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एक नंबर पर नहीं लगती स्वतंत्रता सेनानी

यात्रियों को हो रही परेशानी, बुजुर्ग व दिव्यांग यात्रियों के लिए नहीं है ट्राली पाथ की व्यवस्था दो या तीन नंबर प्लेटफॉर्म पर स्वतंत्रता सेनानी का होता है ठहराव यात्रियों के लिए तीन नंबर प्लेटफॉर्म पर नहीं है यूरिनल व शौचालय मधुबनी : साल दर साल समय बीतता गया, जो सपने लोगों ने पाले थे […]

यात्रियों को हो रही परेशानी, बुजुर्ग व दिव्यांग यात्रियों के लिए नहीं है ट्राली पाथ की व्यवस्था

दो या तीन नंबर प्लेटफॉर्म पर स्वतंत्रता सेनानी का होता है ठहराव
यात्रियों के लिए तीन नंबर प्लेटफॉर्म पर नहीं है यूरिनल व शौचालय
मधुबनी : साल दर साल समय बीतता गया, जो सपने लोगों ने पाले थे वह सपना टूटता जा रहा है. पर आज तक जयनगर- नई दिल्ली स्वतंत्रता सेनानी सुपर फास्ट ट्रेन का एक नंबर प्लेट फॉर्म पर ठहराव नहीं हो सका. यह सुनने में भले ही छोटी बात लगती हो कि एक नंबर प्लेटफार्म पर किसी ट्रेन का ठहराव नहीं होने से क्या होगा. पर वर्तमान समय में मधुबनी स्टेशन के जो हाल हैं, उससे यह बहुत ही परेशानी का कारण बन गया है. खासकर बुजुर्ग व विकलांग यात्रियों के लिये. ट्राली पाथ नहीं रहने के कारण ओवर ब्रिज पार कर प्लेट फॉर्म पर पहुंचना पड़ता है. घंटो इंतजार. एक बार यदि विकलांग किसी प्रकार दो नंबर या तीन नंबर प्लेटफाॅर्म पर पहुंच भी गये तो दुबारा ट्रेन के आने तक इसी प्लेटफाॅर्म पर फजीहत झेलनी है.
लेकिन, रेल प्रशासन यात्रियों को सुविधा उपलब्ध कराने में अब तक नाकाम रहा है. वहीं स्टेशन के 2 व तीन नंबर प्लेट फॉर्म पर न तो उचित मात्रा में यात्री शेड है और न ही यात्रियों के शौचालय और यूरिनल की ही व्यवस्था है. ऐसे सबसे अधिक परेशानी महिला यात्रियों को होती है. स्वतंत्रता सेनानी में लगता है 22 कोच
100 मीटर छोटा है प्लेटफाॅर्म . जयनगर- नई दिल्ली स्वतंत्रता सेनानी में 22 कोच है. जिसके कारण इसका ठहराव एक नंबर प्लेट फॉर्म पर नहीं हो पाता है, क्योंकि प्लेट फॉर्म की लंबाई लगभग 100 मीटर कम है. ऐसे में इस ट्रेन का चार कोच आउट ऑफ प्लेट फॉर्म हो जाता है. जिसके कारण यात्रियों को ट्रेन में चढ़ने व उतरने में खतरा हो सकता है. ऐसे में इस प्लेट फॉर्म की लंबाई 100 मीटर बढ़ाने के बाद ही एक नंबर प्लेट फॉर्म पर स्वतंत्रता सेनानी का ठहराव हो सकता है. जो निकट भविष्य में संभव नहीं दिखता है. ऐसे में यात्रियों को इन परेशानियों से रूबरू होना मानों नियति बन चुका है.
समस्याओं का होगा निदान. इस संबंध में सीनियर डीओएम अमरेश कुमार ने बताया कि स्वतंत्रता सेनानी के एक नंबर प्लेट फॉर्म पर ठहराव के लिए क्या उपाय हो सकता है, इसकी गहनता से जांच करने के बाद जो व्यवस्था होगी उसे किया जायेगा. साथ ही यात्रियों के मूलभूत समस्याओं को भी दुरुस्त किया जायेगा.
सुविधाओं का है अभाव
एक नंबर प्लेट फॉर्म से दो व तीन नंबर प्लेट फॉर्म पर जाने के लिए केवल फुट ओवरब्रिज ही है. इसके अलावा ट्रॉली पाथ भी नहीं है, जिसके सहारे बुजुर्ग दिव्यांग यात्री को ट्रॉली पाथ के सहारे तीन नंबर प्लेट फॉर्म पर पहुंचाया जा सके. 2 व 3 नंबर प्लेट फॉर्म पर यात्री शेड का भी अभाव है. ऐसे में इस ट्रेन से यात्रा करने वाले यात्रियों को चिलचिलाती धूप में खड़ा होकर ट्रेन का इंतजार करना पड़ता है. इस ट्रेन ठहराव भी मात्र 2 मिनट का है, ऐसे में यात्रियों को लगभग आधा घंटा पहले प्लेट फॉर्म पर पहुंचना होता है. इतना ही नहीं यात्रियों के लिए यहां शौचालय व यूरिनल की भी कोई व्यवस्था नहीं किया गया है. ऐसे में यदि किसी महिला यात्री को बाथरूम जाने की आवश्यकता हो तो उसे या तो प्लेटफॉर्म नंबर एक पर आना पड़ेगा या फिर ट्रेन के आने तक इंतजार करना पड़ेगा. इतना ही नहीं यात्रियों को बारिश के समय भींग कर ही ट्रेन पकड़ना पड़ता है.
नहीं है यात्री शेड, धूप में रहना पड़ता है खड़ा
राजनगर निवासी विनोद कुमार ने बताया कि तीन नंबर पर यात्री शेड के अभाव के कारण धूप में ही खड़ा रहने को मजबूर है. बेलाही निवासी प्रेमचंद्र मिश्रा ने बताया कि प्लेट फॉर्म पर शौचालय व यूरिनल की व्यवस्था नहीं होने से काफी परेशानी हो रही है. बताते चलें कि स्टेशन को साफ-सफाई में देश में दूसरा स्थान प्राप्त हुआ है. लेकिन, देश के अव्वल स्टेशनों में शुमार होने के बाद भी यात्री सुविधा से कोसों दूर है स्टेशन. इतना ही नहीं स्टेशन के एक नंबर प्लेट फॉर्म पर भी यूरिनल व शौचालय की व्यवस्था नहीं है.

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