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कोचांग गैंगरेप में फादर अल्फोंस सहित छह को उम्रकैद

1 माह में फास्ट ट्रैक कोर्ट से मिली सजा पांच महिलाओं के साथ 19 जून 2018 को हुआ था गैंग रेप खूंटी : 19 जून 2018 को खूंटी के कोचांग में पांच महिलाओं के साथ हुए गैंग रेप के मामले में शुक्रवार को जिला एवं अपर सत्र न्यायाधीश राजेश कुमार की अदालत ने छह अभियुक्तों […]

  • 1 माह में फास्ट ट्रैक कोर्ट से मिली सजा
  • पांच महिलाओं के साथ 19 जून 2018 को हुआ था गैंग रेप
खूंटी : 19 जून 2018 को खूंटी के कोचांग में पांच महिलाओं के साथ हुए गैंग रेप के मामले में शुक्रवार को जिला एवं अपर सत्र न्यायाधीश राजेश कुमार की अदालत ने छह अभियुक्तों को आजीवन कारावास की सजा सुनायी. कुल 225 पेज के फैसले में कोर्ट ने बिंदुवार सजा सुनायी.
11 माह में जिन लोगों को आजीवन कारावास की सजा सुनायी गयी, उनमें अयूब सांडी पूर्ति, जुनास मुंडा, बाजी समद उर्फ टकला, फादर अल्फोंस आइंद, जोन जोनास तिड़ू और बलराम समद शामिल हैं. एक अभियुक्त नाबालिग है, जिसके वाद को जुवेनाइल कोर्ट में रेफर कर दिया गया. जबकि एक अन्य अभियुक्त नोवेल सांडी पूर्ति फरार है.
किसको किस गुनाह के लिए कितनी सजा दी गयी : कोर्ट ने मुख्य अभियुक्त अयूब सांडी पूर्ति, जुनास मुंडा और बाजी समद उर्फ टकला को गैंगरेप के लिए भादवि की धारा 376डी के तहत आजीवन कारावास और एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया.
वहीं महिला को नग्न करने और अपहरण करने के लिए धारा 354बी और 365 के तहत सात वर्ष की सजा और 50 हजार रुपये का जुर्माना व पुरुषों के साथ मारपीट करने, पेशाब पिलाने के लिए धारा 341 और 323 के तहत एक वर्ष की सजा सुनायी. कोर्ट ने फादर अल्फोंस आईंद को साजिशकर्ता के रूप में और पत्थलगड़ी समर्थक जोन जुनास तिड़ू और बलराम समद को उत्प्रेरक के रूप में दोषी पाया़
कोर्ट ने तीनों को मुख्य अभियुक्तों के साथ-साथ बराबर का दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनायी. फादर अल्फोंस आईंद को धारा 376डी, 120बी के तहत आजीवन कारावास की सजा और एक लाख रुपये का जुर्माना, धारा 354बी, 365, 120बी के तहत सात वर्ष की सजा और 50 हजार रुपये का जुर्माना व धारा 341, 323, 120बी के तहत एक वर्ष की सजा कोर्ट ने सुनायी.
जोन जुनास तिड़ू और बलराम समद को धारा 376डी, 109, 111 के तहत आजीवन कारावास और एक-एक लाख रुपये का जुर्माना, धारा 354बी, 365, 109, 111 के तहत सात वर्ष की सजा के साथ 50 हजार रुपये का जुर्माना व धारा 341, 323, 109, 111 के तहत एक-एक वर्ष की सजा सुनायी.
पीड़िताओं को जुर्माने की राशि देने का आदेश : कोर्ट ने अभियुक्तों को आर्थिक दंड की सजा भी दी है. यह आदेश भी दिया है कि जुर्माने की राशि पीड़ितों को दी जाये. छह अभियुक्तों को अलग-अलग मामलाें में डेढ़-डेढ़ लाख रुपये का आर्थिक दंड दिया गया है. यानी कुल नौ लाख रुपये का जुर्माना अभियुक्तों को देना होगा.
नहीं देने पर अभियुक्तों की सजा अलग से बढ़ायी जायेगी़. पीड़ितों में पांच महिलाएं और तीन पुरुष शामिल हैं. कोर्ट ने पीड़ितों के पुनर्वास और मुआवजे के लिए जिला विधिक सेवा प्राधिकार को जवाबदेही सौंपी है़ प्राधिकार द्वारा इसकी व्यवस्था की जायेगी.
अभियुक्तों ने रूल ऑफ लॉ को चैलेंज किया है़, जो क्षमा योग्य नहीं है : न्यायाधीश ने मामले में टिप्पणी की कि अभियुक्तों ने रूल ऑफ लॉ को चैलेंज किया है़, जो क्षमा योग्य नहीं है़. कहा कि घटना में सबकी सहभागिता है और दोष पाया गया है.
जिस तरह से अपराध किया गया, गैंगरेप किया, यह मर्माहत करनेवाली घटना है़ उन्होंने कहा कि सभी घटना प्री प्लान थी. घटना को छिपाने का भी प्रयास किया गया़ उन्होंने अभियुक्तों को कहा कि वे सजा के खिलाफ आगे की कोर्ट में जा सकते हैं. कानून में उन्हें यह अधिकार प्राप्त है़.
कहीं का भी अन्याय हर जगह के न्याय के लिए खतरा : न्यायाधीश ने सजा सुनाने के दौरान मार्टिन लूथर किंग जूनियर के एक वाक्य को अंग्रेजी में ही दोहराया़ जिसमें कहा कि कहीं का भी अन्याय, हर जगह के न्याय के लिए खतरा है़
सभी छह अभियुक्तों को डेढ़-डेढ़ लाख रुपये का आर्थिक दंड भी लगाया गया
एक अभियुक्त नोवेल सांडी फरार, एक नाबालिग का वाद जुवेनाइल काेर्ट में रेफर
225 पेज के फैसले में जज ने महाभारत के श्लोक का भी किया जिक्र
क्या है मामला
19 जून, 2018 को खूंटी के कोचांग में मानव तस्करी के खिलाफ नुक्कड़ नाटक करने गयी पांच महिलाओं के साथ गैंग रेप की घटना हुई. इस मामले में 21 जून को प्राथमिकी दर्ज की गयी थी. प्राथमिकी के 24 घंटे के अंदर ही दो अभियुक्त अयूब सांडी पूर्ति और आशीष लोंगा को गिरफ्तार किया गया था. अन्य अभियुक्तों को 15 दिनों के अंदर गिरफ्तार कर लिया गया. कोर्ट ने सात मई को सभी अभियुक्तों को दोषी करार दिया और 17 मई को उन्हें सजा भी सुनायी. कोर्ट में कुल 19 गवाहों को पेश किया गया था़
दंड जैसी व्यवस्था से समाज को नियंत्रित किया जा सकता है : जज
न्यायाधीश राजेश कुमार ने सजा की सुनवाई महाभारत के एक श्लोक के साथ शुरू की. उन्होंने कहा कि महाभारत में कहा गया है कि दंड ही एक ऐसी व्यवस्था है. जिससे समाज को नियंत्रण किया जा सकता है. अंधेरे में भी अपराध करते हुए अपराधी यह सोचकर डरता है कि पकड़े गये, तो उसे दंडित किया जायेगा़.

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