लोहरदगा : किस्को प्रखंड क्षेत्र में पिछले एक सप्ताह से हो रही बारिश, तेज आंधी-तूफान और ओलावृष्टि से जनजीवन अस्त- व्यस्त हो गया है. इस मौसम ने खास कर किसान वर्ग के लोगों की कमर तोड़ कर रख दी है. किसानों की लाखों की लगी फसल पूरी तरह बर्बाद हो गया है. किसान अपनी आंखों से अपनी बर्बादी देख कर भी कुछ कर नहीं पा रहे हैं.
आंधी-तूफान से लोगों के घरों को भी नुकसान पहुंच है. घरों में लगे एस्बेस्टस तेज आंधी के कारण उड़ जा रहे हैं. जबकि आम, जामुन, लीची तथा अन्य फलदार वृक्षों को भी क्षति पहुंची है. किसानों के खेत में लगे गेहूं, खरबूजा, टमाटर, भिंडी, बोदी, प्याज, करेला, मिर्चा समेत अन्य फसल पूरी तरह बर्बाद हो गये हैं. बारिश, तेज आंधी-तूफान और ओलावृष्टि से बगड़ू और हिसरी पंचायत के दर्जनों किसानों की फसल बर्बाद हो गयी है. किसान प्रशासन से मदद की गुहार लगा रहे हैं.
हिसरी पंचायत के बड़चोरगाई, जोगियारा, मेरले तथा बगड़ू गांव के किसान काफी परेशान हैं. किसानों में बड़चोरगाई, छोट चोरगाई, हिसरी अगरडीह से पंचम लोहरा, मुकेश उरांव, चुन्नी उरांव, रामकिशुन उरांव, चंद्र प्रकाश लोहरा, रमेश उरांव, संदीप उरांव, राजू उरांव, जट्टू उरांव, राजेश उरांव, अरविंद उरांव, ज्ञान उरांव, पतरातू से सुरेश बैठा, मेरले से प्रकाश साहू, श्रवन साहू, चंद्रावल भोला उरांव, जग्गू साहू, पंकज साहू, ब्रिज साहू , चोरगाई से सागर महतो, सुरेंद्र साहू की लगभग 50 एकड़ में लगी फसल पूरी तरह बर्बाद हो चुकी है.
इससे किसानों को लगभग 15 लाख रुपये के नुकसान का अनुमान है. किसान पंचम लोहरा का कहना है कि फसल तैयार होने से एक किसान को लगभग एक लाख रुपये मुनाफा होता. लेकिन अब हमारे पास खेती करने को लेकर पैसा भी नहीं बचा है. जिससे दूसरी खेती कर सकें. उन्होंने कहा है कि खेती ही प्रमुख पेशा है जो पूरी तरह बर्बाद हो चुका है.
मुकेश राव का कहना है कि खेती ही जीवनयापन करने का सहारा है. अगर हमें सरकारी सुविधा नहीं मिलती है तो फिर से हम लोग खेती नहीं कर पायेंगे. इस संबंध में अंचल अधिकारी बुराय शारू का कहना है कि जिसका फसल क्षतिग्रस्त हुआ है वो लोग अंचल कार्यालय में आवेदन जमा कर दें. क्षतिग्रस्त फसलों की जांच करा कर भुगतान कराया जायेगा.