भंडरा/लोहरदगा : भंडरा प्रखंड के कुंदो गांव में भारत सरकार पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के सचिव परमेश्वर अय्यर, झारखंड सरकार पेयजल स्वच्छता विभाग की सचिव आराधना पटनायक, स्वच्छ भारत मिशन के निदेशक अबू इमरान सहित अन्य अधिकारियों ने दौरा किया. दौरे के क्रम में अधिकारियों ने स्वच्छ भारत मिशन के तहत बने शौचालयों को देखा औरपूर्व में बने शौचालय, जो पेयजल स्वच्छता विभाग द्वारा स्वच्छ भारत मिशन के तहत बनाया गया था. उनका भी अवलोकन किया गया.
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ओडीएफ भी बना, निर्मल गांव भी बना, लेकिन शौचालय ही नहीं बना
भंडरा/लोहरदगा : भंडरा प्रखंड के कुंदो गांव में भारत सरकार पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के सचिव परमेश्वर अय्यर, झारखंड सरकार पेयजल स्वच्छता विभाग की सचिव आराधना पटनायक, स्वच्छ भारत मिशन के निदेशक अबू इमरान सहित अन्य अधिकारियों ने दौरा किया. दौरे के क्रम में अधिकारियों ने स्वच्छ भारत मिशन के तहत बने शौचालयों को देखा […]
अधिकारियों ने पाया कि पूर्व में बना शौचालय अधूरा है और उसका उपयोग ग्रामीण नहीं करते हैं. स्वच्छ भारत मिशन के तहत भी बने शौचालयों की स्थिति बेहतर नहीं पायी गयी. अधिकारियों ने निरीक्षण के क्रम में कई ग्रामीणों से भी बात की, तो ग्रामीणों ने बताया कि शौचालय का निर्माण पूरा नहीं हुआ था और हमारे गांव को निर्मल ग्राम घोषित कर दिया गया था. उसके बाद पुनः पेयजल स्वच्छता विभाग के द्वारा कुछ शौचालयों का निर्माण कराने के बाद गांव को ओडीएफ घोषित कर दिया गया, लेकिन पूरी तरह शौचालय का निर्माण हुआ ही नहीं.
अधिकारियों ने इस पर नाराजगी व्यक्त की और संबंधित विभाग के अधिकारी से पूछा कि इस तरह की हरकत कैसे हुई. पूरे गांव में शौचालय का निर्माण पूरी तरह हुआ ही नहीं और निर्मल ग्राम के साथ-साथ ओडीएफ भी घोषित कर दिया गया. अधिकारियों ने उपायुक्त आकांक्षा रंजन से भी इस मामले में विचार विमर्श किया. अधिकारियों का दल कुछ देर कुंदो गांव में रहने के बाद पुनः रांची वापस लौट गया.
मालूम हो कि भारत सरकार के सचिव परमेश्वर अय्यर रांची आये थे और रांची से ही सभी जिलों के अधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की और रेंडम जांच के लिए सचिव आराधना पटनायक के साथ लोहरदगा जिला के कुंदो गांव पहुंच गये.
शौचालय का उपयोग ग्रामीणों के लिए सुलभ हो : डीसी : इस संबंध में जिले की उपायुक्त आकांक्षा रंजन ने बताया कि अधिकारियों का दल कुंदो गांव आया था. उन्होंने धरातल पर हुए काम को देखा.अधिकारियों ने इस बात पर भी विचार किया कि पुराने शौचालय जो दूसरी योजना से बनायी गयी थी. उसका उपयोग पुन: मरम्मत कराकर कैसे किया जा सकता है. शौचालय का उपयोग ग्रामीणों के लिए सुलभ हो, इस पर भी अधिकारियों ने चर्चा की.
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