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शहर के नाले जाम, सड़कों पर पसर रहा कचरा नप प्रशासन सफाई के प्रति दिख रहा उदासीन

किशनगंज : किशनगंज नगर परिषद तो उदासीन है ही, शहर किस तरह खूबसूरत रहे इससे आम और खास लोगों को भी कोई दरकार नहीं है. इसका नतीजा है कि दिन व दिन शहर की सड़कें अतिक्रमण का शिकार हो सिमटती जा रही है. वहीं गंदगी के अंबार से भी परेशानी बढ़ती जा रही है. नगर […]

किशनगंज : किशनगंज नगर परिषद तो उदासीन है ही, शहर किस तरह खूबसूरत रहे इससे आम और खास लोगों को भी कोई दरकार नहीं है. इसका नतीजा है कि दिन व दिन शहर की सड़कें अतिक्रमण का शिकार हो सिमटती जा रही है. वहीं गंदगी के अंबार से भी परेशानी बढ़ती जा रही है.

नगर परिषद की सफाई व्यवस्था बदहाल है, तो घर व दुकान की गंदगी सड़क पर फेंकने की लोगों की मानसिकता अब भी बरकरार है. यही वजह है कि गंदगी व अतिक्रमण में शहर की खूबसूरती गुम हो गयी है. नगर परिषद द्वारा आम जनता से विभिन्न प्रकार के कर तो लिए जाते है, लेकिन सुविधाएं नहीं दी जाती है.
इसी सुविधा में सफाई का भी नाम आता है. वैसे तो किशनगंज शहर को सफाई के मामले में पिछले कुछ वर्षों में टॉप पांच में शामिल होने का गौरव प्राप्त हुआ था. बावजूद इस शहर की तस्वीर सफाई और स्वच्छता के मामले में प्रगतिशील शहर जैसी नहीं है. गंदगी से पटी सड़कें,कूड़े कचरा से भरे नाले और यत्र-तत्र कचरा फेंके जाने से शहर की खूबसूरती पर ग्रहण लगता जा रहा है.
लाखों की आबादी लेकिन सुविधा शून्य: तीन लाख से अधिक की आबादी व 34 वार्ड वाले इस शहर में नाली- बड़े नाले का अभाव है. सड़क पर अतिक्रमण का जाल है. पुलिस लाइन,मारवाड़ी कॉलेज,स्टेशन रोड हाईवे सहित शहर के कई इलाकों को कचरा डंपिंग जोन बना दिया गया है. इसके अलावे जहां खाली जगह दिखा उसे डंपिंग प्लेस बनाने की कोई कोर कसर नहीं छोड़ा जाता है. लोग घरों का कूड़ा कचरा सड़क पर डाल रहे हैं.
निजी क्लिनिकों द्वारा बैंडेज, कॉटन, दवा व सिरिंज आदि का अपशिष्ट सड़कों पर फेंका जा रहा है. इसके अलावे सड़े हुए फल, अंडे के छिलके, प्लास्टिक के टुकड़े सहित दुकानदार दुकान की गंदगी सड़क पर डाल रहे हैं. इधर, नप नियमित सफाई कराता नहीं, लिहाजा लोगों की परेशानी बढ़ गयी है. सड़क पर कूड़ा कचरा होने की वजह से सूअर, कुत्ता, गाय, व साढ़ जैसे आवारा पशु धमा चौकड़ी करते नजर आते हैं. इतना ही नहीं गंदगी व उससे निकली सड़ांध से पैदल चलना भी मुश्किल होता जा रहा है.
जाम नाले से शहर में होता है जल जमाव
शहरी क्षेत्र में अधिकांश जगहों पर नाले का प्लेट खुला रहने की वजह से सड़क पर फेंके गये कचरे नाले को जाम कर देते हैं. इस वजह से पानी का बहाव रुक जाता है. स्थानीय लोगों ने बताया कि नाला का बहाव नहीं होने के कारण घरों में बारिश का पानी बाहर नहीं निकलता है. कई जगहों पर नाला का पानी निकलने के बजाय वापस घरों के अंदर भी पहुंच रही है.
फैल रही है बीमारी: आवासीय व व्यवसायिक परिसर के आसपास कचरा जमा होने की वजह से जल जनित रोगों का खतरा मंडराने लगा है. लोगों ने बताया कि गंदगी की वजह से डायरिया व मलेरिया, कालाजार जैसी बीमारियों का प्रसार हो रहा है. इसके अलावा गंदगी की वजह से बीमारियां फैल रही है. नगर परिषद की ओर से नियमित रूप से नालों की सफाई नहीं होने से कई जगहों पर कचरा नाले में भर गया है. नाले का गंदा पानी सड़क पर फैल रहा है.
इससे आवागमन में लोगों को दिक्कतें आ रही है. नालों की सफाई नहीं होने से बारिश के समय पानी की निकासी नहीं हो पाती है. स्थानीय दुकानदारों और राहगीरों को दिक्कतें हो रही है. सड़क किनारे छोटे-बड़े दुकान लगाने वाले दुकानदार अपनी दुकान बंद करने पर मजबूर हैं. कुल मिलाकर पूरे शहर के चौक-चौराहों पर कचरा फैला हुआ है.
कचरा निष्पादन का कोई इंतजाम नहीं: शहर का शायद ही कोई इलाका गली, चौराहा, बाजार व सड़क है, जो गंदगी व कूड़ा करकट से पटा नहीं है. लोग घरों का कूड़ा-कचरा सड़क पर डाल रहे हैं. इस वजह से शहर में गंदगी का फैलाव लगातार बढ़ रहा है. जबकि कचरा निष्पादन का कोई व्यवस्था नगर प्रशासन के पास नहीं है. वहीं इन गंदगी के वजह से मच्छरों के प्रकोप भी बढ़ा हुआ है. ना ही फॉगिंग होती है और ना ही डीडीटी का छिड़काव, ऐसे में लोग बीमार और परेशान हो रहे हैं.

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