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कृषक नहीं जानते कृषि सिंगल विंडो सिस्टम

जामताड़ा : सरकार किसानों को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से लाखों खर्च कर परियोजनाएं शुरू तो करती है, लेकिन उन परियोजनाओं का लाभ जानकारी के अभाव में किसानों को नहीं मिलता है. कुंडहित प्रखंड में किसानों से जुड़ी योजनाओं को जानकारी देने के लिए कृषि सिंगल विंडो सिस्टम लागू किया गया, लेकिन किसान जानकारी के […]

जामताड़ा : सरकार किसानों को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से लाखों खर्च कर परियोजनाएं शुरू तो करती है, लेकिन उन परियोजनाओं का लाभ जानकारी के अभाव में किसानों को नहीं मिलता है. कुंडहित प्रखंड में किसानों से जुड़ी योजनाओं को जानकारी देने के लिए कृषि सिंगल विंडो सिस्टम लागू किया गया, लेकिन किसान जानकारी के अभाव में इसका लाभ उठा नहीं पा रहे हैं. बता दें कि सरकार ने कृषि सिंगल विंडो सिस्टम को चालू करने के लिए एनजीओ के साथ करार किया है.

मगर एनजीओ के द्वारा क्षेत्र में किसी प्रकार की कोई प्रचार-प्रसार नहीं किया गया है. किसान षष्टी लायक, असीम नायक, नारायण बनर्जी, संतोष लायक ने कहा कि उन्हें कुछ नहीं पता कि ये क्या है. वे भूमि संरक्षण विभाग तथा समय पर बीज मिलने की जानकारी के लिए बीटीएम के पास आये हुए थे. जब उनसे पूछा गया कि सिंगल विंडो सिस्टम शुरू किया गया है. अब यहीं से आप लोगों को कृषि, गव्य, पशुपालन, भूमि संरक्षण तथा मत्स्य विभाग से जुड़ी सभी योजनाओं की जानकारी मिलेगी. किसानों ने कहा कि उन्हें इस सिस्टम के बारे में कुछ भी नहीं पता है.

क्या है सिस्टम और ये कैसे है किसानों के लिये सहायक
उद्योगों की तर्ज पर अब किसानों को भी एक ही छत के नीचे तमाम सुविधाएं मुहैया करायी जायेगी. किसान को सिंगल विंडो सिस्टम के माध्यम से न सिर्फ सरकारी योजनाओं की जानकारी मिलेगी बल्कि उनकी राह में आने वाली सभी बाधाओं का समाधान भी किया जाएगा. प्रखंडस्तर पर स्थापित होने वाले किसान सिंगल विंडो सेंटर में कृषि, पशुपालन और सहकारिता विभाग के पदाधिकारी और पर्यवेक्षक नियमित रूप से अपनी सेवाएं देंग. किसानों को समय-समय पर विशेषज्ञों की सेवा भी मुहैया करायी जाएगी. नौ से पांच बजे तक आठ घंटे तक केंद्र संचालित रहता है. सेंटर में प्रखंड कृषि पदाधिकारी, जनसेवक, पशुपालन, मत्स्य, गव्य, उद्यान, भूमि संरक्षण के पदाधिकारी-कर्मचारी भी रोस्टर के अनुसार नौ से पांच बजे तक कार्य संपादन करते हैं. सिंगल विंडो सेंटर का संचालन कृषि एवं बागवानी क्षेत्र के ख्याति प्राप्त संस्थानों द्वारा राज्य सरकार के सहयोग से किया जाता है.
किसानों का नहीं है एक भी आवेदन
जब कृषि सिंगल विंडों में बैठने वाले एनजीओ के एक सदस्य को पूछा गया कि किसान अपनी समस्याओं को लेकर कोई भी आवेदन देते हैं. तो उसने कहा कि उन्हें कोई आवेदन आज तक प्राप्त नहीं हुआ है. लेकिन कृषि मित्र को उन योजनाओं की जानकारी दी जाती है.
बाेले प्रखंड को-ऑर्डिनेटर
मामले में जानकारी किसानों को दी जाती है. कृषि मित्रों को भी बताया जाता है. जनवरी से ही सिस्टम शुरू हुआ है.
– लक्ष्मण ठाकुर, प्रखंड कोर्डिनेटर कुंडहित.

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