कानपुर : हाल के दिनों में कई गैरसरकारी संगठनों के शोध ने यह साफ बताया है कि वर्तमान में छात्र-छात्राओंमें मानसिक तनाव की घटनाओं में वृद्धि हुई है. युवा इस तनाव की वजह से हमेशा कोई न कोई गलत कदम उठा लेते हैं. खासकर, यूपी और देश के अन्य राज्यों में छात्रों के अलावा छात्राओं के आत्महत्या का मामला बढ़ता जा रहा है. एनसीआरबी के आंकड़ों से पता चलता है कि 2015 में भारत में आत्महत्या करने वाले करीब 70 फीसदी पीड़ितों की सालाना आय 100,000 रुपये से कम थी. हालांकि यह आंकड़ा छात्रों के लिए अलग नहीं है, लेकिन यह आत्महत्या और वित्तीय स्थिति के बीच के संबंधों के अध्ययन के निष्कर्षों की पुष्टि करता है.
युवा आत्महत्याओं में नशीले पदार्थ का सेवन भी महत्वपूर्ण कारण है। 12 राज्यों में आयोजित किये गये राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य सर्वेक्षण, 2015-16 के अनुसार, 18 साल से अधिक आयु में भारत की 22 फीसदी से अधिक आबादी शराब, तंबाकू और अन्य नशीली दवाओं का सेवन करती है. सर्वेक्षण के दौरान में 18 से अधिक उम्र के 9 फीसदी पुरुष और 0.5 फीसदी महिलाओं में शराब की लत देखी गयी.
कानपुर के अशोक नगर इलाके में कक्षा आठ के एक छात्र ने अपने घर में पिता की रायफल से गोलीमार कर आत्महत्या कर ली. क्षेत्राधिकारी नजीराबाद सूर्यपाल सिंह ने बताया कि गौरव शुक्ला :13: ने कल शाम अपने घर में पिता की रायफल से गोली मार कर आत्महत्या कर ली. उस समय उसकी मां और बहन घर में काम में व्यस्त थी. गोली की आवाज सुनकर जब वह कमरे में पहुंची तो उन्होंने वहां गौरव को जमीन पर गिरा हुआ पाया. वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अखिलेश मीना ने बताया कि रायफल को जब्त कर लिया गया है और पुलिस मामले की जांच कर रही है. हालांकि, कारणों का खुलासा अभी नहीं हो पाया है, लेकिन बताया जा रहा है कि छात्र बहुत तनाव में था.
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