38.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Trending Tags:

Advertisement

Debit card से लेन-देन पर ट्रेडिंग चार्ज बढ़ाने से रिटेलर नाराज

नयी दिल्ली : डेबिट कार्ड के जरिये लेन-देन पर शुल्क दरों में संशोधन के निर्णय पर खुदरा कारोबार करने वाली फर्मो विक्रेताओं ने नाराजगी जतायी है. उन्होंने सरकार और मांग की है कि मर्चेंट डिस्काउंट दर (एमडीआर) को तर्कसंगत रखा जाये. उनका कहना है कि प्रतिष्ठानों पर एमडीआर यानी कार्ड से भुगतान स्वीकार करने पर […]

नयी दिल्ली : डेबिट कार्ड के जरिये लेन-देन पर शुल्क दरों में संशोधन के निर्णय पर खुदरा कारोबार करने वाली फर्मो विक्रेताओं ने नाराजगी जतायी है. उन्होंने सरकार और मांग की है कि मर्चेंट डिस्काउंट दर (एमडीआर) को तर्कसंगत रखा जाये. उनका कहना है कि प्रतिष्ठानों पर एमडीआर यानी कार्ड से भुगतान स्वीकार करने पर लगाया जाने वाला शुल्क बढ़ाने से डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने के प्रयासों को झटका लगेगा.

इसे भी पढ़ेंः Digitization की आेर एक आैर कदम, डेबिट कार्ड से लेन-देन करने पर रिजर्व बैंक ने घटायी चार्ज

संगठित क्षेत्र के खुदरा कारोबारियों के संगठन रिटेलर्स एसोसियेसन आॅफ इंडिया (आरएआई) के सीईओ कुमार राजगोपालन ने कहा है कि डेबिट-क्रेडिट कार्ड के जरिये भुगतान करने पर एक प्रकार से राशि का हस्तांतरण होता है. राशि एक खाते से दूसरे खाते में हस्तांतरित की जाती है. सरकार डिजिटल लेन-देन को बढ़ावा देना चाहती है, तो इसके लिए एमडीआर को कम रखा जाना चाहिए, ताकि सभी को इसका फायदा हो.

एमडीआर शुल्क वह शुल्क होता है जो डेबिट कार्ड से भुगतान लेने वाले विक्रेता को बैंक को देना होता है. कुमार राजगोपालन ने कहा है कि इस संबंध में वह वित्त मंत्रालय, रिजर्व बैंक और नीति आयोग को पत्र लिखेंगे और खुदरा विक्रेताओं की पीड़ा को सरकार तक पहुंचायेंगे.

रिजर्व बैंक की आेर से छह दिसंबर को जारी मौद्रिक नीति समीक्षा में डेबिट-क्रेडिट कार्ड के जरिये भुगतान को तर्कसंगत बनाने का दावा करते हुए 20 लाख रुपये से कम कारोबार करने वाले व्यापारियों के लिए एमडीआर दर को बढ़ाकर 0.40 फीसदी कर दिया गया. हालांकि, इसमें 200 रुपये की अधिकतम सीमा तय कर दी गयी है.

इसी प्रकार, 20 लाख रुपये से अधिक कारोबार करने वाले बड़े व्यवसायियों के मामले में एमडीआर को 0.90 फीसदी करते हुए 1,000 रुपये की अधिकतम सीमा तय की गयी है. यह नयी व्यवस्था एक जनवरी, 2018 से लागू करने का प्रस्ताव है. क्यूआर कोड के जरिये होने वाली बिक्री पर ये शुल्क क्रमश: 0.30 फीसदी और 0.80 फीसदी तय किये गये हैं.

राजगोपालन ने कहा कि चीन जैसे बड़े देशों में यह दर मात्र 0.25 फीसदी तक ही है. उन्होंने कहा कि खुदरा कारोबार करने वाले छोटे-बड़े सभी विक्रेता आज 2 से 3 तीन प्रतिशत के मामूली मार्जिन पर काम कर रहे हैं. ऐसे में उन्हें यदि 0.9 फीसदी तक कार्ड भुगतान का खर्च उठाना पड़ेगा, तो उनका मार्जिन और कम होगा.

उन्होंने कहा कि वह इस बोझ को खरीदार पर डालने के लिए मजबूर हो जायेंगे या फिर कार्ड से लेन-देन करने के बजाये नकद राशि में लेनदेन को प्राथमिकता देंगे. सरकार ने पिछले साल नोटबंदी के बाद डिजिटल लेन-देन को बढ़ावा देने के लिए एमडीआर को 1,000 रुपये तक की खरीदारी पर मूल्य का 0.25 फीसदी और 1,000 रुपये से अधिक लेकिन 2,000 रुपये से कम पर खरीद मूल्य का 0.50 फीसदी कर दिया था.

इससे पहले 2,000 रुपये तक के लेन-देन पर एमडीआर 0.75 फीसदी और इससे अधिक की खरीद फरोख्त पर एक फीसदी था.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें