37.3 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Trending Tags:

कोडरमा : कोरोना वायरस ने थामी माइका इंडस्ट्री की रफ्तार, कारोबारी परेशान

– माइका फ्लैक्स, कटिंग माइका व पाउडर का 80 फीसदी माल चीन को होता है एक्सपोर्ट – नये साल की छुट्टियों के बाद चीन में नहीं खुला है बाजार, व्यवसायी चिंतित विकास, कोडरमा चीन में पिछले माह से कहर बरपा रहे कोरोना वायरस ने झारखंड के कोडरमा व गिरिडीह जिले में संचालित माइका इंडस्ट्री की […]

– माइका फ्लैक्स, कटिंग माइका व पाउडर का 80 फीसदी माल चीन को होता है एक्सपोर्ट

– नये साल की छुट्टियों के बाद चीन में नहीं खुला है बाजार, व्यवसायी चिंतित

विकास, कोडरमा

चीन में पिछले माह से कहर बरपा रहे कोरोना वायरस ने झारखंड के कोडरमा व गिरिडीह जिले में संचालित माइका इंडस्ट्री की रफ्तार रोक दी है. कोरोना वायरस के असर के कारण चीन को एक्सपोर्ट होने वाला माइका उत्पाद इन दिनों नहीं जा रहा है. ऐसे में माइका एक्सपोर्ट से जुड़े कारोबारी, व्यवसायी व अन्य लोग बुरी तरह प्रभावित और चिंतित हैं. हाल यह है कि माइका प्रोसिसिंग यूनिट चलाने वालों ने अपना उत्पादन कम कर दिया है. इसका असर पूरे बाजार पर दिख रहा है.

जानकारी के अनुसार कोडरमा व गिरिडीह में करीब दो दर्जन से अधिक एक्सपोर्टर माइका व इससे बने फ्लैक्स, कटिंग माइका, पाउडर आदि का निर्यात चीन, जापान, कोरिया आदि देशों को करते हैं. इन देशों में से चीन माइका उत्पाद का सबसे बड़ा खरीदार है. अकेले चीन को 80 फीसदी माल सप्लाई किया जाता है.

माल को विदेश सप्लाई करने से पहले कोडरमा व गिरिडीह के विभिन्न छोटी-बड़ी इकाइयों में माइका प्रोसिसिंग होता है. यहां से बड़े ट्रकों व अन्य वाहनों के माध्यम से इसे कोलकाता भेजा जाता है. कोलकाता से ही जीएसटी बिल के माध्यम से इस उत्पाद को विदेशों को कंटेनर के माध्यम से निर्यात किया जाता है. इस धंधे से जुड़े लोग बताते हैं कि चीन चूंकि सबसे बड़ा खरीदार है और इन दिनों वहां कोरोना वायरस का भयंकर असर है तो बाजार खुल ही नहीं रहे हैं.

चीन में वैसे भी नये साल के आगमन पर करीब एक माह बाजार बंद रहता है. बंदी के बाद तीन फरवरी से बाजार खुलने की उम्मीद थी, लेकिन वायरस के असर के कारण वहां की सरकार ने इस पर रोक लगा दी है. अब 17 फरवरी से बाजार खुलने की बात कही जा रही है, पर इसकी संभावना कम ही लगती है. जिस प्रकार कोरोना वायरस का असर है और खासकर चीन से हवाई यात्राएं तक रद कर दी गयी हैं तो इसका असर पड़ना लाजिमी है.

माह में करीब 30 करोड़ का कारोबार

कोडरमा व गिरिडीह जिले के विभिन्न इलाकों के अलावा बिहार के नवादा, रजौली में माइका व इसके स्क्रैप का अकूत भंडार है. कभी इस इलाके में सैकड़ों माइका खदानें संचालित थीं, लेकिन वन संरक्षण अधिनियम 1980 के लागू होने बाद खदनों के लीज का नवीकरण होना बंद हो गया. कुछ वर्षों तक खदानें नियमत: संचालित हुई, पर वर्तमान में नाम मात्र की माइका खदान नियमत: संचालित हैं.

एक-दो लोगों को माइका स्क्रैप डंप का लाइसेंस है, जबकि कुछ राजस्थान व अन्य जगहों से माइका का कारोबार दिखा यहां प्रोसेसिंग की बात करते हैं. इसके बाद माइका उत्पाद का निर्यात किया जाता है. सूत्र बताते हैं कि कोडरमा व गिरिडीह से प्रति माह करीब 30 करोड़ के माइका का कारोबार होता है. भले ही यह पूरी तरह नियमत: न हो, लेकिन एक्सपोर्ट के समय जीएसटी सरकार को जाती है. इससे सरकार को भी राजस्व मिल रहा है और जंगली इलाकों में ढिबरा, माइका चुनने वालों का घर भी चल रहा है. साथ ही व्यापारी भी अपना काम कर रहे हैं.

इन चीजों में प्रयोग होता है माइका

माइका का प्रयोग सबसे ज्यादा कीमती पेंट, कॉस्मेटिक सामान, जहाज निर्माण आदि में किया जाता है. धंधे से जुड़े लोगों के अनुसार चीन में माइका फ्लैक्स को पकाकर पाउडर का रूप दिया जाता है. इसके बाद इसका प्रयोग कीमती पेंट, शीट, जहाज निर्माण, इलेक्ट्रॉनिक पार्ट्स में किया जाता है. माइका को ज्यादा हीट कर देने के बाद न तो यह गलता है और न ही जलता है. ऐसे में काफी मजबूत होता है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

अन्य खबरें