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Friday, March 29, 2024

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कब बनते हैं भूमि एवं भवन के योग

पीएन चौबे, ज्योतिषाचार्य उत्तम भवन प्राप्त करना हर व्यक्ति के पहचान का पर्याय है. आज भी आधी से अधिक आबादी किराये के मकान में ही रहती है. कुछ लोग पैसा रख कर भी मकान नहीं बना पाते, तो कुछ लोगों का पैसा जमीन एवं मकान में फंस जाता है. महान ज्योतिष के ग्रंथ इनका पूर्ण […]

पीएन चौबे, ज्योतिषाचार्य
उत्तम भवन प्राप्त करना हर व्यक्ति के पहचान का पर्याय है. आज भी आधी से अधिक आबादी किराये के मकान में ही रहती है. कुछ लोग पैसा रख कर भी मकान नहीं बना पाते, तो कुछ लोगों का पैसा जमीन एवं मकान में फंस जाता है. महान ज्योतिष के ग्रंथ इनका पूर्ण विश्लेषण करते हैं एवं सार्थक उपायों की विवेचना करते हैं. कुंडली के बारह भावों में चौथा भाव, चौथा से चौथा अर्थात सप्तम भाव, इनके कारक चंद्रमा तथा शुक्र से गृह सुख का आकलन किया जाता है.
उत्तम मकान योग
बृहतपराशर होरा में इसका स्पष्ट वर्णन मिलता है. स्वागेहे स्वांसके स्वोच्चे सुख्स्थानाधिपो। भूमि-यान-गृहदीनाम सुखं वाद्द्यभवं। अर्थात यदि चौथे भाव के स्वामी स्वगृही उच्च आदि का हो, केंद्र या त्रिकोण में बैठे हो, तो निश्चित ही उसे गृह सुख प्राप्त होगा.
बस उपरोक्त्त गृह नीच एवं पाप के प्रभाव में न हो. इसी प्रकार दूसरे श्लोक के अनुसार यदि चौथे भाव के स्वामी दशम भाव के साथ केंद्र या त्रिकोण में बैठे, तो जातक को उत्तम श्रेणी का मकान होगा ही.
एक अन्य ग्रंथ के अनुसार यदि लग्न का स्वामी चतुर्थ हो एवं चतुर्थ भाव का स्वामी लग्न में हो तो जातक स्वयं से बहुत ही बड़ा मकान बनायेगा. यदि चौथे भाव में चंद्रमा या शुक्र हो और उसके उच्च के हो, तो भी उसे बड़ा घर होगा. यदि चौथे एवं दशम भाव के स्वामी शनि एवं मंगल के साथ हो, तो इस चतुर्ग्रही योग में जातक को कई मकान होंगे.
चौथे एवं दशवें भाव के स्वामी चंद्रमा एवं शनि से युक्त हो, वह बहुत ही सुंदर साज-सज्जा युक्त घर बनायेगा. यदि चौथे भाव के स्वामी अपने घर में लग्न के स्वामी के साथ हो, तो उसे अचानक दूसरे के द्वारा बना हुआ मकान प्राप्त होगा. लग्न एवं सप्तम का स्वामी लग्न में हों एवं चौथे भाव पर शुभ ग्रह का प्रभाव हो, तो ऐसे जातक को थोड़े श्रम से ही मकान प्राप्त हो जायेगा.
गृह नाश योग : यदि चौथे भाव का स्वामी व्यय में हों तथा उस पर पापी ग्रह का प्रभाव हो, तो उसके मकान को दूसरे लोग हड़प लेंगे या उसका पूरा पैसा फंस जायेगा, जिसे निकालना मुश्किल होगा. इसी प्रकार चौथे भाव के स्वामी नवांश में यदि व्यय में जायें, तो भी वह अपने मकान से हाथ धो बैठेगा.
यदि धनभाव के स्वामी चौथे भाव के साथ शत्रु स्थान में बैठे तब भी उसका अधिकतम धन फंस जायेगा. यही स्थिति यदि अष्टम भाव में हो, तो उसका पूरा पैसा फंस जायेगा. इसी प्रकार ग्रहों के बला-बल के अनुसार मकान छोटा-बड़ा या सरकार से प्राप्त होता है.
मकान प्राप्ति के उपाय : गृह निर्माण में चंद्रमा, शुक्र, मंगल, चौथे एवं लग्न भाव के स्वामी की भूमिका अहम है. चंद्रमा के लिए मोती धारण करें. मछलियों को दाना दें, सोमवार को दूध का दान करें. शुक्र के लिए शुक्रवार के दिन इसी के होरा में हीरा, सफेद जरकन, सफेद मूंगा या स्फटिक का माला धारण करें. शुक्रवार को इत्र या सफेद वस्त्र मंदिर में दान करें.
मंगल के लिए मंगलवार के दिन लाल मूंगा धारण कर हनुमान चालीसा का नियमित पाठ करें. अपने चौथे भाव को मजबूत करें. पापी ग्रहों की दृष्टि युति हो, तो उसे मंत्र जप द्वारा अनुकूल करें. लेकिन यह सब चीज विशेष कर रत्नों का चयन अपने कुंडली के अनुसार योग्य ज्योतिषी की देख-रेख में ही करें. (संपर्क : 9934557894)
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