प्रशासनिक अमला से लेकर जनप्रतिनिधि भी खामोश
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दफन हो रही हैं खेल प्रतिभाएं
प्रशासनिक अमला से लेकर जनप्रतिनिधि भी खामोश अधर में लटका है मिनी स्टेडियम बनाने का मामला कुड़ू : प्रखंड के खेल मैदान लापरवाही की भेंट चढ़ गये है. प्रखंड के बदहाल खेल मैदान से खेल प्रतिभाओं की धार कुंद होती जा रही है. प्रखंड में मिनी स्टेडियम बनाने का मामला चार साल से अधर मे […]
अधर में लटका है मिनी स्टेडियम बनाने का मामला
कुड़ू : प्रखंड के खेल मैदान लापरवाही की भेंट चढ़ गये है. प्रखंड के बदहाल खेल मैदान से खेल प्रतिभाओं की धार कुंद होती जा रही है. प्रखंड में मिनी स्टेडियम बनाने का मामला चार साल से अधर मे लटका है. प्रखंड क्षेत्र में एक दर्जन से अधिक मैदान हैं. इनमें संत विनोवा भावे खेल मैदान कुड़ू टाटी, माराडीह मैदान, टाकू मैदान, चीरी मैदान, सलगी मैदान, जीमा मैदान, ककरगढ़ मैदान, उडुमुड़ू बारीडीह मैदान, जिंगी, टिको मैदान समेत अन्य शामिल हैं. सभी मैदान सरकारी उपेक्षाओं से बदहाली की दौर से गुजर रहें. इसके बावजूद सरकारी अमला व जनप्रतिनिधि खामोश हैं.
प्रखंड में एक से बढ़ कर एक प्रतियोगिताएं होती हैं. इनमे मुख्य रूप से कुड़ू का प्राइज मनी नाॅक आउट रात्रि क्रिकेट प्रतियोगिता, कुड़ू कप फुटबाॅल प्रतियोगिता, चटकपुर में फुटबाॅल प्रतियोगिता समेत अन्य शामिल हैं. प्रखंड के प्रायः सरकारी कार्यक्रम, प्रखंडस्तरीय खेलकूद से लेकर बाल समागम, नेताओं, मंत्रियों, मुख्यमंत्री के कार्यक्रम बदहाल मैदानों में होता.
प्रखंड में मिनी स्टेडियम बनाने का मामला चार साल से अधर में लटका हुआ है. खेल मैदान में कानूनी अड़चन से मामले में पेंच फंसा है. खेल मैदान के अभाव में खेती करने वाले जमीन पर वॉलीबॉल कोट से लेकर क्रिकेट मैदान बना कर खिलाड़ी तैयारी कर रहे है. प्रखंड में एक भी खेल मैदान ठीक नहीं होने से खिलाड़ी जिला स्तर में पहुंचते हार कर वापस लौट जा रहे है.
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