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पुल बेकार, खगड़िया गंगा पार

गतिरोध. एनएचएआइ नहीं दे रही राशि, एप्रोच पथ पर लगा ग्रहण मुंगेर में गंगा नदी पर रेल के साथ ही सड़क पुल बनकर तैयार है और डेढ़ वर्ष पूर्व ही देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस पुल का उद‍्घाटन भी कर दिया. लेकिन सड़क पुल बेकार पड़ा है. क्योंकि सड़क पुल को जोड़ने वाला […]

गतिरोध. एनएचएआइ नहीं दे रही राशि, एप्रोच पथ पर लगा ग्रहण

मुंगेर में गंगा नदी पर रेल के साथ ही सड़क पुल बनकर तैयार है और डेढ़ वर्ष पूर्व ही देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस पुल का उद‍्घाटन भी कर दिया. लेकिन सड़क पुल बेकार पड़ा है. क्योंकि सड़क पुल को जोड़ने वाला एप्रोच पथ अब तक नहीं बना है और मामला पथ के भू-अर्जन में फंसा है. जिला प्रशासन भू-अर्जन के लिए सभी औपचारिकता पूरी कर ली है. लेकिन नेशनल हाइवे ऑथरिटी ऑफ इंडिया (एनएचएआइ) भूमि अधिग्रहण के लिए राशि उपलब्ध नहीं करा रही. फलत: गंगा पुल के एप्रोच पथ पर ग्रहण लग गया है.
मुंगेर : मुंगेर गंगा नदी रेल सह सड़क पुल के एप्रोच पथ के लिए भूमि अधिग्रहण मामले का निष्पादन वर्षों से लंबित पड़ा हुआ है. कभी राज्य सरकार की पेंच में मामला फंस जाता है, तो कभी केंद्र सरकार व एनएचएआइ के बीच भूमि अधिग्रहण की कार्रवाई फंस जाती है. जबकि मुंगेर जिला प्रशासन ने भूमि का सर्वें कर अधिग्रहण के लिए एनएचआइ को जनवरी 2017 में ही राशि आवंटन के लिए डिमांड भेजा था. लेकिन अबतक एनएचएआइ भूमि अधिग्रहण के लिए एक फूटी कौड़ी भी नहीं उपलब्ध करायी है. फलत: करोड़ों का पुल बेकार पड़ा है.
भूमि अधिग्रहण के लिए चाहिए 185 करोड़ : देर से ही सही लेकिन मुंगेर जिला भू-अर्जन विभाग ने भूमि अधिग्रहण के लिए सर्वें पूरा कर एनएचएआइ को सौंप दिया. विभाग ने भू-स्वामियों को मुआवजा देकर भूमि अधिग्रहण के लिए 17 जनवरी 2017 को ही 185 करोड़ रूपया मुआवजा राशि का डमिांड भेजा था. लेकिन नौ माह बाद भी आजतक एक रुपया भी एनएचएआइ ने जिला को उपलब्ध नहीं कराया. कुछ महीने पूर्व एप्रोच पथ के लिए जिले के वरीय पदाधिकारियों ने एक विशेष बैठक बुलायी थी. जिसमें एनएचएआइ के क्षेत्रीय प्रबंधक ने भी भाग लिया था. बैठक में बताया गया था कि केंद्र सरकार द्वारा अब तक एनएचएआइ को राशि उपलब्ध नहीं कराया है. इस कारण भूमि अधिग्रहण के लिए जिला को राशि नहीं भेजी जा रही है.
चार मौजा का पुन: सर्वे कर रिपोर्ट एनएचआइ को सौंपा: एप्रोच पथ निर्माण के लिए संवेदक भी तय कर लिया गया. जो एनएचएआइ के नक्से पर जांच कार्य भी शुरू कर दिया है. जांच में कुछ जगहों पर एलाइमेंट नहीं मिलने के कारण पुन: नये सिरे से सर्वें कराने का निर्देश दिया गया. जिला भू-अर्जन विभाग ने चौखंडी एवं चोरंबा मैदान के समीप वार्डसी चादर नंबर 10, 14, 15 एवं 16 का सर्वे कर एनएचएआइ दिल्ली को सौंप दिया गया.
48 हेक्ट्रेयर जमीन का होना है अधिग्रहण:
गंगा पर बने रेल सह सड़क पुल के सड़क पहुंच पथ के लिए भूमि का अधिग्रहण के लिए लगभग 3 अरब 38 करोड़ रुपये की जरूरत है. जिससे गंगा पुल को एनएच 80 से जोड़ने के लिए मुंगेर क्षेत्र में 48 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण किया जाना है. पुल के एप्रोच पथ का एनएच मुंगेर क्षेत्र में जहां राष्ट्रीय उच्च पथ 80 से जुड़ेगा. वहीं बेगूसराय क्षेत्र में राष्ट्रीय उच्च पथ 31 से जुड़ेगा.
यह पथ मुंगेर नगर निगम के दस वार्डों एवं 34 मौजा के गांवों से गुजरेगी. एनएचएआइ द्वारा 9 किलोमीटर लंबी एप्रोच सड़क बनायी जायेगी. जिसे पुल से उतार कर सीधे एनएच में मिलाया जायेगा. शहरी क्षेत्र लालदरवाजा में 800 मीटर तक 60 मीटर चौड़ा जमीन अधिग्रहण किया जाना है. जबकि अन्य क्षेत्रों में 45 मीटर जमीन का अधिग्रहण किया जाना है. इस पथ में 20 मीटर चौड़ी सड़क का निर्माण किया जाना है.
34 गांवों से होकर गुजरेगी सड़क : 34 गांव होकर सड़क पुल का एप्रोच पथ गुजरेगी. जिसमें जानकीनगर, बनौधा, गुलालपुर, बांक, ताजपुर, दयानतनगर, लक्ष्मणपुर, सलेमपुर, कटरिया, मय, नंदलालपुर, चक मानसिंह, मीनाचक, शीतलपुर, मोजफरपुर कासिमपुर, हसन नगर, शंकरपुर, मुंगेर नगर निगम वार्ड संख्या 23 का चुरंबा, रायसर, वार्ड संख्या 19 का चुरंबा, रायसर, वार्ड संख्या 6 का श्यामपुर, चौखंडी, शेरपुर, केमखा, बांसगढ़ा, चंडीस्थान, बगचपड़ा, हरनाथपुर करारी, वासुदेवपुर, माधोकिता, वासुदेवपुर थाना नंबर 42, अमरपुर, जमालकिता, दुर्गापुर शामिल है.
अटका मुंगेर का आर्थिक विकास : एप्रोच पथ के अभाव में मुंगेर का आर्थिक विकास अटका हुआ है. बताया जाता है कि पुल पर सड़क बन तैयार है. लेकिन एप्रोच पथ के अभाव में उसकी उपयोगिता ही समाप्त है. अगर सड़क मार्ग चालू हो जाय तो बेगूसराय एवं खगड़िया से मुंगेर का व्यवसाय सीधा जुड़ जायेगा. प्रमंडीलय मुख्यालय होने के कारण उस क्षेत्र के अधिकांश लोगों का बाजार मुंगेर हो जायेगा. लेकिन एप्रोच पथ नहीं होने के कारण आर्थिक विकास का मामला अधर में लटका हुआ है.
कहते हैं पदाधिकारी
जिला भू-अर्जन पदाधिकारी विजय कुमार ने बताया कि एनएचएआइ को 185 करोड़ रूपया भूमि अधिग्रहण मुआवजे के लिए भेजा जा चुका है. लेकिन अबतक राशि नहीं आयी है. शीघ्र ही राशि आने की संभावना है और भूमि अधिग्रहण की कार्रवाई पूरी कर ली लायेगी. उन्होंने पीएफएमएस (पब्लिक फाइनांस मैनेजमेंट सिस्टम) के माध्यम से मुआवजे की राशि अब सीधे लाभुक के खाते में स्थानांतरित करने की व्यवस्था की गयी है. सरकार की यह मंशा है कि मुआवजे के भुगतान में पारदर्शिता लायी जाये.

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