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झारखंड में विधायकों को पार्टी को लीड कराने का मिला टास्क, नहीं तो पड़ेंगे संकट में

सुनील चौधरीभाजपा विधायकों को प्रत्याशी की जीत तय करने का निर्देश, कांग्रेस-झामुमो के विधायकों को मिला टास्करांची : झारखंड के लोकसभा चुनाव में इस बार वर्तमान विधायकों की प्रतिष्ठा भी दांव पर है. उनके सामने सबसे बड़ी चुनौती अपने विधानसभा क्षेत्र में अपनी पार्टी या सहयोगी पार्टी के प्रत्याशी को लीड दिलाने की है. यदि […]

सुनील चौधरी
भाजपा विधायकों को प्रत्याशी की जीत तय करने का निर्देश, कांग्रेस-झामुमो के विधायकों को मिला टास्क
रांची :
झारखंड के लोकसभा चुनाव में इस बार वर्तमान विधायकों की प्रतिष्ठा भी दांव पर है. उनके सामने सबसे बड़ी चुनौती अपने विधानसभा क्षेत्र में अपनी पार्टी या सहयोगी पार्टी के प्रत्याशी को लीड दिलाने की है. यदि संबंधित विधानसभा क्षेत्र में लीड नहीं मिला, तो छह महीने बाद होनेवाले विधानसभा चुनाव में उनके टिकट का मामला फंस सकता है. इसे देखते हुए सभी दलों के विधायक भी लोकसभा प्रत्याशियों के साथ खुद भी मेहनत कर रहे हैं. रैली हो या सभा, वहां समर्थकों को जुटाने से लेकर सभा आयोजन तक का काम विधायकों को ही करना पड़ रहा है.

विधायकों के मामले में एनडीए मजबूत : झारखंड में कुल 81 विधानसभा सीट है और 14 लोकसभा सीट है. 14 लोकसभा में 12 सीट भाजपा के पास है और दो सीट झामुमो के पास है. जहां तक विधायकों की संख्या की बात है, तो इस समय सबसे अधिक विधायक एनडीए गठबंधन में हैं. एनडीए गठबंधन में भाजपा और आजसू हैं. भाजपा के पास इस समय 43 विधायक है और आजसू के पास पांच यानी कुल 48 विधायक हैं. आजसू के पांच विधायकों में एक विधायक चंद्रप्रकाश चौधरी गिरिडीह सीट से आजसू प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ रहे हैं.

दूसरे स्थान पर झामुमो है, जिसके पास 19 विधायक हैं. इनमें दो विधायक जगरनाथ महतो और चंपई सोरेन खुद ही चुनाव लड़ रहे हैं. कांग्रेस के पास आठ विधायक हैं. गीता कोड़ा के कांग्रेस में शामिल हो जाने के बाद विधायकों की संख्या नौ हो गयी है. इनमें दो विधायक गीता कोड़ा चाईबासा से और सुखदेव भगत लोहरदगा से लोकसभा का चुनाव लड़ रहे हैं. झाविमो के पास दो विधायक हैं. इनमें एक विधायक प्रदीप यादव खुद ही गोड्डा सीट से चुनाव लड़ रहे हैं.

भाजपा ने दिया है सख्त निर्देश : भाजपा की लगभग सभी बैठकों में विधायकों को बार-बार हिदायत दी गयी है कि अपने-अपने क्षेत्र में एनडीए प्रत्याशी की जीत सुनिश्चित करें. सूत्रों ने बताया कि जो विधायक अपने-अपने क्षेत्र में लीड नहीं करेंगे, तो नवंबर-दिसंबर 2019 में होने वाले विधानसभा चुनाव में इनके परफार्मेंस के आधार पर टिकट वितरण में पार्टी पुनर्विचार करेगी. यानी उनका टिकट भी कट सकता है. जैसे कि रांची लोकसभा सीट में छह विधानसभा सीट है. इसमें सिल्ली, रांची, कांके, हटिया, खिजरी व इचागढ़ विधानसभा सीट है. इन छह विधानसभा सीट में पांच सीट पर भाजपा का कब्जा है. केवल सिल्ली सीट है, जहां झामुमो का कब्जा है. इन पांचों सीट के वर्तमान विधायकों के समक्ष प्रत्याशी को जीत दिलाने की चुनौती होगी. वहीं सिल्ली से झामुमो की विधायक को गठबंधन के तहत कांग्रेस प्रत्याशी की जीत सुनिश्चित करने की चुनौती होगी. रांची लोकसभा में कांग्रेस के पास फिलहाल कोई सीट नहीं है.

इसी तरह खूंटी लोकसभा सीट में खरसावां, तमाड़, तोरपा, खूंटी, कोलेबिरा और सिमडेगा सीट आता है. इन छह विधानसभा सीट में खरसावां और तोरपा झामुमो के पास है. कोलेबिरा कांग्रेस के पास और तमाड़ आजसू के पास है. जबकि खूंटी और सिमडेगा भाजपा के पास है. खूंटी लोकसभा सीट से भाजपा के उम्मीदवार अर्जुन मुंडा हैं, तो कांग्रेस की तरफ से काली चरण मुंडा मैदान हैं. काली चरण मुंडा कांग्रेस के हैं पर उनके भाई खूंटी के विधायक नीलकंठ सिंह मुंडा हैं. यानी नीलकंठ सिंह मुंडा के पास खूंटी से अर्जुन मुंडा को जिताना एक बड़ी चुनौती होगी. वहीं तमाड़ सीट एनडीए के घटक दल आजसू के पास है. यहां से विकास मुंडा विधायक हैं. अभी वो विक्षुब्ध चल रहे हैं. यह सीट भी चुनौती भरी होगी. वहीं तोरपा और खरसावां से कांग्रेस को लीड दिलाना झामुमो के लिए चुनौती भरा काम होगा.

सभी दलों के विधायकों के लिए चुनौती भरा काम

रांची और खूंटी की तरह ही अन्य लोकसभा क्षेत्र में ही जहां-जहां जिस दल के विधायक हैं, उन्हें अपने दल या सहयोगी दल के प्रत्याशी को जीत दिलाना चुनौती भरा काम होगा. इधर, हजारीबाग लोकसभा सीट में पड़नेवाले रामगढ़ विधानसभा पर भी सबकी नजर है. वजह है कि रामगढ़ के विधायक चंद्रप्रकाश चौधरी इस बार गिरिडीह लोकसभा सीट से खुद ही चुनाव लड़ रहे हैं. जबकि हजारीबाग सीट से भाजपा के जयंत सिन्हा उम्मीदवार हैं. अब श्री चौधरी गिरिडीह में व्यस्त हैं, तो उन्हें रामगढ़ से भाजपा को लीड दिलाना चुनौती भरा काम होगा.

कितनी है प्रमुख पार्टी के विधायकों की संख्या
भाजपा- 43

झामुमो -19

कांग्रेस- 09

झाविमो- 02

आजसू- 05

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