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Friday, March 29, 2024

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मुजफ्फरपुर : बालिका गृह कांड में फैसला आज

मुजफ्फरपुर : चर्चित बालिका गृह यौनशोषण कांड में दिल्ली का साकेत स्थित पॉक्सो कोर्ट गुरुवार को फैसला सुनायेगा. इस मामले में सीबीआइ ने ब्रजेश ठाकुर समेत 21 अभियुक्तों के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया था. इस फैसले पर देश भर की नजरें टिकी हैं. कानून के जानकार मान रहे हैं कि गुरुवार को साकेत कोर्ट आरोपितों […]

मुजफ्फरपुर : चर्चित बालिका गृह यौनशोषण कांड में दिल्ली का साकेत स्थित पॉक्सो कोर्ट गुरुवार को फैसला सुनायेगा. इस मामले में सीबीआइ ने ब्रजेश ठाकुर समेत 21 अभियुक्तों के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया था.

इस फैसले पर देश भर की नजरें टिकी हैं. कानून के जानकार मान रहे हैं कि गुरुवार को साकेत कोर्ट आरोपितों को दोषी करार दे सकता है और फिर सजा के बिंदु पर सुनवाई के लिए कोई तिथि तय करेगा. इसके पहले 14 नवंबर को इस कांड में फैसला आने वाला था. लेकिन, दिल्ली में अधिवक्ताओं की हड़ताल की वजह से अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश सौरभ कुलश्रेष्ठ ने फैसला टालते हुए 12 दिसंबर की तिथि तय की थी. इस मामले में 20 आरोपित अलग-अलग जेलों में बंद हैं. वहीं, सीबीआइ अब तक 21वें आरोपित डॉ प्रोमिला को गिरफ्तार नहीं कर पायी है. सीबीआइ कोर्ट में पूरक चार्जशीट भी दायर कर सकता है.

टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंस (टिस) की रिपोर्ट पर मुजफ्फरपुर के महिला थाने में 31 मई, 2018 में सहायक निदेशक दिवेश शर्मा के आवेदन पर बालिका गृह में कई बच्चियों से उत्पीड़न की शिकायत पर प्राथमिकी दर्ज की गयी थी. सुप्रीम काेर्ट ने इसी साल सात फरवरी को मुजफ्फरपुर काेर्ट से केस काे दिल्ली के साकेत पाॅक्साे काेर्ट में स्थानांतरित कर त्वरित सुनवाई करने काे कहा था. सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर 23 फरवरी से मामले की साकेत कोर्ट में नियमित सुनवाई चल रही है.

उम्रकैद की सजा का प्रावधान

अधिवक्ता शरद सिन्हा व सुधीर कुमार ओझा का कहना है कि सीबीआइ ने पाॅक्साे की जिन धाराओं के तहत आरोपितों के खिलाफ चार्जशीट दायर की है, उनमें कम-से-कम 10 वर्ष और अधिकतम उम्रकैद की सजा का प्रावधान है. साकेत पाॅक्साे काेर्ट में अक्तूबर में ही साक्ष्य पर बहस पूरी हाे गयी थी.

ये हैं आरोपित

ब्रजेश ठाकुर, बाल संरक्षण इकाई की तत्कालीन सहायक निदेशक रोजी रानी, निलंबित बाल संरक्षण पदाधिकारी रवि कुमार रोशन, बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष रहे दिलीप वर्मा, सदस्य विकास कुमार, बालिका गृह की कर्मचारी इंदु कुमारी, मीनू देवी, मंजू देवी, चंदा देवी, नेहा कुमारी, हेमा मसीह, किरण कुमारी, विजय कुमार तिवारी, गुड्डू कुमार पटेल, किशन राम उर्फ कृष्णा, डॉ अश्विनी उर्फ आसमानी, विक्की, रामानुज ठाकुर उर्फ मामु, रामाशंकर सिंह उर्फ मास्टर साहब, डॉ प्राेमिला व शाइस्ता परवीन उर्फ मधु.

सोशल ऑडिट में हुआ था उत्पीड़न का खुलासा

टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज (टिस) की कोशिश टीम ने दिसंबर 2017 में बालिका गृह का साेशल ऑडिट किया था. बच्चियों का अकेले में लिये गये बयान से टीम ने खुलासा किया था कि मुजफ्फरपुर बालिका गृह की बच्चियों का याैन उत्पीड़न हाे रहा है. उन्हें तरह-तरह से प्रताड़ित भी किया जा रहा है.

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