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मधेपुरा : प्रबंधक को एक महीने बाद भी नहीं मिला संपूर्ण प्रभार

प्रभार नहीं मिलने से न्यास का कार्य हो रहा है प्रभावित मंगलवार को नहीं खुला दानपेटी का ताला मधेपुरा : सिंहेश्वर मंदिर न्यास समिति के प्रबंधक पद पर नियुक्ति के एक महीने बाद भी नवनियुक्त प्रबंधक को संपूर्ण प्रभार नहीं मिला है, जबकि गत नौ अक्तूबर से फरार चल रहे पूर्व प्रभारी प्रबंधक ने सोमवार […]

प्रभार नहीं मिलने से न्यास का कार्य हो रहा है प्रभावित
मंगलवार को नहीं खुला दानपेटी का ताला
मधेपुरा : सिंहेश्वर मंदिर न्यास समिति के प्रबंधक पद पर नियुक्ति के एक महीने बाद भी नवनियुक्त प्रबंधक को संपूर्ण प्रभार नहीं मिला है, जबकि गत नौ अक्तूबर से फरार चल रहे पूर्व प्रभारी प्रबंधक ने सोमवार को न्यास कार्यालय पहुंच कर प्रभार देने से इनकार कर दिया.
सचिव के तीन-तीन आदेश के बावजूद पूर्व प्रभारी प्रबंधक दुबारा सारा प्रभार नहीं सौंपने से अब मंदिर में व्यवस्था की समस्या उत्पन्न हो गयी है. इसी वजह से मंगलवार को न तो दानपेटी का ताला खुल सका और न ही साप्ताहिक गिनती हो सकी. स्थिति यह है कि प्रबंधक कार्यालय में दो दो ताला मारा हुआ है.
न्यास समिति व बोर्ड के खिलाफ हाई कोर्ट गये पूर्व प्रभारी प्रबंधक : जनवरी 2016 में तत्कालीन प्रबंधक महेश्वर सिंह का कार्यकाल पूरा होने पर न्यास समिति ने वैकल्पिक व्यवस्था के तहत फोर्थ ग्रेड कर्मी उदयकांत झा को तत्काल प्रबंधक का प्रभार सौंपा था.
इस बीच छह अक्तूबर को पटना उच्च न्यायालय के आदेश के आलोक में बिहार राज्य धार्मिक न्यास पर्षद ने सिंहेश्वर मंदिर न्यास समिति को प्रबंधक के रूप में रवि कुमार झा की नियुक्ति का आदेश जारी करते हुए चार्ज ग्रहण कराने का निर्देश दिया.
इसके आलोक में नौ अक्तूबर को मंदिर न्यास समिति के सचिव सह डीडीसी ने रवि कुमार झा को प्रभार ग्रहण करने का आदेश जारी करते हुए रवि कुमार का योगदान लेकर प्रभार ग्रहण कराया, लेकिन पूर्व प्रभारी प्रबंधक कार्यालय में ताला मारकर फरार हो गये और 12 अक्तूबर को पटना हाई कोर्ट में न्यास समिति व बोर्ड के खिलाफ केस फाइल कर दी. हालांकि उदयकांत झा टोकन नंबर दिखाते हुए केस फाइल करने का दावा कर रहे हैं, लेकिन अब तक केस नंबर नहीं आया है.
प्रबंधक कार्यालय में लगा दो ताला:
न्यास समिति के नियमानुसार बाबा मंदिर स्थित दानपेटी का एक चाभी प्रबंधक व दूसरे ताले का चाभी सदस्य के पास होना चाहिए, लेकिन पूर्व प्रभारी उदयकांत झा नौ अक्तूबर को दानपेटी की एक चाभी के साथ प्रबंधक कार्यालय में ताला मारकर गायब हो गये.
13 अक्तूबर को जब नवनियुक्त प्रबंधक के बिना अनुमति के गर्भ गृह स्थित दानपेटी का ताला खोला गया, तो उन्होंने सचिव सह डीडीसी के आदेश से गिनती को बंद कर दानपेटी में पुनः ताला लगवा दिया.
मौके पर प्रभारी लेखपाल ने प्रबंधक को जानकारी दी कि दानपेटी का ताला नियम विरूद्ध खोला गया है. वहीं बताया गया कि बिना प्रभार सौंपे पूर्व प्रभारी प्रबंधक के ताले का चाभी कौन और कहां से लेकर आए यह जरूर बताये. नियम विरूद्ध प्रबंधक के ताले की चाभी एक ही व्यक्ति के पास होने पर तत्कालीन सचिव ने सदस्यों को स्थिति संदेहास्पद बताया.
साथ ही सचिव ने प्रभार देने तक प्रबंधक को दानपेटी खोल कर गिनती करवाने का निर्देश दिया, लेकिन सोमवार को पूर्व प्रभारी प्रबंधक के प्रभार देने से इंकार करने पर एक बार फिर से मामला फंस गया है. नियम संगत प्रबंधक की चाभी किसके पास रहेगी यह सचिव को तय करनी है.
सचिव के आदेश को ठेंगा दिखा रहे हैं पूर्व प्रभारी प्रबंधक : मंदिर न्यास समिति के पूर्व प्रभारी प्रबंधक उदयकांत झा सचिव के आदेश को ठेंगा दिखा रहे हैं. उन्होंने प्रभार सौपने से इंकार किया है. पूर्व प्रभारी प्रबंधक ने कहा की प्रबंधक की नियुक्ति के खिलाफ वे हाई कोर्ट गये हुए है.
इधर, मंदिर न्यास समिति के सचिव ने एक नहीं तीन-तीन पत्र जारी कर उन्हें प्रभार सौंपने का निर्देश दिया है. जब अंतिम निर्धारित तिथि तक प्रबंधक को संपूर्ण प्रभार नहीं सौंपा गया तो 23 अक्तूबर को सचिव सह डीडीसी ने पूर्व प्रभारी प्रबंधक को फरारी घोषित करते हुए एसडीओ को मजिस्ट्रेट की तैनाती करके प्रभार दिलाने के लिए पत्र भी निकाला.
वहीं दूसरी तरफ गत 27 दिनों से फरार चल रहे पूर्व प्रभारी प्रबंधक के अचानक से मंदिर पहुंचने पर लोगों में उहापोह की स्थिति बनी हुई है. लोगों को उम्मीद है कि सोमवार को प्रभार ग्रहण करने के बाद बतौर सचिव एसडीओ इस समस्या का हल निकाल सकते हैं.

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