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उत्तरी – पश्चिम कोने पर मिला 53 मीटर गोलाई वाला मिला विशाल सुरक्षा टावर

तीसरे चरण की हो रही है खुदाई बौद्ध महाविहार के दौरान सुरक्षा व्यवस्था के पुख्ता इंतजाम रहने के मिल चुके हैं प्रमाण 25 नवंबर 2017 को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार स्वयं पहुंच कराये थे खुदाई कार्य प्रारंभ अब तक दो चरणों की खुदाई में मिल चुके हैं बौद्ध महाविहार होने के पुख्ता प्रमाण 50 से अधिक […]

  • तीसरे चरण की हो रही है खुदाई
  • बौद्ध महाविहार के दौरान सुरक्षा व्यवस्था के पुख्ता इंतजाम रहने के मिल चुके हैं प्रमाण
  • 25 नवंबर 2017 को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार स्वयं पहुंच कराये थे खुदाई कार्य प्रारंभ
  • अब तक दो चरणों की खुदाई में मिल चुके हैं बौद्ध महाविहार होने के पुख्ता प्रमाण
  • 50 से अधिक बौद्ध भिक्षुओं के रहने के सेल सहित मिले हैं अनेकों पुरातात्विक अवशेष
लखीसराय : विश्व मानचित्र पर लखीसराय जिला को महत्वपूर्ण स्थान दिलाने वाले जिला मुख्यालय स्थित लाली पहाड़ी के तीसरे चरण की खुदाई प्रारंभ होने के बाद सोमवार की देर शाम खुदाई कार्य के दौरान मिल रहे बौद्ध महाविहार के उत्तर पश्चिम दिशा में एक विशाल सुरक्षा टावर मिला है. जिसकी गोलाई लगभग 53 मीटर की बतायी जा रही है.
वैसे तो पूर्व के दो चरणों की खुदाई में अलग-अलग कोणों में भी सुरक्षा टावर मिल चुके हैं लेकिन उनकी मापी नहीं की गयी थी, अब उत्तर पश्चिम कोण पर मिले टावर की मापी के बाद अन्य कोणों पर स्थित टावर के भी इसी गोलाई की मानी जा रही है. वैसे पूरी खुदाई के बाद सभी टावरों की माप की जायेगी.
खुदाई स्थल पर कार्य की मॉनेटरिंग कर रहे विश्वविद्यालय शांतिनिकेत विश्वविद्यालय पश्चिम बंगाल के शोधकर्ता छात्र सुरजीत दास एवं राहुल नाथ ने बताया कि बौद्ध महाविहार की सुरक्षा की व्यापक व्यवस्था रही थी. चारों कोणों में सुरक्षा टावरों के साथ-साथ कुछ अन्य टावर भी मिल रहे हैं. जिससे यह साबित होता है कि उस समय लोग अपनी सुरक्षा का कितना ख्याल रखा जाता होगा. उन्होंने बताया कि अब तक की खुदाई में बौद्ध महाविहार में रहने के लिए बौद्ध भिक्षुओं के 50 से अधिक कक्ष(सेल) मिल चुके हैं. वहीं बीच में कक्षों के साथ बरामदा भी मिल रहा है.
तीसरी बार सीएम के आगमन की प्रतीक्षा में है लाली पहाड़ी
25 नवंबर 2017 को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार स्वयं हेलीकॉप्टर से लाली पहाड़ी पहुंच खुदाई कार्य का प्रारंभ किये थे. बताया जाता है कि लाली पहाड़ी की खुदाई को लेकर सीएम काफी उत्साहित हैं तथा अब तक दो बार लाली पहाड़ी पर पहुंच खुदाई कार्य को देख चुके हैं. इस दौरान खुदाई में मिले महाप्रणाल सहित अन्य भग्नावशेषों को देख काफी आश्चर्यचकित हुए थे. इस बार भी जल जीवन हरियाली यात्रा के दौरान उम्मीद की जा रही है कि सीएम नीतीश कुमार लाली पहाड़ी पहुंच सकते हैं.
गंगा घाटी में पहली बार पहाड़ी पर मिला है बौद्ध महाविहार
खुदाई कार्य की मॉनेटरिंग कर रहे तथा अब तक खुदाई कार्य का पूर्ण संचालन करने वाले विश्वभारती शांतिनिकेतन विश्वविद्यालय पश्चिम बंगाल के प्राचीन इतिहास एवं पुरातत्व विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ अनिल कुमार ने बताया कि गंगा घाटी क्षेत्र में पहाड़ी पर मिलने वाला यह पहला बौद्ध महाविहार है.
इसके साथ ही उन्होंने बताया कि सुरक्षा के लिहाज से लाली पहाड़ी स्थित बौद्ध महाविहार में जितना ख्याल रखा गया था उतना अन्य जगहों के बौद्ध महाविहार में देखने को नहीं मिलता है. उन्होंने बताया कि विक्रमशिला में भी सुरक्षा को लेकर मात्र एक सुरक्षा टावर ही मिला था.
जबकि लाली पहाड़ी की अब तक की खुदाई में बौद्ध महाविहार के चारों कोणों में चार सुरक्षा टावर के अलावा उत्तर व दक्षित दिशाओं में भी बीच में दो छोटे-छोटे सुरक्षा टावर अब तक मिल चुके हैं. उन्होंने बताया कि लाली पहाड़ी स्थित मिलने वाला बौद्ध विहार कई दृष्टि में विश्व के अन्य बौद्ध महाविहारों से अलग प्रतीत हो रहा है. खुदाई के दौरान यहां विश्व में पहली बार लकड़ी का वोटिव भी मिला था, जबकि अन्य जगहों पर पत्थर व मिट्टी का ही वोटिव मिला है.

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