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विशेषज्ञ डॉक्टर के बिना आइसीयू बन गया है शोपीस

कटिहार : सदर अस्पताल में लाखों की लागत से बनाये गये गहन चिकित्सा केंद्र (आइसीयू) खुद बीमार है. ऐसे में मरीजों का उपचार कैसे होगा. 15 जनवरी 2011 को तत्कालीन स्वास्थ्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने बड़े ही तामझाम के साथ आइसीयू का उद्घाटन किया था. उस समय लोगों को लगा था कि अब यहां […]

कटिहार : सदर अस्पताल में लाखों की लागत से बनाये गये गहन चिकित्सा केंद्र (आइसीयू) खुद बीमार है. ऐसे में मरीजों का उपचार कैसे होगा. 15 जनवरी 2011 को तत्कालीन स्वास्थ्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने बड़े ही तामझाम के साथ आइसीयू का उद्घाटन किया था. उस समय लोगों को लगा था कि अब यहां आने वाले गंभीर मरीजों का बेहतर ढंग से इलाज हो पायेगा.
लेकिन उद्घाटन के बाद दो तीन महीने तक इसका संचालन तो किसी तरह किया गया. लेकिन इसके बाद इसे बंद कर दिया गया. लगातार लगभग छह वर्ष बंद रहने के बाद वर्तमान डीएम मिथिलेश मिश्र ने पांच जुलाई 2017 को अपने प्रयास से आइसीयू को पुन: चालू कराया. लेकिन दो चार दिन चलकर पुन: बंद हो गया जो अब तक बंद ही है.
अस्पताल में लाखों की लागत से बना बना भवन, लाखों के लगे उपकरण यहां आने वाले मरीजों को मुंह चिढ़ा रहा है. स्वास्थ्य विभाग का रोना है कि उनके पास विशेषज्ञ चिकित्सक हैं ही नहीं तो आइसीयू का संचालन कैसे होगा. सवाल उठता है कि राज्य सरकार बड़े-बड़े दावे कर रही. लेकिन मरीजों को सदर अस्पताल में जब बेहतर चिकित्सा सेवा उपलब्ध नहीं हो पारहा तो और जगह के अस्पतालों में कितना स्वास्थ्य सेवा मिल रहा होगा इसका अंदाजा भर लगाया जा सकता है. यहां इलाज के लिए आने वाले गंभीर मरीजों को सिर्फ रेफर किया जाता है.
इसके अलावा कोई काम नहीं होता है. सर्दी, खांसी, बुखार सहित प्रसव का काम के अलावा किसी भी गंभीर मरीज को एक घंटा भी नहीं रखा जाता है. ऐसे में लोगों को या तो मेउिकल कॉलेज अस्पताल कटिहार, सिल्लीगुढी, पटना ही इलाज कराने के लिए जाना होता है. यहां के जनप्रतिनिधियों के द्वारा भी इतने बड़े मामले पर कभी कोई आंदोलन खड़ा नहीं किया गया. यही वजह है कि आइसीयू सदर अस्पताल परिसर में शोभा बढ़ाने का काम कर रहा है.
2011 में स्वास्थ्य मंत्री ने किया था उद्घाटन. भवन निर्माण विभाग ने स्वास्थ्य सेवा आधारभूत संरचना मद से निर्माणाधीन गहन चिकित्सालय का उद्घाटन तत्कालीन स्वास्थ्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने 15 जनवरी 2011 को किया था. कुछ दिन गहण चिकित्सालय में कार्य संचालन किया गया.
लेकिन विशेषज्ञ चिकित्सक एवं कर्मचारी नहीं रहने के कारण धीरे-धीरे स्वत: कार्यबाधित होता चला गया. तब से लेकर 4 जुलाई 2017 तक आइसीयू का कार्य पूरी तरह ठप रहा. कटिहार के डीएम मिथिलेश मिश्र ने 5 जुलाई 2017 को पुनः आइसीयू का उद्घाटन कर कार्य प्रारंभ कराया. लेकिन सप्ताह भर किसी तरह आइसीयू कार्य किया. उसके बाद विशेषज्ञ चिकित्सक एवं कर्मचारी के योगदान नहीं करने के कारण आइसीयू पुनः कार्य करना बंद कर दिया.

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