27.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Trending Tags:

बिहार बाढ़: एक ही दिन में गयी 34 की जान, एक दूसरे को बचाने के चक्कर में डूबे पांच बच्चे

मुजफ्फरपुर : बारिश थमने के बाद भी बाढ़ का पानी रोज नये इलाकों में फैल रहा है और लोगों की जान ले रहा है. उत्तर बिहार में शुक्रवार को बाढ़ में डूबने से 34 की मौत हो गयी. इसमें मुजफ्फरपुर में नौ, सीतामढ़ी में आठ, समस्तीपुर, दरभंगा व मोतिहारी पांच-पांच, शिवहर व मधुबनी में एक-एक […]

मुजफ्फरपुर : बारिश थमने के बाद भी बाढ़ का पानी रोज नये इलाकों में फैल रहा है और लोगों की जान ले रहा है. उत्तर बिहार में शुक्रवार को बाढ़ में डूबने से 34 की मौत हो गयी. इसमें मुजफ्फरपुर में नौ, सीतामढ़ी में आठ, समस्तीपुर, दरभंगा व मोतिहारी पांच-पांच, शिवहर व मधुबनी में एक-एक की जान चली गयी. मुजफ्फरपुर के मीनापुर में पांच पारू, कटरा, बोचहां व हथौडी में एक-एक की मौत हो गयी. मीनापुर गांव में बूढ़ी गंडक में डूबने से मो कलाम के पुत्री अंगुरी खातून (19), नईमुद्दीन अंसारी की पुत्री तबस्सुम खातून (17) व मो आलम की पुत्री लाडली (8), कोईली बांध पर उपेंद्र सहनी के पुत्र सहदेव कुमार व सिवाइपट्टी थाना के भगवान छपड़ा गांव के हरिवंश साह के दस माह के पुत्र आकाश कुमार की मौत हो गयी.

वहीं, सबसे अधिक दर्दनाक मौत समस्तीपुर में पांच बच्चों की हुई. सभी बच्चे मुफस्सिल थाना क्षेत्र के विशनपुर चौर में शुक्रवार को बूढ़ी गंडक के जलस्तर में वृद्धि के कारण विशनपुर स्लुइस गेट से पानी के रिसाव को देखने शाम करीब साढ़े चार बजे टोली बना कर निकले थे. सभी चिमनी के बगल से गुजर रहे थे. इसी क्रम में एक बच्चे का पांव फिसल गया और वह चिमनी के पानी भरे गड्ढे में डूबने लगा. इसको बचाने के लिए साथ जा रहे बच्चे भी पानी में उतरे और देखते ही देखते पांच बच्चे डूब गये. घटना को देख रही एक बच्ची शोर मचाते हुए गांव की ओर भागी. इसके बाद आसपास के ग्रामीण मौके पर जुटे गहरे पानी से बच्चों को बारी-बारी से निकाला, परंतु तब तक सभी की मौत हो चुकी थी. मृतकों में उजियारपुर थाना क्षेत्र के मालती पंचायत स्थित चकमिजाम निवासी मो़ लालबाबू की पुत्री नासरीन खातून(15) एवं मो. एहसान (12), मो. मेनान का पुत्र मो. ताज (6), मुफस्सिल थाना के विशनपुर कुशवाहा टोल निवासी भूषण सिंह का इकलौता पुत्र सुधांशु (12) एवं सुनील महतो का पुत्र बॉबी देओल (14) शामिल हैं. एडीएम आपदा विनय कुमार राय ने कहा कि एक साथ पांच बच्चों की मौत हुई है. घटना दुखद है. पांचों बच्चों के परिजनों को सरकारी नियमानुसार चार-चार लाख रुपये का मुआवजा दिया जायेगा.

रोसड़ा में बूढी गंडक लाल निशान पार, कई स्लुइस गेट से रिसाव

मुजफ्फरपुर : बूढ़ी गंडक का जल स्तर शुक्रवार देर शाम सिकंदरपुर में लाल निशान (52.53 मीटर) के ऊपर चला गया. देर रात नदी खतरे के निशान से 10 सेमी ऊपर थी. पानी का फैलाव नये इलाके में होने लगा है. चंदवारा की मिल्लत कॉलोनी स्थित मदरसा एवं मस्जिद में भी पानी घुस गया है. मिठनपुरा गांव में पानी बढ़ने से लोग लगातार पलायन कर रहे हैं. बोचहां एवं मुशहरी के एक दर्जन गांव बाढ़ की चपेट में हैं. तटबंध पर पानी के दबाव बढ़ रहा है. शहर के सटे शेखपुर ढाब, मिठनसराय, न्यू बालूघाट कॉलोनी, हनुमंत नगर, छींटभगवतीपुर, नाजिरपुर, कर्पूरी नगर, सिपाहपुर, बखरी व चाणक्यपुरी सहित अन्य मोहल्ला बाढ़ में घिर गये हैं. ट्यूब का नाव बना लोग आवागमन कर Â बाकी पेज 19 पर बूढ़ी गंडक लाल रहे हैं. बागमती अब भी खतरे के निशान से ऊपर है. लेकिन जल स्तर में फिलहाल वृद्दि नहीं हो रही है.

रोसड़ा में बूढ़ी गंडक खतरे के निशान को पार गयी. कल्याणपुर के बांद्रा व समस्तीपुर शहर से सटे धर्मपुर के पासवान चौक के निकट बूढ़ी गंडक के बांध पर बने स्लुइस गेट से पानी का रिसाव शुरू हो गया है. वहीं जिले से गुजरने वाली करेह, कोसी व कमला नदी का पानी हसनपुर, बिथान, शिवाजीनगर व सिंघिया के निचले इलाके में तेजी से फैल रहा है.

मधुबनी के मधेपुर में गेहुंमा नदी के जलस्तर में अब भी लगातार बढ़ोतरी हो रही है. हालांकि कोसी और कमला के जलस्तर में कमी आयी है, फिर भी लोग तटबंधों पर ही शरण लिये हुए हैं. वहीं जयनगर में कमला की पानी में डूबने से एक बच्ची की मौत हो गयी. बेनीपट्टी में सीतामढ़ी में बहने वाली लखनदेई, मरहा व खिरोई नदी का पानी आ रहा है. जिससे विशनपुर सहित आस पास के सीतामढ़ी से सटे सीमावर्ती इलाकों में बाढ़ का पानी फैल रहा है. झंझारपुर में नरूआर गांव के समीप बांध की सही से मरम्मत की मांग को लेकर लोगों ने हंगामा किया.

सीतामढ़ी के 16 प्रखंडों में बाढ़ की स्थिति में अब भी कायम है. जिले में नाव की कमी के कारण लोगों तक राहत नहीं पहुंच पा रही है, जिससे उनमें आक्रोश है. डुमरा प्रखंड के पुनौरा गांव में महादलित टोला के पीड़ितों ने बाढ़ राहत को लेकर पांच घंटे तक एनएच 104 जाम कर प्रदर्शन किया. शहर का निचले मोहल्ले में जलजमाव की वजह से 150 से अधिक परिवार ने रिंग बांध से लेकर गोयनका कॉलेज व नगरपालिका मवि में शरण ले रखा है. मेजरगंज, सुप्पी, बैरगनिया, रीगा, सुरसंड, सोनबरसा व परिहार प्रखंड का जिला मुख्यालय से सड़क संपर्क भंग रहा.

संसद में बिहार में आयी बाढ़ को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने की मांग

नयी दिल्ली. बिहार में आयी बाढ़ को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने की मांग शुक्रवार को संसद में की गयी. साथ ही बाढ़ के स्थायी समाधान के लिए नेपाल सरकार से बातचीत कर हाइडैम बनाने की मांग की गयी. राज्यसभा में जदयू सांसद रामनाथ ठाकुर ने यह मामला उठाते हुए कहा कि बिहार में हर साल बाढ़ आती है और इससे जान-माल की हानि होती है. इस साल आयी बाढ़ से राज्य के 12 जिले पीड़ित हैं और कई लोगों को जान गंवानी पड़ी है. ऐसे में राज्य के लोगों की तकलीफ को देखते हुए केंद्र सरकार को तय सीमा में बात कर वहां से बहने वाली नदियों पर हाइडैम बनाना चाहिए. वहीं, भाजपा सांसद सीपी ठाकुर ने कहा कि बाढ़ और बारिश के कारण लोगों को जीवन दूभर हो गया है. बाढ़ से लगभग 26 लाख लोग पीड़ित हुए हैं और सबसे अधिक कठिनाई गरीब लोगों को हो रही है. यह समस्या नयी नहीं है और इसका समाधान केंद्र सरकार, नेपाल सरकार और बिहार सरकार मिलकर कर सकती है. सीपी ठाकुर ने कहा कि पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम ने कहा था कि इस समस्या का समाधान किया जा सकता है. ऐसे में इस दिशा में जल्द कदम उठाया जाना चाहिए. इस मामले में बिहार के लगभग सभी सांसदों ने खुद काे संबद्ध करते हुए सरकार से इस पर विचार करने की मांग की. सदस्यों की मांग पर सभापति वेंकैया नायडू ने कहा कि जब भी किसी राज्य में प्राकृतिक आपदा आती है तो उसे राष्ट्रीय आपदा घोषित करने की मांग की जाती है. लेकिन राष्ट्रीय आपदा की कोई व्यवस्था नहीं है. अगर कोई रेयरेस्ट ऑफ रेयर जैसे चक्रवात, बाढ़ या अन्य कोई प्राकृतिक आपदा आती है तो गृह मंत्रालय के तहत उसके लिए विशेष प्रावधान की व्यवस्था है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

अन्य खबरें