मुंगेर : बासुदेवपुर ओपी क्षेत्र के चुरंबा मनसा नगर स्थित नगर निगम डंपिंग यार्ड लगातार वहां के स्थानीय लोगों की परेशानियों को बढ़ा रहा है. जिससे वहां के लोगों में आक्रोश बढ़ता जा रहा है. नगर निगम द्वारा डंपिंग यार्ड में फेंके जाने वाले कचरे में शनिवार की देर रात असामाजिक तत्वों द्वारा आग लगा दी गयी.
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जला रहे प्लास्टिक कचरा, घुट रहा दम, स्थानीय लोगों का प्रदर्शन, कहा दें चहारदीवारी, गलाएं कचरा
मुंगेर : बासुदेवपुर ओपी क्षेत्र के चुरंबा मनसा नगर स्थित नगर निगम डंपिंग यार्ड लगातार वहां के स्थानीय लोगों की परेशानियों को बढ़ा रहा है. जिससे वहां के लोगों में आक्रोश बढ़ता जा रहा है. नगर निगम द्वारा डंपिंग यार्ड में फेंके जाने वाले कचरे में शनिवार की देर रात असामाजिक तत्वों द्वारा आग लगा […]
जिससे उठने वाले धुंए से वहां के स्थानीय लोग रविवार को पूरी तरह परेशान रहे. जिसके बाद सोमवार तक नगर निगम द्वारा कोई वैकल्पिक व्यवस्था नहीं किये जाने से आक्रोशित लोग विभागीय अधिकारी के विरुद्ध विरोध प्रदर्शन करने लगे.
जिसमें लोगों द्वारा नगर निगम पर आरोप लगाया गया कि प्रत्येक शनिवार को कचरे में आग लगा दिया जाता है. जिससे स्थानीय लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. जिसकी कोई वैकल्पिक व्यवस्था नगर निगम को करनी चाहिये.
विरोध प्रदर्शन कर रहे स्थानीय निवासी अब्दुल करीम, मो. नसीम, कलीम उद्दीन, अरसदी बानो, अजमेरी खातुन, जैनव, मो. मिजाउल, मो. सद्दाम, मेहताब आलम, मो. मियाज, मो. अनवर, मो. सावी ने बताया कि बीते शनिवार की देर रात भी किसी ने डंपिंग यार्ड के कचरों में आग लगा दिया. जिससे उठने वाले धुएं से यहां के लोग परेशान होते रहे. वहीं आज भी नगर निगम या आईटीसी द्वारा इससे बचाव को लेकर कोई व्यवस्था नहीं की गई है. जबकि डंप यार्ड के ठीक सामने ही एक स्कूल भी है.
लोगों ने बताया कि दो दिनों से डंपिंग यार्ड में लगे आग से उठ रहे धुएं के कारण स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों सहित आसपास रहने वाले बच्चों एवं बुजुर्गों को काफी परेशानी हो रही है. जबकि इस डंपिंग यार्ड में पूर्व में भी कई बार आग से उठने वाले धुएं से यहां के कई लोग बीमार पड़ चुके हैं.
लोगों ने नगर निगम प्रशासन एवं आईटीसी से मांग किया कि डंपिंग यार्ड के चारों ओर ऊंची चहारदीवारी का निर्माण कराया जाये. साथ ही कचरा को जलाने के बदले उसे गलाने का वैकल्पिक व्यवस्था की जाये. अगर जल्द ही लोगों की मांगों को पूरा नहीं किया जाता है तो स्थानीय लोगों को मजबूर होकर सड़क पर उतरना होगा.
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