वह अहियापुर के कोल्हुआ बजरंग विहार कॉलोनी स्थित एक निर्माणाधीन मकान में रह रही थीं. वहीं से वह अपना कार्यालय चलाती थीं. पिछले साल 24 अक्तूबर को बंद कमरे में कुर्सी से बांध कर उन्हें जला दिया गया था. शव इतनी बुरी तरह जल गया था कि पहचान करना मुश्किल था. परिजनों ने घर में पड़े चप्पल व कपड़ों के आधार पर शव सरिता का होने की पुष्टि की थी. मामले में मकान मालिक विजय कुमार गुप्ता को गिरफ्तार भी किया गया था.
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13 माह बाद जिला प्रशासन ने माना जिंदा जली थी जेइ सरिता कुमारी
मुजफ्फरपुर: आखिरकार 13 माह बाद पुिलस-प्रशासन ने यह स्वीकार िकया िक अक्तूबर 2016 को िजस महिला को अहियापुर में िजंदा जला िदया गया था, वह कोई और नहीं जेइ सरिता कुमारी थी. पुिलस को जेइ के आवास से जला हुआ अवशेष िमला था. प्रशासन की इस स्वीकारोक्ति के बाद उसके परिजनों को दुर्घटना बीमा का […]
मुजफ्फरपुर: आखिरकार 13 माह बाद पुिलस-प्रशासन ने यह स्वीकार िकया िक अक्तूबर 2016 को िजस महिला को अहियापुर में िजंदा जला िदया गया था, वह कोई और नहीं जेइ सरिता कुमारी थी. पुिलस को जेइ के आवास से जला हुआ अवशेष िमला था. प्रशासन की इस स्वीकारोक्ति के बाद उसके परिजनों को दुर्घटना बीमा का लाभ मिलेगा. तत्कालीन एसएसपी रंजीत कुमार मिश्रा की 10 माह पुरानी रिपोर्ट को आधार माना गया है. इसी के आधार पर डीएम धर्मेंद्र कुमार ने यह आदेश जारी किया है. जिस समय सरिता की मौत हुई थी, वह मुरौल में मनरेगा की कनीय अभियंता के पद पर कार्यरत थीं.
पति ने दुर्घटना बीमा राशि का किया दावा
सरिता कुमारी के पति विजय कुमार नायक ने ग्रामीण विकास कार्यालय में दुर्घटना बीमा राशि का दावा किया. दो मई को कार्यालय ने इस मामले में विभाग को पत्र लिख कर दिशा-निर्देश मांगा. 29 मई को इसका जवाब आया. उसमें सरकारी प्रावधानों के तहत बीमा राशि का भुगतान करने का आदेश दिया गया. विभाग के निर्देश के आधार पर डीएम सह जिला कार्यक्रम समन्वयक मनरेगा ने भी भुगतान की मंजूरी दे दी है.
विभाग ने मांगी रिपोर्ट, तो होता रहा इंतजार. मीडिया रिपोर्ट के आधार पर ग्रामीण विकास विभाग ने तत्कालीन डीडीसी अरविंद कुमार वर्मा से मामले में रिपोर्ट तलब की. उनसे पूछा गया था कि क्या मृत महिला मनरेगा की जेइ सरिता ही थी? करीब दो माह तक इसका कोई जवाब नहीं दिया गया. गत 16 जनवरी को तत्कालीन एसएसपी ने नगर डीएसपी की जांच रिपोर्ट की कॉपी डीआरडीए के लेखा प्रशासन व स्व नियोजन के निदेशक को भेजी. प्रारंभिक रिपोर्ट के आधार पर शव सरिता के होने की बात कही गयी. हालांकि, उसमें यह भी जोड़ा गया कि स्केल्टन जांच से और खुलासा होगा.
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