नेशनल कंटेंट सेल
पश्चिम बंगाल में इस बारे के लोकसभा चुनाव में प्रचंड बढ़त केवल एक पार्टी भाजपा को मिली है. भाजपा और टीएमसी के वोट शेयर में केवल 3.1 प्रतिशत का अंतर रह गया है. इससे भी ज्यादा दिलचस्प है 2014 के मुकाबले भाजपा और टीएमसी के वोट प्रतिशत में बढ़ोतरी की दर. इन दो दालों को छोड़ कर सीपीएम सहित सभी के वोट प्रतिशत में भारी गिरावट आयी, मगर टीएमसी के वोट प्रतिशत में जहां 04 प्रतिशत की वृद्धि हुई, वहीं भाजपा ने टीएमसी के करीब छह गुना से भी ज्यादा 24.6 प्रतिशत ज्यादा वोट हासिल किया. उसे 2014 में महज 16.8 प्रतिशत वोट मिले थे.
इस बार उसने 40.2 प्रतिशत वोट प्राप्त किया. टीएमसी 2014 में 39.3 प्रतिशत वोट मिले थे. इस बार 40.2 फीसदी वोट मिले हैं. इस नतीजे के बाद सवाल उठ रहा है कि जिस तरह से सूबे में भाजपा ने लोकसभा चुनावों में दमदार प्रदर्शन किया है, उसका 2021 में होने वाले विधानसभा चुनाव में क्या असर होगा? क्या मोदी की आंधी में विधानसभा चुनाव में ममता बनर्जी की कुर्सी छिन जायेगी?
128 विस क्षेत्र में भाजपा का उम्दा प्रदर्शन
दरअसल, राज्य में 294 विस सीट हैं. इस लोस चुनाव में भाजपा ने 128 विस क्षेत्र में उम्दा प्रदर्शन किया है. इन विस सेग्मेंट पर उसके प्रत्याशी विजयी हुए हैं. यानी की कुल विस सीटों की 43.5% सीटें भाजपा के खाते में गयी हैं. जाहिर है, आने वाले विस चुनाव में भाजपा का बढ़ता कद ममता बनर्जी के लिए खतरा बन सकता है.