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हरी सब्जियां हुईं लाल, रुला रही प्याज

मुंगेर : बरसात के मौसम में यूं तो हरी सब्जियों के भाव सामान्य रहते हैं, किंतु पिछले कुछ दिनों से थाली से सब्जियां दूर हो रही हैं. इसके कारण खास कर मध्यम वर्गीय परिवारों के खाने का जायका ही बिगड़ गया है. सब्जियों के दाम में जैसे आग सी लग गयी है. प्याज लोगों को […]

मुंगेर : बरसात के मौसम में यूं तो हरी सब्जियों के भाव सामान्य रहते हैं, किंतु पिछले कुछ दिनों से थाली से सब्जियां दूर हो रही हैं. इसके कारण खास कर मध्यम वर्गीय परिवारों के खाने का जायका ही बिगड़ गया है. सब्जियों के दाम में जैसे आग सी लग गयी है. प्याज लोगों को रुला रही है, तो टमाटर के दाम आसमान छू रहे हैं.

30 रुपए तक मिलने वाला टमाटर 40 रुपये मिल रहा है, जबकि प्याज 40 से 50 रुपये किलो की दर से बिक रहा है. धनिया पत्ता 400 रुपए किलोग्राम, तो अदरक 200 के पार पहुंच चुका है. अन्य सब्जियों का भी यही हाल है. अमूमन हरी सब्जी 30 से 40 रुपए किलोग्राम हो चुकी है. सब्जियों की बढ़ी कीमत के कारण रसोई का बजट गड़बड़ाने लगा है. कारोबारियों की मानें, तो प्रतिदिन आधा से एक किलो सब्जी लेने वाले ग्राहक अब पाव में सब्जी ले रहे हैं.
50 रुपये प्रति किलो बिक रहा प्याज
पिछले दो दिनों में प्याज के दर में 10-20 रुपये तक की तेजी आयी है. दो दिन पूर्व 30-40 रुपये किलो के भाव से बाजार में खुदरा प्याज बिक रहा था. किंतु अब वही प्याज 50 रुपये किलो के भाव में बिक रहा है. जिसके कारण अधिकांश लोगों ने तो अब प्याज खाना ही बंद कर दिया है. थोक विक्रेता गुड्डू राईन ने बताया कि कुछ दिन पूर्व तक राजस्थान से प्याज का आयात हो रहा था.
किंतु वर्तमान समय में राजस्थान में बाढ़ आ जाने के कारण वहां से प्याज आना बंद हो गया है. वहीं नासिक का भी प्याज इस बार नहीं आ पा रहा है. क्योंकि नासिक से प्याज मंगाने पर उसका किराया प्रति ट्रक 1.25 लाख पड़ जायेगा. जिससे प्रतिकिलो पर 5 रुपये की बढ़ोतरी हो जायेगी. वैसे भी नासिक का प्याज विदेश में निर्यात किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि मुंगेर में प्रतिदिन 10 टन प्याज का खपत है.
अक्तूबर से सस्ती होंगी सब्जियां
सब्जी कारोबारियों के अनुसार सितंबर माह तक सब्जियों के रेट में तेजी रहेगी. अक्टूबर से लोकल सब्जी बाजार में उतर जायेगी. इसके बाद ही रेट कम होने के आसार हैं.
क्योंकि तब तक बाजार में लोकल गोभी, लोकल भिंड्डी, लोकल धनियां पत्ता सहित अन्य हरी सब्जियां बाजार में आने लगेंगे. जिसके कारण बाहार से हरी सब्जियों का आयात कम हो जायेगा और लोकल सब्जी बाजार में उपलब्ध रहने के कारण इसके दाम भी घटेंगे. फिलहाल जो लोग आधा से एक किलो तक हरी सब्जियां खरीदते थे, वे पाव भर में ही संतोष कर रहे हैं. कई लोगों ने तो सब्जी के रूप में सिर्फ आलू को ही जगह दे रखी है.
बारिश से सब्जियों की कीमत में उछाल
बताया जाता है कि भारी बारिश के कारण पिछले 10 दिन में सब्जियों के भाव में उछाल आया है. जिसके कारण धनिया पत्ता 250 से 300 रुपए किलोग्राम तक पहुंच गया है. अदरक ने 100-120 से सीधे 200 रुपए किलोग्राम तक छलांग लगाई है.
बोरा 40 रुपये किलो, परबल 30 रुपये किलो, कद्दू 25-30 रुपये पीस, टमाटर 40-50 रुपये किलो तथा हरी मिर्च 60 से 80 रुपए किलोग्राम पर पहुंच चुका है. थोक सब्जी कारोबारियों की मानें, तो धनिया पत्ता बरसात के कारण तेजी से खराब होते हैं. दाम में उछाल का यह बहुत बड़ा कारण है. अपने नुकसान पाटने के लिए व्यवसायी उसे ऊंचे दाम पर बेचते हैं. बारिश के कारण हरी सब्जियों का आयात कम हो गया है. जिसके कारण लगातार इसके दाम में बढ़ोतरी हो रही है.

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