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सिस्टमेटिक तरीके से चल रही थी मिनी शराब फैक्ट्री

कोडरमा : शराब के अवैध कारोबार व निर्माण को लेकर कोडरमा एक बार फिर चर्चा में है. पड़ोसी राज्य बिहार में शराबबंदी लागू होने के बाद शुरू हुई शराब की तस्करी के साथ अवैध निर्माण रुकने का नाम नहीं ले रहा है. गत दिनों चंदवारा के बेंदी पंचायत स्थित जंगली क्षेत्र बीरगढ़ा में उत्पाद विभाग […]

कोडरमा : शराब के अवैध कारोबार व निर्माण को लेकर कोडरमा एक बार फिर चर्चा में है. पड़ोसी राज्य बिहार में शराबबंदी लागू होने के बाद शुरू हुई शराब की तस्करी के साथ अवैध निर्माण रुकने का नाम नहीं ले रहा है. गत दिनों चंदवारा के बेंदी पंचायत स्थित जंगली क्षेत्र बीरगढ़ा में उत्पाद विभाग व पुलिस की संयुक्त टीम ने जिस मिनी शराब की फैक्ट्री का भंडाफोड़ किया था, वह पूरे सिस्टमेटिक तरीके से संचालित हो रही थी. टीम मंगलवार दोपहर करीब दो बजे जब उक्त स्थल पर पहुंची तो स्थिति देख हैरान रह गयी.

यहां ऑटोमैटिक कैनन मशीन के जरिये शराब का देसी मसालेदार पाउच बनाने का पूरा सेटअप लगा हुआ था. यही नहीं पास में एक कुआं भी स्थित था, जिसमें मोटर लगाकर पानी का प्रयोग किया जा रहा था. शराब माफियाओं ने जंगल से घिरे इस क्षेत्र में पूरी सोची समझी रणनीति के तहत फैक्ट्री लगायी थी, पर उत्पाद विभाग को सूचना मिल गयी और पूरा सेट अप पकड़ा गया.

छापामारी के संबंध में संयुक्त रूप से जानकारी देते हुए एसपी डाॅ एम तमिल वाणन व उत्पाद अधीक्षक अजय कुमार गोड़ ने बुधवार को बताया कि मौके पर से एक ऑटोमेटिक मशीन, जेनरेटर के अलावा दो सिनटेक्स, दो सौ लीटर स्प्रीट, नौ रॉल पॉली फिल्म जिस पर झारखंड सरकार उत्पाद विभाग अंकित है बरामद किया गया है. जानकारी प्राप्त हुई है कि इस मिनी फैक्ट्री का संचालन वृंदा चौपारण हजारीबाग निवासी संजय यादव तथा बीरगढ़ा चंदवारा निवासी भरत सिंह, शनिचर सिंह व अन्य मिल कर कर रहे थे. इन तीनों के विरुद्ध उत्पाद विभाग द्वारा संबंधित अधिनियम के तहत प्राथमिकी दर्ज की गयी है. सभी आरोपी फरार हैं. इनकी गिरफ्तारी के लिए न्यायालय से वारंट जारी करने की अपील की जायेगी. कोडरमा थाना में आयोजित प्रेस वार्ता में एसपी ने बताया कि लोकसभा चुनाव नजदीक है. ऐसे में बिहार व झारखंड के सीमावर्ती इलाकों में अभी से चौकसी बरती जा रही है. कोडरमा के सीमावर्ती भानेखाप में इन दिनों माओवादी गतिविधि संचालित होने की सूचना है. इसको लेकर भी पुलिस चौकस है.
लाखों की मशीन, एक घंटे में करती है हजारों पाउच तैयार : उत्पाद अधीक्षक ने बताया कि बरामद ऑटोमैटिक मशीन लाखों रुपये की लागत की है. बताया जाता है कि इससे एक घंटे के अंदर करीब दस हजार पाउच तैयार किया जा सकता है. ऐसे में अवैध शराब का धंधा पूरी तरह संचालित करने की तैयारी थी. यही नहीं बिहार का सीमावर्ती इलाका होने के कारण इसे वहां खपाने की भी तैयारी होगी. प्लांट संचालित होने की जानकारी पिछले चार-पांच दिनों से मिल रही थी.
गांव से ले गये थे बिजली कनेक्शन, तार के सहारे पहुंची टीम : बीरगढ़ा में शराब की फैक्ट्री संचालित होने की सूचना पर छापामारी करने गयी टीम को प्लांट खोजने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ा. बेंदी से उक्त जगह करीब आठ किलोमीटर की दूरी पर है. टीम का नेतृत्व कर रहे उत्पाद अवर निरीक्षक संदीप कुमार नाग के अनुसार शराब माफियाओं ने बीरगढ़ा गांव से प्लांट तक बिजली कनेक्शन पहुंचाया था. इसके लिए जमीन के अंदर से बिजली की तार डाल कर ले जाया गया था. गांव में मुश्किल से दो-तीन घर हैं. जांच के दौरान तार का कनेक्शन जंगली क्षेत्र की ओर पाये जाने पर शक हुआ. बाद में इसके सहारे ही टीम अंदर गयी और करीब दो सौ मीटर अंदर संचालित प्लांट पकड़ा गया.
इधर, अवैध शराब के मामले में दो पकड़ाये : चंदवारा : थाना क्षेत्र के पश्चिमी भाग में अवैध रूप से शराब की खरीद-बिक्री करते दो युवकों को उत्पाद विभाग की टीम ने गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार आरोपियों में दुकान संचालक अशोक यादव (पिता जगन्नाथ महतो) निवासी चंदवारा व शराब विक्रेता राजेश साहू (पिता बिरजू साहू) निवासी वृंदा चौपारण जिला हजारीबाग शामिल हैं.

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