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मुजफ्फरपुर आश्रय गृह मामला : सुप्रीम कोर्ट की ग्रीष्मावकाश पीठ तीन जून को करेगी सुनवाई

नयी दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआइ) को निर्देश दिया कि वह बिहार के मुजफ्फरपुर आश्रय गृह में 11 लड़कियों की कथित हत्या की अपनी जांच तीन जून तक पूरी करे. न्यायालय ने इसके साथ ही सीबीआइ से एक स्थिति रिपोर्ट पेश करने के लिए भी कहा. प्रधान न्यायाधीश रंजन […]

नयी दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआइ) को निर्देश दिया कि वह बिहार के मुजफ्फरपुर आश्रय गृह में 11 लड़कियों की कथित हत्या की अपनी जांच तीन जून तक पूरी करे. न्यायालय ने इसके साथ ही सीबीआइ से एक स्थिति रिपोर्ट पेश करने के लिए भी कहा. प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई और न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता की पीठ ने कहा कि इस मामले की गंभीरता को देखते हुए ग्रीष्मावकाश पीठ तीन जून को इस पर सुनवाई करेगी.
पीठ ने अपने आदेश में कहा कि कार्यालय मामले को तीन जून को इस अदालत की ग्रीष्मावकाश पीठ के समक्ष सूचीबद्ध करेगा. इस बीच चल रही जांच पूरी की जाये और इस अदालत के समक्ष स्थिति रिपोर्ट दायर करने सहित कानून के अनुरूप सभी जरूरी कदम पूरे किये जाएं. पीठ ने शुरू में कथित 11 हत्याओं से जुड़े जांच मामले की गंभीरता को देखते हुए सीबीआइ से दो सप्ताह में जांच पूरी करने के लिए कहा था लेकिन बाद में इसे तीन जून तक पूरी करने के लिए कहा.
सीबीआइ की ओर से अटार्नी जनरल के के वेणुगोपाल ने पीठ से कहा कि इस पहलू पर जांच दो सप्ताह में पूरी करना संभव नहीं होगा. उन्होंने कहा कि सीबीआइ द्वारा शीर्ष अदालत में हाल में दायर हलफनामे के अनुसार माना जाता है कि 11 लड़कियों की हत्या कर दी गयी थी. यह पाया गया कि समान नाम वाली 35 लड़कियां थीं जो किसी न किसी समय वहां रहीं. उन्होंने पीठ से कहा कि माना जाता है कि 11 लड़कियों की हत्या की गयी. एक मामले में हमें हड्डियां भी मिलीं.
निष्पक्ष जांच कर रहे हैं : सीबीआइ
सीबीआइ ने पिछले सप्ताह न्यायालय में दाखिल अपने हलफनामे में कहा है कि जांच के दौरान दर्ज किये गये पीड़िताओं के बयानों में 11 लड़कियों के नाम उभरकर सामने आये हैं, जिनके बारे में बताया गया कि ठाकुर और उनके साथियों ने उनकी कथित रूप से हत्या कर दी है. आरोपी गुड्डू पटेल द्वारा जांच के दौरान दी गयी जानकारी के आधार पर एक दफन स्थल पर गुड्डू की निशानदेही वाले स्थान की खुदाई की गयी तो वहां से हड्डियों की पोटली बरामद हुई.
जांच ब्यूरो ने कहा है कि इस मामले में उसने गहराई से निष्पक्ष जांच की और पीड़िताओं से मिली जानकारी के तुरंत बाद हत्या के आरोपों की जांच शुरू की गयी. हलफनामे में कहा गया कि आश्रयगृह की मास्टर पंजिका में दर्ज इन 11 लड़कियों के नाम की जांच करने पर पता चला कि एक जैसे नाम की 35 लड़कियां मुजफ्फरपुर के बालिका गृह में किसी न किसी समय रही थीं.
सीबीआइ ने मामले में उचित जांच नहीं की
सीबीआइ ने हलफनामे में अदालत को बताया कि आरोपी ब्रजेश ठाकुर और उसके साथियों ने 11 लड़कियों की कथित रूप से हत्या कर दी और उस जगह से हड्डियों की पोटली बरामद हुई है. सोमवार को सुनवायी के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता शेखर नफाडे ने कहा कि पीड़ितों ने हत्याओं के बारे में स्पष्ट बयान दिये हैं. याचिकाकर्ता ने दावा किया कि सीबीआइ ने मामले में उचित जांच नहीं की है.
नफाडे ने कहा कि सीबीआइ ने इस पहलू पर अपनी जांच पूरी नहीं की है, जबकि तीन महीने बीत चुके हैं. न्यायालय ने नफाडे से पूछा कि सीबीआइ द्वारा दिये गये इस जवाब की पृष्ठभूमि में कि वे इसकी जांच कर रहे हैं और जैसे ही उन्हें कुछ मिलेगा वे अदालत में आयेंगे, आपका क्या सुझाव है? इस पर नफाडे ने कहा कि सीबीआइ को अल्प अवधि में यह स्पष्ट करने दें कि क्या ये हत्याएं हुई हैं. पीठ ने वेणुगोपाल से कहा कि हम इसे 20 मई को रखेंगे.
आपको (सीबीआइ) दो सप्ताह का समय मिलेगा. आप जांच पूरी करिए. यह गंभीर मामला है, इसलिए हम इसे अवकाशकालीन पीठ के समक्ष रख रहे हैं. जब वेणुगोपाल ने कहा कि इस पहलू पर जांच में कुछ समय लगेगा, पीठ ने सीबीआइ से चल रही जांच पर तीन जून तक एक स्थिति रिपोर्ट दायर करने के लिए कहा.

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