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होली को ले दिख रही उमंग, बाजारों में बढ़ी रौनक

किशनगंज : महापर्व होली को लेकर बाजारों में चहल पहल बढ़ गयी है. लोग अभी से होली में उपयोग होने वाली साम्रागी की खरीदारी में जुट गये हैं. पर्व को लेकर कपड़ों के साथ रंग अबीर सहित मिठाई की की बिक्री अभी से शुरू है. इन दुकानों में लोगों की भीड़ जुटने लगी है. वही […]

किशनगंज : महापर्व होली को लेकर बाजारों में चहल पहल बढ़ गयी है. लोग अभी से होली में उपयोग होने वाली साम्रागी की खरीदारी में जुट गये हैं. पर्व को लेकर कपड़ों के साथ रंग अबीर सहित मिठाई की की बिक्री अभी से शुरू है. इन दुकानों में लोगों की भीड़ जुटने लगी है. वही पर्व को लेकर लोग विभिन्न तरह के पकवान आदि के लिए भी आवश्यक सामग्री की खरीद में जुट गये हैं.

होली को लेकर खास परिधान की भी जमकर बिक्री हो रही है. खासकर कुर्ता और चूड़ीदार पैजामा की खूब डिमांड है. दुकानदारों ने बताया कि होली में कुर्ता पैजामा की बिक्री विशेष रूप से बढ़ जाती है. इसको देखते हुए बाजार में इस बार एक खास तरह का लहेरिया कुर्ता मंगवाया गया है.
मिठाई के दुकान में लग रही भीड़ होली को लेकर लोग मिठाई की खरीदारी भी शुरू कर चुके हैं. लोग अबीर खेलने आने लोगो का मिठाई से स्वागत करते है. ऐसे में मिठाई की मांग बढ़ जाती है. मिठाई की बढ़ती मांगों को देखकर नकली मिठाई का खतरा बढ़ जाता है. दुकानदारों द्वारा मिठाई की बढ़ती मांगों को पूरा करने के लिए नकली खोआ से बने मिठाई लोगों को दे देते है.
बढ़ती महंगाई का भी दिख रहा असर बढ़ती मंहगाई की असर बाजार में देखने को मिल रहा है. लोग महंगाई का रोना रो रहे हैं. यह वाजिब भी है. प्राय: हर चीज की कीमत में उछाल है. रंग, अबीर से लेकर पकवान बनाने के समानों की कीमत भी इस बार बढ़ी हुई है.
हाइटेक हुई होली, मोबाइल से ही दे रहे बधाई
कुर्लीकोट : रंगों के त्योहार होली में अब चंद दिन शेष रह गये हैं. बच्चों से लेकर युवा व बुजुर्गों में भी पर्व का उत्साह व उमंग बढ़ता ही जा रहा है. बाजार में रौनक बढ़ गयी है. होली की बधाई देने का सिलसिला भी शुरू हो गया है. हालांकि समय के साथ बधाई देने का स्वरूप बदल गया है. पहले जहां लोग एक-दूसरे को ग्रीटिंग्स भेजकर बधाई देते थे. वहीं अब इंटरनेट के माध्यम से बधाई देने लगे हैं.
जाहिर है कि आधुनिकता के इस दौर में लोगों का लाइफ स्टाइल भी हाइटेक हो गया है. हाइटेक युग में इंटरनेट सभी उम्र के लोगों की पहली पसंद है. फेसबुक, व्हाट्सएप, मैसेंजर आदि के माध्यम से लोग विश्व में कही भी रहने वाले अपने रिश्तेदार या मित्र को बधाई दे देते हैं. नेट पर बधाई के एक से एक संदेश भी मिल जाते हैं.
समय के साथ धीरे-धीरे ग्रीटिग्स के प्रति लोगो का रुझान समाप्ति के कगार पर पहुंच गया है. ठाकुरगंज में किताब के साथ ग्रीटिंग्स की दुकान करने वाले दुकानदार संजीव झा बताते हैं कि अब तो बहुत कम लोग किसी भी पर्व में ग्रीटिंग्स कार्ड लेने आते हैं.
नववर्ष को छोड़कर किसी भी पर्व में ग्रीटिंग्स की बिक्री नहीं के बराबर रह गयी है. दवा व्यवसायी चंदू महेश्वरी बताते हैं कि समय के साथ बदलना पड़ता है. जमाना हाइटेक हो गया है. कम समय व कम खर्च में मोबाइल से ही बधाई देना आसान है.
हालांकि यह भी कहते हैं कि पुरानी व परंपरागत तरीके की बधाई में अपनेपन का अहसास था. वहीं अदुल सिंह कहते हैं कि होली या किसी भी पर्व में संदेश टाइप करिए और भेज दीजिए. तुरंत मैसेज पहुंच जाता है. संचार क्रांति के इस दौर में नेट पर जीवन के लिए आवश्यक हो गया है.
रंग बिरंगे रंग-गुलाल से पटे दिखे बाजार
ठाकुरगंज : होली का उल्लास एवं उमंग नगर व ग्रामीण क्षेत्रों में पूरे चरम पर है. बाजारों में ग्राहकी भारी भीड़ दिखने लगी है. महंगाई का असर दिखने के बावजूद लोग जमकर खरीदारी कर रहे है. ग्रामीण इलाकों में भी होली का उत्साह लोगो के चेहरे पर दिखाई पड़ रहा है.
गांवों में होलिका दहन की तैयारियां भी जोरो पर है. होली की खरीदारी के लिए ग्रामीण क्षेत्र के बाजारों में दिन भर भीड़ रही. रेडीमेड वस्त्रों तथा किराने की दुकानों पर खरीददारों की भीड़ लगी रही.
रंग की बिक्री बढ़ी एक तो चुनावी सुरूर ऊपर से होली के उल्लास से रंगों की बिक्री काफी बढ़ गयी. लोगो ने जहां महंगे अबीर गुलाल, रंग खरीदा तो वही एक से बढ़कर एक महंगी पिचकारियां भी लोगो ने खरीदी. कई वैरायटी उपलब्ध मार्केट में होली को लेकर गुलाल की कई प्रकार की किस्में बिकने को आयी है. मुख्य तौर पर आरारोड व हर्बल गुलाल की वैरायटी दुकानों पर उपलब्ध है.
यह गुलाल 100 रुपये प्रति किलो की दर से मिल रहा है. स्टॉक भी बढ़ाया इस बार दुकानदारों ने गुलाल का अच्छी मात्रा में स्टॉक कर लिया है. अनुमान के मुताबिक बाजार में करीब तीस क्विंटल गुलाल बिकने को आया है. दुकानदार अभिषेक गाडोदिया बताते हैं कि पिछले सालों के मुकाबले इस बार गुलाल का दुगुना स्टॉक मंगवाया है. आरारोड व हर्बल गुलाल की मांग बढ़ी है.
ध्यान रखें, कहीं रंग बदरंग ना कर दे चेहरे की रंगत
दिघलबैंक.फगुआ बयार के साथ होली अब हर किसी को अपने उमंग में बहाने लगी है. रंग-अबीर से लेकर पिचकारियों के खरीदने का सिलसिला भी शुरू हो गया है. लेकिन जब होली पर ढोल-नगाड़े के साथ एक दूसरे पर रंग डालने को निकले, तो इस बात का ख्याल जरूर रखें कि कहीं रंग चेहरे को बदरंग न कर दे.
फूलों से बनी रंग के साथ ही बाजार में केमिकल से बने रंग की दुकानें भी सज गयी हैं. अब, यह आपकी मर्जी है कि फूलों से बने रंग की होली खेले या केमिकल से बने रंग से अपनों की परेशानी बढ़ाएं.
चिकित्सक डॉ देवेंद्र कुमार बताते हैं कि केमिकल से बने रंग त्वचा के लिए काफी हानिकारक होते हैं. हर साल होली की उमंग मनाने के बाद लोगों को त्वचा संबंधित बीमारियों से भी जूझना पड़ता है. त्वचा के साथ ही केमिकल रंग आंखों को भी काफी हानि पहुंचाते हैं.
अगर भूल से यह रंग आंख में लग गयी तो रोशनी जाने का भी खतरा बना रहता है. इन्होंने बताया कि केमिकल वाले रंगों को लगाने के बाद आमतौर पर त्वचा में जलन, खुजली होने और आंखों के लाल होने की समस्या से लोगों को दो-चार होना पड़ता है. कभी-कभी चेहरे से लेकर शरीर के अन्य अंगों में फफोले भी पड़ जाते हैं.

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