी, तो निकलने में उसे नाकों चने चबाने पड़ेंगे. मदनानी गली में कोचिंग के अलावा लड़कियों के हाॅस्टल भी हैं.सड़क के एक ओर कोचिंग, दूसरी ओर गर्ल्स हॉस्टल है.

ऊंची बिल्डिंग में कोचिंग, पर फायर सेफ्टी नहीं

शहर में कई कोचिंग सेंटर ऊंची इमारतों में भी चलाये जा रहे हैं. इनमें फायर सेफ्टी के इंतजाम नहीं किये गये हैं. इन ऊंची इमारतों में दुर्घटना के वक्त दमकल कर्मियों को स्थिति पर नियंत्रण पवने और मदद पहुंचाने में काफी परेशानी हो सकती है, क्योंकि कई कोचिंग सेंटरों में बाहर से कोई वेंटिलेशन नहीं है. आग लगने की स्थिति में वहां दमकल का पानी पहुंचाने के लिए बिल्डिंग की सीढ़ियों से होकर पानी का पाइप ले जाना होगा. शहर के अखाड़ाघाट, कलमबाग चौक, मिठनपुरा, क्लब रोड में ऐसे कोचिंग केंद्र चलाये जा रहे हैं.

बिना निबंधन के चल रहे कोचिंग सेंटर

शहर में चल रहे कोचिंग सेंटरों का रजिस्ट्रेशन जिला शिक्ष विभाग से नहीं है. शिक्षा विभाग के नियम के अनुसार, किसी भी कोचिंग को चलाने के लिए पहले उसका रजिस्ट्रेशन कराना पड़ता है. इसके लिए कोचिंग संचालक को पांच हजार रुपये का शुल्क भी जमा करना होता है. लेकिन वर्ष 2010 के बाद कोचिंग सेंटरों का रजिस्ट्रेशन नहीं किया गया है. रजिस्ट्रेशन नहीं कराने से कोचिंग संस्थान कोचिंग एक्ट का पालन भी नहीं कर रहे हैं. एक्ट के अनुसार, एक छात्र के लिए एक वर्गमीटर की जगह होनी चाहिए, लेकिन यह नियम यहां पूरी तरह फेल से है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें