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अष्टमी पर महागौरी की पूजा को लेकर मंदिरों व पूजा पंडालों में उमड़ी भीड़, शक्ति की भक्ति में लीन हुआ अभ्रकांचल

झुमरीतिलैया : पूरे अभ्रकांचल में दुर्गापूजा को लेकर उत्साह देखने को मिल रहा है. झुमरीतिलैया शहर सहित अन्य जगहों पर दुर्गापूजा के अवसर पर पूजा पंडालों में श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ा है. विभिन्न पंडाल जहां लोगों का आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं. वहीं सभी पंडालों में आकर्षक लाइटिंग की भी व्यवस्था की गयी […]

झुमरीतिलैया : पूरे अभ्रकांचल में दुर्गापूजा को लेकर उत्साह देखने को मिल रहा है. झुमरीतिलैया शहर सहित अन्य जगहों पर दुर्गापूजा के अवसर पर पूजा पंडालों में श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ा है. विभिन्न पंडाल जहां लोगों का आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं. वहीं सभी पंडालों में आकर्षक लाइटिंग की भी व्यवस्था की गयी है.
शारदीय नवरात्र के आठवें दिन विभिन्न पूजा पंडालों में महाअष्टमी को लेकर आदि शक्ति मां भवानी के आठवें स्वरूप महागौरी की पूजा-अर्चना पूरे विधि-विधान से वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ हुई. विभिन्न मंदिरों, पूजा पंडालों में सुबह से ही पूजा को लेकर महिलाएं, युवतियां पहुंचने लगी. इसका सिलसिला देर शाम तम जारी रहा. इससे पहले सुबह 10 से 11 बजे तक श्रद्धालुओं ने माता समेत अन्य देवी-देवताओं को पुष्पांजलि किया. इसके उपरांत 12़.30 बजे शुरू हुई संधि पूजा 45 मिनट तक चली.
पंडितों की मानें तो संधि बलि के दौरान महाष्टमी व महानवमी का मिलन होता है. इस दिन महिलाएं उपवास भी रखती हैं. संधि पूजा में माता को आठ फल, आठ भाजा व हलवा पूड़ी का भोग लगता है. इस अवसर पर श्रद्धालु 108 दीपक जला कर माता की आराधना करते हैं. मान्यता है की महाष्टमी में संधि पूजा का व्रत रखने से किसी भी प्रकार का कष्ट नहीं होता है.
घरों में सुख समृद्धि का वास होता है. पूजा पंडालों में संधि पूजा के बाद श्रद्धालुओं के बीच माता के भोग का वितरण हुआ. वहीं संध्या में पूजा पंडालो में ढांक के धुन पर हुए महाआरती में भीड़ उमड़ पड़ी. लोग माता के दर्शन के बाद मंडप परिसर में लगे मेले का भी लुफ्त लेते नजर आ रहे हैं. दुर्गोत्सव को लेकर चारों ओर उत्साह व उल्लास का माहौल है.
श्रद्धालु शक्ति की भक्ति में लीन हैं. माता के जयकारों और भजनों की गूंज से पूरा जिला का वातावरण भक्तिमय हो गया है. लोग पंडालों में मां भवानी के दर्शन कर अपने परिवार की सुख-समृद्धि की कामना कर रहे हैं. अगले दो दिनों तक पूरा जिला शक्ति की भक्ति में लीन रहेगा.
सिद्धिदात्री की उपासना आज
नवरात्र के अंतिम दिन गुरुवार को आदि शक्ति मां भवानी के नौवों स्वरूप सिद्धि दात्री रूप की उपासना की जाएगी. मां सिद्धिदात्री सभी प्रकार की सिद्धियों को प्रदान करने वाली है. मां के स्वरूप की पूजा देव, किन्नर, दानव, ऋषि मुनि, साधक व संसार के सभी मनुष्य नवरात्र के नौवें दिन करते हैं. ऐसी मान्यता है कि मां के इस स्वरूप की पूजा करने से आठों सिद्धियां प्राप्त होती हैं.
माता सिद्धि दात्री की चार भुजाएं हैं. इनकी सवारी सिंह है. माता कमल पुष्प पर विराजमान होती हैं. वहीं नवरात्र के नौवें दिन नौ कन्याओं की पूजा करने का भी अत्यधिक महत्व है. नवरात्र कर रहे सभी श्रद्धालु नवमी के दिन नौ कन्याओं की पूजा कर उनका आशीर्वाद लेते हैं. मान्यता है कि नौवीं के दिन नौ कन्यायों की पूजा करने से माता के नौ स्वरूपों की पूजा का फल मिलता है. घरों में सुख समृद्धि का वास होता है.
महाष्टमी की पूजा में शामिल हुई शिक्षामंत्री
कोडरमा बाजार. जिला मुख्यालय व आसपास के क्षेत्रों में स्थित पूजा पंडालों में महाष्टमी के मौके पर मां दुर्गे के आठवें स्वरूप महागौरी की पूजा अर्चना के उपरांत संधि बलि हुई. शक्ति की भक्ति में डूबे लोगों ने माता रानी के आठवें स्वरूप की विधि विधान के साथ पूजा अर्चना कर मंगलकामना की. शिक्षा मंत्री डॉ. नीरा यादव भी महाष्टमी की पूजा में शामिल हुई.
उन्होंने जिलेवासियों के लिए सुख-समृद्धि की कामना की. मंत्री ने जिलेवासियों को दुर्गोत्सव की शुभकामनाएं देते हुए शांति, भाईचारगी व सद्भावना के साथ त्योहार मनाने और विधि व्यवस्था को कायम रखने में प्रशासन को सहयोग करने की अपील की है.
ताराटांड़ में बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ का संदेश
शहर में दुर्गा पूजा को लेकर उत्साह है तो कुछ पूजा समितियों द्वारा विभिन्न सामाजिक मुद्दों को लेकर अलग-अलग थीम के माध्यम से लोगों को सामाजिक संदेश देने का प्रयास किया जा रहा है. सार्वजनिक दुर्गा पूजा समिति ताराटांड़ ने इस बार बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान के संदेश को देते हुए अलग थीम बनाया है.
इसका उद्घाटन मंगलवार की देर शाम जिप अध्यक्ष शालिनी गुप्ता व विधायक प्रतिनिधि रवि कपसिमे ने संयुक्त रूप से किया. मौके पर शालिनी गुप्ता ने सार्वजनिक पूजा समिति ताराटांड़ की सराहना करते हुए कहा कि खुशी है कि समिति द्वारा सिर्फ भक्ति का कार्यक्रम नहीं किया जाता है, बल्कि यहां सामाजिक कार्यक्रम भी होता है. बेटियों को बचाने के लिए, पढ़ाने के लिए संदेश देना सार्थक प्रयास है. उन्होंने कहा कि नारी का सम्मान सिर्फ नौ दिन न करें, बल्कि 365 दिन करें तभी मां की सच्ची आराधना होगी.
उन्होंने कहा कि जिस देश में नारी को पूजा जाता है, वह देश हमेशा ही कल्याण के गोद में रहता है. मौके पर संरक्षक उदय सिंह, अध्यक्ष अजय वर्मा, नरेंद्र आर्या, राजेश भदानी, मुरली साव, रंधीर कुमार, राजू साव, प्रतीक कपसिमे, नूतन आर्य, शैलजा आर्य, सृष्टि आर्य, सीमा आर्य, वंश आर्य, गौतम आर्य, अतुल कपसिमे, रितिक कपसिमे, हर्ष भदानी, सक्षम, मोनू आर्य, अतुल, अजीत, निखिल, कुणाल कपसिमे, तन्मय, तुषार, प्रतीक कपसिमे आदि मौजूद थे.

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