मथुरा :अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की भारत यात्रा से पहले आगरा में यमुना को स्वच्छ अविरल बनाने के लिए गंगाजल को छोड़ा गया है. इसके लिए गंगनहर ने पानी देने का फैसला किया है. ट्रंप की यात्रा को लेकर अहमदाबाद में झुग्गी-बस्तियों के सामने दीवार खड़ी करने की भी खबरें चर्चा में है.
उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग के अधीक्षण अभियंता धर्मेंद्र सिंह फोगाट ने बताया कि अमेरिकी राष्ट्रपति (डोनाल्ड ट्रंप) के आगरा आगमन को ध्यान में रखते हुए यमुना नदी की पर्यावरणीय स्थिति में सुधार के लिए मांट नहर के रास्ते 500 क्यूसेक गंगाजल मथुरा में छोड़ा गया है.
यह पानी अगले तीन दिन में मथुरा और उसके 24 घण्टे बाद 21 फरवरी की दोपहर तक आगरा पहुंचेगा. फोगाट ने कहा, विभाग की कोशिश है कि गंगाजल की यह मात्रा यमुना में 24 फरवरी तक निरंतर बनी रहे.
प्रशासन के इस कदम पर उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण विभाग के सहायक अभियंता डॉक्टर अरविन्द कुमार ने बताया, यदि आगरा में यमुना नदी के प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए 500 क्यूसेक गंगाजल छोड़ा गया है तो वह निश्चित रूप से प्रभाव डालेगा.
मथुरा के साथ-साथ आगरा में भी यमुना नदी में घुले ऑक्सीजन की मात्रा बढ़ेगी तथा बायोलॉजिकल ऑक्सीजन डिमाण्ड व केमिकल ऑक्सीजन डिमाण्ड की मात्रा में कमी आएगी. इतना होने पर यमुना का पानी पीने योग्य भले ही न हो पाये, परंतु उसके दुष्प्रभाव व बदबू में तो कमी होने की आशा कर सकते हैं.
पिछले दो दशक से भी ज्यादा वक्त से मथुरा में यमुना की स्वच्छता के लिए काम कर रहे श्रीमाथुर चतुर्वेद परिषद के गोपेश्वर नाथ चतुर्वेदी का कहना है, गंगा से पानी छोड़कर कुछ खास लाभ नहीं होने वाला. इससे भले ही एक दिन के लिए सरकार की लाज बच जाए लेकिन कुछ नहीं बदलेगा. गंदगी शायद दूर हो जाए लेकिन बदबू दूर होने की संभावना क्षीण है.
अमेरिकी राष्ट्रपति के 24 से 26 फरवरी तक भारत यात्रा पर आने की योजना है. इस दौरान वह राजधानी दिल्ली सहित गुजरात के अहमदाबाद और उत्तर प्रदेश के आगरा भी जा सकते हैं. अहमदाबाद में वह ‘हाउडी मोदी’ जैसे एक कार्यक्रम को संबोधित करेंगे जबकि आगरा में ताजमहल का दीदार करेंगे.
ट्रंप और उनकी पत्नी मेलानिया ट्रंप की यह पहली आधिकारिक भारत यात्रा है. अहमदाबाद में ट्रंप का पहले साबरमती आश्रम जाने और फिर वहां से इंदिरा ब्रिज के रास्ते हाल में बने मोटेरा क्रिकेट स्टेडियम तक जाने का कार्यक्रम है. स्टेडियम जाने के रास्ते में कुछ दूर तक झुग्गी-बस्तियां हैं, जहां गुजरात सरकार सड़क के किनारे-किनारे ऊंची दीवार बना रही है.