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शृंगार के बजाय देव पूजा पर ध्यान लगायें

श्रद्धालुओं ने गाजे-बाजे के साथ नगर भ्रमण किया झुमरीतिलैया: बजरंग नगर स्थित छठ तालाब के निकट चल रहे श्री श्री 1008 श्री सूर्य नारायण प्राण प्रतिष्ठा एवं पंच दिवसीय यज्ञ के दूसरे दिन श्रद्धालु भक्तों ने गाजे-बाजे के साथ नगर भ्रमण किया. इस दौरान भगवान के जयकारे से पूरा शहर गूंजता रहा. नगर भ्रमण के […]

श्रद्धालुओं ने गाजे-बाजे के साथ नगर भ्रमण किया
झुमरीतिलैया: बजरंग नगर स्थित छठ तालाब के निकट चल रहे श्री श्री 1008 श्री सूर्य नारायण प्राण प्रतिष्ठा एवं पंच दिवसीय यज्ञ के दूसरे दिन श्रद्धालु भक्तों ने गाजे-बाजे के साथ नगर भ्रमण किया. इस दौरान भगवान के जयकारे से पूरा शहर गूंजता रहा. नगर भ्रमण के दौरान रास्ते में पड़ने वाले सभी मंदिरों में पूजा-अर्चना की गयी. इसके बाद धृतढारी हुई. वेदी पूजा, अन्नाधिवास व आरती हुई. संध्या पहर अयोध्या से आयी प्रवचनकर्ता देवी प्रेमा सखी ने अपने प्रवचन के दौरान शिव विवाह पर प्रकाश डाला. उन्होंने बताया कि तुलसी बाबा रामचरितमानस में चौपाई के माध्यम से भोले बाबा का बहुत सुंदर शृंगार किया हैं. जब से लोग अपने साज शृंगार में ज्यादा ध्यान देने लगे तब से लोग देव पूजा पर कम ध्यान देने लगे हैं.
देवी-देवता भोले बाबा के शृंगार में ध्यान नहीं देते. उन्होंने कहा कि संसार के दूल्हा विवाह करने जाते हैं तो मउर पहन कर, लेकिन जब भोलेनाथ अपने जटा को ही मुकुट बनाकर विवाह करने जा रहे हैं. ऐसा इसलिए क्योंकि संसार के दूल्हा जब विवाह करने मउर पहन कर जाते हैं, तब तक मउर की बहुत सेवा करते हैं.
विवाह संपन्न होने के बाद उस मउर को कोई बांस वाली बिट में फेंक दिया जाता है या नदी में प्रवाहित कर दिया जाता है. यही स्वार्थ है, इसलिए भोले बाबा कहते हैं मैं ऐसा कभी नहीं करूंगा अगरऐसा किया तो जीव और शिव में क्या अंतर रह जायेगा. मैं उसी को अपने विवाह में साथ लेकर जाऊंगा जो हमेशा साथ रह जायेगा.
वहीं सारे संसार के दूल्हा विवाह से पहले हल्दी का उबटन शरीर में लगाते हैं. लेकिन भोले बाबा हल्दी का उबटन नहीं लगा कर राख का उबटन लगा रहे हैं. संसार का दूल्हा काम को बढ़ाने के लिए हल्दी का उबटन लगाकर जाता हैं. वहीं भोले बाबा संसार को बताना चाहते हैं कि देखो संसारियों में विवाह भी कर रहा हूं तो निजी काम सूख भोग करने नहीं, मैं तो संसार के हित के लिए विवाह करने जा रहा हूं, इसलिए भोले बाबा अपने शरीर में राख के उबटन लगा कर जाते हैं.
उन्होंने कहा कि सभी को अपने सांसारिक कार्यों के साथ ही देवी देवताओं की पूजा अर्चना करने की आवश्यकता है. नगर भ्रमण में संरक्षक विनोद दिवाना, उपाध्यक्ष अनिल सिंह, सचिव दिलीप रजक, कोषाध्यक्ष मुकेश श्रीवास्तव, विजय रजक, विवेक कुमार, रवि कुमार, बीरेंद्र केवट, अजय रजक, जगदीश सोनी, वीणा देवी, कुसुम देवी, अनिता देवी, बबीता देवी, सिखा देवी, मंजु देवी सहित कई श्रद्धालु शामिल थे.

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