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Friday, March 29, 2024

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होलिका दहन आज, होली कल

मधुबनी : होलिका दहन की तैयारी में लोग जोर शोर से जुटे हैं. . गांव घर से लेकर शहर में भी लोगों ने होलिका दहन की तैयारी के लिये अपने अपने स्तर से पहल किया. ग्रामीण क्षेत्रों में होलिका दहन के लिये जलावन जुटाने में लोग लगे रहे. युवाओं की टोली अलग अलग भागों से […]

मधुबनी : होलिका दहन की तैयारी में लोग जोर शोर से जुटे हैं. . गांव घर से लेकर शहर में भी लोगों ने होलिका दहन की तैयारी के लिये अपने अपने स्तर से पहल किया. ग्रामीण क्षेत्रों में होलिका दहन के लिये जलावन जुटाने में लोग लगे रहे.
युवाओं की टोली अलग अलग भागों से सूखी व गिली लकड़ी जुटाने में लगे रहे. वहीं प्रशासन शांति व प्रेम पूर्वक होली मनाने को लेकर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किये हैं.
हर थाना को अलर्ट कर दिया गया है. इधर, अस्पताल में आपात स्थिति से निपटने के लिये इमरजेंसी को खोल कर रखने का निर्देश दिया है. हालांकि ओपीडी 22 मार्च को बंद रखा जायेगा. इसी प्रकार अग्निशमन विभाग को भी किसी भी विशेष परिस्थिति में तत्काल रवाना होने का आदेश जारी कर दिया गया है.
बाजार में हर्बल होली की मांग : रंगों का पर्व होली में बाजार मे केमिकल गुलाल व रंग से हो रहे हानि को देखते हुए लोग हर्बल गुलाल की अधिक मांग कर रहे हैं. इसको लेकर इस साल बाजार में लिए बाजार में विभिन्न कंपनियों के हर्बल गुलाल उपलब्ध है. इसकी लोग अधिक मांग कर रहे हैं.
हालांकि बाजार में उजला रंग, काला रंग, पीला रंग सहित कई प्रकार के घोल वाले रंग भी बिक रहे हैं. विभिन्न कंपनियों के रंग व अबीर के साथ दुकान सजने लगी है. जिसमें राकेश, मोहन, नवरंग, राजेंद्र कंपनी व खुला रंग बाजार में उपलब्ध है. जहां कंपनी के बने 20 रुपये में 100 ग्राम का पैकेट मिल रहा है. वहीं खुला गुलाल 200 रुपये किलो बाजार में उपलब्ध है.
वहीं आरा रोट अबीर व जेनरल अवीर 50 रुपये किलो उपलब्ध है. वहीं वैसे लोग जो स्प्रे से होली खेलने के शौकिन है उसके लिए सोना, चांदी स्प्रे, पांपट अबीर, मुर्गा छाप स्प्रे सहित अन्य स्प्रे बाजार में उपलब्ध है. इस बार हर्बल गुलाल की मांग भी अधिक हो रही है.
होली में रहेगी चाक चौबंद सुरक्षा व्यवस्था. होली त्योहार को शांतिपूर्वक ढंग से मनाने को लेकर प्रशासन ने कमर कस ली है. जिला पदाधिकारी ने सभी प्रखंड विकास पदाधिकारी एवं थानाध्यक्षों को निर्देश दिया है कि त्योहार को शांतिपूर्वक एवं सौहार्दपूर्ण माहौल में मनाने को लेकर प्रखंड एवं थाना स्तर पर शांति समिति की बैठक का आयोजन करें. साथ ही त्योहार के मौके पर समाज में सद्भाव को बिगाड़ने वाले तत्वों की पहचान करें व उनके विरुद्ध कारवाई शुरू कर दें.
संयुक्त देश में बलों की हुई तैनाती
जिला पदाधिकारी शीर्षत कपिल अशोक एवं पुलिस अधीक्षक सत्य प्रकाश ने होली में सुरक्षा को लेकर संयुक्तादेश निकाला है. इस संयुक्त आदेश में कहा गया है कि थाना क्षेत्र के हर चौक चौराहों पर दंडाधिकारी के साथ पुलिस बल की व्यवस्था की गयी है. होली त्योहार में 20 मार्च से 22 मार्च के अपराह्न तक दंडाधिकारी के साथ पुलिस बल की प्रतिनियुक्त की जायेगी.
अगर किसी स्थान पर होली के दौरान कोई अप्रिय घटना घट जाती है तो पदाधिकारी के तैनाती की अवधि बढायी जा सकती है. इसके लिए बीडीओ, सीओ एवं थानाध्यक्ष तत्काल दूरभाष पर जिला मुख्यालय पर सूचित करेंगे एवं जरूरत के अनुसार पुलिस बल की तैनाती की जायेगी.
जिला नियंत्रण कक्ष की स्थापना.होली त्योहार में विधि व्यवस्था पर सुक्ष्म निगाह रखने एवं त्वरित गति से कारवाई के लिए जिला नियंत्रण कक्ष की स्थापना समाहरणालय के प्रथम तल पर स्थित सभा कक्ष में कर दिया गया है.. नियंत्रण कक्ष 20 एवं 21 मई को कार्यरत रहेगा. नियंत्रण कक्ष के प्रभारी एडीएम दुर्गा नंद झा एवं डीएसपी मुख्यालय सतीश चंद्र मिश्र होंगे. नियंत्रण कक्ष का मोबाइल नंबर 06276-224425 है.
चार ग्रुप में वरीय पदाधिकारी, पुलिस पदाधिकारी एवं कर्मियों की प्रतिनियुक्ति नियंत्रण कक्ष में रहेंगा. फायर बिग्रेड, एंबुलेंस एवं डाक्टर की टीम भी नियंत्रण कक्ष में प्रतिनियुक्त की गयी है. जिले में कहीं भी अप्रिय घटना होने पर नियंत्रण कक्ष को सूचना दी जा सकती है. नियंत्रण कक्ष से तत्काल उक्त स्थल पर पुलिस व दंडाधिकारी रवाना करेगी.
आज रात में 8 बजकर 58 मिनट से 11 बजकर 34 मिनट तक है शुभ मुहूर्त
होलिका दहन को लेकर कइ प्रकार की मान्यताएं व शास्त्रोक्ति है. एक मान्यता है कि प्रह्लाद को जलाने के लिये जब हिरण्यकश्यप ने अपनी बहन होलिका को आदेश दिया तो होलिका प्रह्लाद को लेकर अपने साथ वरदान में मिले कंबल लेकर आग में बैठ गयी. पर देव कृपा से हवा चली और कंबल प्रह्लाद के उपर आ गया. परिणाम हुआ कि होलिका जल कर भष्म हो गयी, और प्रह्लाद बच गये. उसी दिन से होलिका दहन की प्रथा है.
दूसरी प्रथा बताते हुए मंगरौनी निवासी पंडित ऋषिनाथ झा बताते हैं कि हिमालय पुत्री माता पार्वती ने शिव की तपस्या भंग करने की योजना बनाई. इसके लिये माता पार्वती ने कामदेव की सहायता ली. कामदेव ने प्रेमवाण चलाकर भगवान शिव की तपस्या भंग कर दी. इस बात से शिव अत्यंत क्रोधित हो गए. क्रोध से उन्होंने अपनी तीसरी आंख खोल दी.
उनके इस क्रोध की ज्वाला में कामदेव का शरीर भस्म हो गया. यहां प्रेमवाण ने अपना असर दिखाया. तब शिवजी को माता पार्वती को देखते ही उनमें प्रेम जागृत हो गया. और उन्हें अपनी पत्नी रूप में स्वीकार कर लिया. कामदेव के भस्म को प्रेम का प्रतीक मानकर इस पर्व को मनाया जाने लगा. पंडित श्री झा ने कहा कि होली प्रेम का पर्व है.
इसे प्रेम भाव से मिलजुल कर मनाया जाना चाहिए. इस पर्व में शपथ लेना चाहिए कि अपने माता पिता की सेवा करें. इससे लोगों को सभी कष्टों का निवारण होगा. श्री झा ने जानकारी दी कि होलिका दहन बुधवार को रात्रि 8 बजकर 58 मिनट से 11 बजकर 34 मिनट तक है. जबकि होली गुरुवार को मनाई जायेगी. इस दिन लोग रंग गुलाल का खेल खेलेंगे.
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