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एक नामजद आरोपी ने मुनेश को दिये थे दो लाख रुपये

कोडरमा : कांग्रेस जिलाध्यक्ष शंकर यादव की स्काॅर्पियो को बम प्लांट कर उड़ाने के मामले में मुख्य आरोपी मुनेश यादव की गिरफ्तारी के बाद नये खुलासे होने शुरू हो गये हैं. गिरफ्तारी के बाद अदालत से पुलिस ने मुनेश को पांच दिन के रिमांड पर लिया है. रिमांड के पहले दिन पुलिस की पूछताछ में […]

कोडरमा : कांग्रेस जिलाध्यक्ष शंकर यादव की स्काॅर्पियो को बम प्लांट कर उड़ाने के मामले में मुख्य आरोपी मुनेश यादव की गिरफ्तारी के बाद नये खुलासे होने शुरू हो गये हैं. गिरफ्तारी के बाद अदालत से पुलिस ने मुनेश को पांच दिन के रिमांड पर लिया है. रिमांड के पहले दिन पुलिस की पूछताछ में मुनेश यादव ने कई ऐसी जानकारी दी है, जिससे पुलिस हैरान है.
उसके आधार पर आगे की जांच की जा रही है. पहले दिन हुई पूछताछ में यह बात सामने आयी है कि घटना को अंजाम देने के लिए एक व्यक्ति ने फाइनेंस किया था. यहीं नहीं मुनेश को विस्फोटक उपलब्ध कराने के साथ ही उसे आॅटो में प्लांट करने के लिए एक निश्चित जगह पर विस्फोटक को पहुंचाने में भी इस व्यक्ति की भूमिका रही है.
वह व्यक्ति कोई और नहीं, बल्कि शंकर यादव की पत्नी हेमलता यादव द्वारा चंदवारा थाना में दर्ज कराये गये कांड संख्या 16/18 के आरोपियों में से एक है. पुलिस टीम इस नये खुलासे के बाद उक्त आरोपी के संबंध में जानकारी जुटा रही है. इसके आधार पर उक्त आरोपी की गिरफ्तारी को लेकर प्रयास होंगे. जानकारी के अनुसार रिमांड के दौरान एसआइटी में शामिल पुलिस पदाधिकारियों की पूछताछ में मुनेश यादव ने स्वीकार किया है कि झुमरी निवासी गुल्ली यादव के एक पुत्र ने उस घटना को अंजाम देने में सहयोग के लिए दो लाख रुपये दिए थे. इसके अलावा करीब छह-सात किलो विस्फोटक पदार्थ भी उसे एक निश्चित जगह पर इसने पहुंचा कर दी थी. मुनेश ने पुलिस को उस जगह की भी जानकारी दी है, जहां पर दो लाख व विस्फोटक पदार्थ पहुंचा कर दिया गया था.
यह क्षेत्र हजारीबाग जिले में पड़ता है. ज्ञात हो कि 13 फरवरी को चंदवारा थाना क्षेत्र के ढाम थाम के पास अपराधियों ने आॅटो में बम प्लांट कर शंकर यादव की स्कार्पियो को उड़ा दिया था. इस घटना में शंकर यादव के साथ उनके निजी अंगरक्षक कृष्णा यादव व चालक धर्मेंद्र यादव की मौत हो गयी थी. पुलिस ने इस मामले का पांच दिनों के अंदर खुलासा करते हुए मुख्य आरोपी मुनेश यादव के साथ ही उसके छोटे भाई पवन यादव, नरेश यादव, सुदीप यादव, रामदेव यादव को गिरफ्तार किया था.
गुल्ली यादव के परिवार पर बढ़ी पुलिस की नजर
मुनेश यादव के नये खुलासे के बाद पुलिस की नजर झुमरी निवासी गुल्ली यादव के परिवार पर बढ़ गयी है.इस परिवार के चारों बेटे जीवलाल यादव, विजय यादव, अशोक यादव व शंकर यादव के अलावा मुनेश यादव पर शंकर यादव की पत्नी ने हत्या का मामला दर्ज कराया था. अब मुनेश ने इस परिवार के एक बेटे का नाम फाइनेंस करने के तौर पर लिया है, तो पुलिस इसके सत्यापन में लग गयी है. एसपी शिवानी तिवारी ने दो लाख फाइनेंस करने व विस्फोटक उपलब्ध कराने में इस परिवार के एक व्यक्ति का नाम लिये जाने की पुष्टि की. हालांकि, उन्होंने जांच की दृष्टिकोण से उसका नाम नहीं बताया है.
राजनीतिक कद बढ़ने से था चिंतित
पूछताछ में मुनेश ने बताया है कि चौपारण थाना क्षेत्र में स्थित उसके पत्थर खदान की जमीन को लेकर वर्ष 2002 से शंकर यादव से विवाद चल रहा था. लंबे समय से चल रहे विवाद में शंकर यादव ने अनैतिक तरीके से खदान को अपने कब्जे में ले लिया. इससे अन्य क्षेत्र में भी खनन ठप हो गया था.
हम लोग लगातार उससे जमीन विवाद को लेकर लड़ाई लड़ रहे थे, पर शंकर यादव का राजनीतिक कद लगातार बढ़ रहा था. वह मजबूत होता जा रहा था. दूसरी ओर खदान बंद रहने से हम लोगों के समक्ष रोजी रोटी का संकट खड़ा हो गया था. ऐसे में हमारे पास उसकी हत्या के अलावा कोई चारा नहीं था.
जेल भेजे गये चार अन्य आरोपी
मुनेश के साथ गिरफ्तार पवन यादव, नरेश यादव, सुदीप यादव, रामदेव यादव को पुलिस ने मंगलवार को स्थानीय अदालत में प्रस्तुत किया. कांड के अनुसंधानकर्ता इंस्पेक्टर केपी यादव ने आरोपियों को अदालत में प्रस्तुत किया, जहां से सभी को जेल भेज दिया गया. मुनेश से अगले चार दिनों तक रिमांड पर पुलिस पूछताछ करेगी.

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