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एक वोट से बच गयी मेयर विजय की कुर्सी

कटिहार : हाई वोल्टेज ड्रामे के बीच मंगलवार को मेयर विजय सिंह की कुर्सी एक वोट से बच गयी. मेयर श्री सिंह पर लगाये गये अविश्वास प्रस्ताव को लेकर नगर निगम के सभागार में विशेष बैठक शुरू हुई. अध्यक्षता डिप्टी मेयर मंजूर खान ने की. जिला प्रशासन की ओर से पर्यवेक्षक के रूप में जिला […]

कटिहार : हाई वोल्टेज ड्रामे के बीच मंगलवार को मेयर विजय सिंह की कुर्सी एक वोट से बच गयी. मेयर श्री सिंह पर लगाये गये अविश्वास प्रस्ताव को लेकर नगर निगम के सभागार में विशेष बैठक शुरू हुई. अध्यक्षता डिप्टी मेयर मंजूर खान ने की.

जिला प्रशासन की ओर से पर्यवेक्षक के रूप में जिला ग्रामीण विकास अभिकरण के निदेशक व प्रभारी जिला पंचायती राज पदाधिकारी राम कुमार पोद्दार उपस्थित थे. मौके पर एसडीओ नीरज कुमार समेत अन्य अधिकारी भी थे. नगर आयुक्त रामजी साह ने अविश्वास प्रस्ताव को लेकर प्रक्रिया शुरू की. सबसे पहले मेयर श्री सिंह पर लगाए गये आरोपों पर चर्चा शुरू हुई.
पार्षद किशन बजाज उर्फ बुल्ली बजाज, कृष्णा सिंह आदिल आदि पार्षद ने मेयर पर लगाए गए आरोपों पर अपना पक्ष रखा. मेयर मेयर श्री सिंह ने लगाये गये सभी आरोपों को निराधार व बेबुनियाद बताया. आरोपों पर चर्चा के बाद मतदान कराया गया. अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के लिए आहूत इस विशेष बैठक में कुल 45 वार्ड पार्षदों में से 35 वार्ड पार्षद उपस्थित हुए, जबकि 10 वार्ड पार्षद इस विशेष बैठक में हिस्सा नहीं लिये.
उपस्थित 35 वार्ड पार्षदों में से 31 ने वोटिंग प्रक्रिया में हिस्सा लिया. इसमें से 22 मत अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में पड़े, जबकि नौ मत को विभिन्न कारणों से रद्द कर दिया गया. इस तरह 45 सदस्यीय नगर निगम में एक वोट से मेयर पर लाया गया अविश्वास प्रस्ताव गिर गया. मतदान के बाद गिनती हुई तथा जैसे ही घोषणा की गयी, मेयर समर्थकों में खुशी का माहौल छा गया.
समर्थकों ने मेयर विजय सिंह को फूल मालाओं से स्वागत किया. इस बीच मतदान को लेकर नगर निगम के सभाकक्ष में हाई वोल्टेज ड्रामा भी चला. अध्यक्षता कर रहे डिप्टी मेयर मंजूर खान के मतदान को लेकर बहस चल रही थी. बैठक में मौजूद ऑब्जर्वर श्री पोद्दार ने चुनाव आयोग एवं शीर्ष अधिकारियों से मार्गदर्शन मांगा. उसके बाद मतदान की गिनती करायी गयी.
बैठक में शामिल चार पार्षदों ने नहीं किया मतदान : सबसे खास बात यह रही कि अविश्वास प्रस्ताव को लेकर आहूत इस विशेष बैठक में शामिल चार निगम पार्षदों ने मतदान में हिस्सा नहीं लिया. इसमें मेयर विजय सिंह, वार्ड संख्या 17 की पार्षद मंजू देवी, वार्ड संख्या 39 की पार्षद गीता देवी व वार्ड संख्या 38 की पार्षद सुधा महतो शामिल हैं. 45 सदस्यीय नगर निगम में अविश्वास प्रस्ताव पारित कराने के लिए कुल 23 मत की जरूरत थी. इस तरह एक मत से मेयर श्री सिंह की कुर्सी बच गयी.
अविश्वास को लेकर पार्षदों की गोलबंदी में दरार : मेयर के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव को लेकर जिन 24 वार्ड पार्षदों ने एकजुटता दिखायी थी, उसमें भी कुछ दरार पड़ गयी. अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में 22 वोट पड़ना कुछ इसी बात को परिलक्षित करता है. जानकारों की मानें तो अविश्वास प्रस्ताव लगाने वाले अधिकांश निगम पार्षद बाहर ही थे. बैठक में हिस्सा लेने के लिए ऐसे पार्षद मंगलवार को यहां पहुंचे. पर, पूरी रणनीति ही नाकाम साबित हो गयी.
उल्लेखनीय है कि जिन वार्ड पार्षदों ने मेयर श्री सिंह के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव से संबंधित आवेदन पर हस्ताक्षर किया था, उनमें किशन बजाज, कृष्ण कुमार सिंह, दीपक कुमार पासवान, रूपेश कुमार, पप्पू कुमार पासवान, अरुण कुमार आजाद, पुष्पा देवी, दीपक कुमार, कुमारी अंजू देवी, उषा देवी, रिंकू देवी, गीता देवी, निशि महतो, नसीम अख्तर, नौशाद कुरेशी, शमा परवीन, शमीमा इबरार, मुसरत खातून, कंचन महतो, मो यासीन व बबीता देवी, गजाला खातून, जुलेखा खातून शामिल हैं.
अपनी रणनीति में सफल हो गये मेयर
अविश्वास प्रस्ताव लगने के बाद से जिस तरह मेयर विजय सिंह रणनीति बनाने में जुटे थे, उसमें वह सफल हो गये. जानकारों की मानें, तो अविश्वास प्रस्ताव लगने के बाद से ही वह निगम पार्षदों के संपर्क में रहे तथा बेहतर समन्वय व कूटनीति के जरिये बाजी अपने पक्ष में करने में कामयाब हो गए.
मेयर श्री सिंह जदयू के वरिष्ठ नेता हैं तथा वर्ष 2015 के विधानसभा चुनाव में वह कटिहार सदर सीट से जदयू के प्रत्याशी थे. ऐसे में कयास लगाए जा रहे थे कि किसी न किसी तरह से मेयर अपनी कुर्सी बचाने में कामयाब होंगे. यह अलग बात है कि स्थानीय सियासी फिजा में अविश्वास प्रस्ताव गिर जाने को लेकर तरह-तरह की चर्चाएं हो रही हैं.
पर्दे के पीछे का सियासी खेल नाकाम : जानकारों की मानें, तो मेयर के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव के पीछे बड़ा सियासी खेल चल रहा था. कुछ सियासी दिग्गज पर्दे के भीतर रहकर मेयर को कुर्सी से अपदस्थ करने की रणनीति बनाने में जुटे थे.
अविश्वास प्रस्ताव लगाकर कुर्सी से अपदस्थ करना उसी रणनीति का हिस्सा रहा है. हालांकि किसी राजनीतिक दल के नेता खुलकर सामने नहीं आए हैं. अब अविश्वास प्रस्ताव गिर जाने के बाद स्थानीय सियासी तबके में भी तरह-तरह की चर्चाएं होने लगी हैं. खासकर पर्दे के पीछे चल रहे सियासी खेल को लेकर सवाल उठने लगे हैं.
सत्य व न्याय की हुई है जीत
सत्य और न्याय की जीत हुई है. सबका साथ-सबका विकास की अवधारणा के साथ वह नगर निगम क्षेत्र के समग्र विकास के लिए कार्य करते रहेंगे. सभी 45 वार्ड के पार्षदों के साथ मिलकर और गिला शिकवा भुलाकर नगर के विकास के लिए काम करेंगे. सभी समर्थकों एवं निगम पार्षदों को आभार.
विजय सिंह, मेयर

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