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जमाबंदी व अन्य आंकड़ों को चढ़ाने में बरती गयी है लापरवाही

किशनगंज/ ठाकुरगंज : बिहार में भूमि विवाद के खात्मे के लिए नीतीश सरकार ने सभी प्रकार के भूमि का आंकड़ा ऑनलाइन करने का आदेश जारी कर रखा है. बिहार सरकार का मानना है कि भूमि विवाद से संबंधित समस्याओं का एक मुख्य कारण राजस्व अभिलेखों का अद्यतन नहीं होना है. ससमय भूमि का दाखिल-खारिज नहीं […]

किशनगंज/ ठाकुरगंज : बिहार में भूमि विवाद के खात्मे के लिए नीतीश सरकार ने सभी प्रकार के भूमि का आंकड़ा ऑनलाइन करने का आदेश जारी कर रखा है. बिहार सरकार का मानना है कि भूमि विवाद से संबंधित समस्याओं का एक मुख्य कारण राजस्व अभिलेखों का अद्यतन नहीं होना है.

ससमय भूमि का दाखिल-खारिज नहीं होने एवं प्लॉटवार स्पष्ट रकवा एवं अन्य विवरणी उपलब्ध नहीं होने के कारण पारिवारिक झगड़ों एवं भूमि खरीददारों के बीच विवाद की समस्या उत्पन्न होती रहती है. इन्हीं समस्याओं से निजात पाने हेतु बिहार सरकार ने दाखिल-खारिज व राजस्व रसीद काटने हेतु ऑनलाइन प्रक्रिया का आरंभ करवा दिया है.
डिजिटलाइजेशन करने में हुई कई गड़बडिया किंतु कई मामलों में जमाबंदी पंजी में वांछित सूचना दर्ज नहीं रहने, जमीन विक्रेता के नाम से जमाबंदी कायम नहीं होने, मृत व्यक्ति के नाम पर जमाबंदी कायम रखने, खेसरावार रकवा स्पष्ट रूप से अंकित नहीं रहने , जमाबंदी में भूमि मालिक का नाम व उसके पिता का नाम नहीं रहने के साथ-साथ खाता, खेसरा व रकवा से संबंधित प्रविष्टि शून्य दर्ज रहने की शिकायत बड़े मात्रा में ठाकुरगंज अंचल में देखा जा रहा है.
निजी एजेंसी के भरोसे छोड़ दी गयी डाटा एंट्री जिले में डाटा अपलोड करने का काम निजी एजेंसी को सौंपा गया था. बताते है, अनट्रेंड युवकों से डाटा अपलोड कराया गया.
इसके लिए शुल्क राशि तय थी. युवक अधिक पैसा कमाने के लिए जैसे-तैसे डाटा अपलोड किये. अधिकांश लैंड रिकॉर्ड गलत अपलोड हो गये है, शिविर का आयोजन कर होगा सुधार : इन समस्याओं का निराकरण हेतु प्रधान सचिव , राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग, बिहार के पत्रांक 339 – (8) दिनांक 10 जून 2019 के मार्फत सभी अंचलाधिकारी को 31 अगस्त 2019 तक समय निर्धारित किया गया था.
किंतु उक्त समय सीमा में भी समस्या का निराकरण विलंबित रहने को देख प्रधान सचिव ने अपने पत्रांक 568 – (8) दिनांक 12 सितंबर 2019 के मार्फत सभी अंचलाधिकारी को स्पष्ट आदेश दिया है इन समस्याओं के निराकरण हेतु प्रत्येक सप्ताह के बुधवार/गुरुवार को अंचल स्तर पर शिविर का आयोजन कर रैयतों से आपत्ति प्राप्त कर उनका निष्पादन करेंगे.
साथ ही आदेशित है कि इस प्रकार के शिविर के आयोजन के संबंध में स्थानीय स्तर पर ध्वनि प्रचार यंत्र अथवा अन्य साधन के माध्यम से व्यापक प्रचार प्रसार कर शिविर आयोजन की सूचना स्थानीय नागरिकों को दी जायेगी. इन शिविरों में प्राप्त तथा निष्पादित आवेदनों के संबंध में अंचलाधिकारी द्वारा प्रतिवेदन जिला समाहर्त्ता को नियमित अंतराल पर उपलब्ध कराया जाना है.
जिले में नहीं हो रहा अनुपालन
जिले में इस विभागीय आदेश के अनुपालन में अबतक कोई पहल नहीं किया गया है. कई रैयतों ने नाम नहीं छापने के शर्त्त पर बताया कि संशोधन हेतु उनके द्वारा दिये गये आवेदन की न तो प्राप्ति दी जाती है व न ही उनके आवेदनों का निष्पादन किया जाता है. इन सभी ने आरोप लगाया कि जिन रैयतों की अपनी विशेष पहुंच है, का ही संशोधन हो पा रहा है.

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