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सरकार कोल को दे आदिम जनजाति का दर्जा

31वां महासम्मेलन. शहर में निकाली रैली, गांधी मैदान में जुटे कोल समाज के लोग, कहा जामताड़ा : भारत प्राचीन आदिवासी कोल-जाति कल्याण समिति के तत्वावधान में गुरुवार को गांधी मैदान जामताड़ा में 31वां महासम्मेलन का आयोजन किया गया. महासम्मेलन का शुभारंभ केंद्रीय अध्यक्ष उमानाथ कोल ने ध्वजारोहण कर किया. इसे पूर्व समाज के लोगों ने […]

31वां महासम्मेलन. शहर में निकाली रैली, गांधी मैदान में जुटे कोल समाज के लोग, कहा

जामताड़ा : भारत प्राचीन आदिवासी कोल-जाति कल्याण समिति के तत्वावधान में गुरुवार को गांधी मैदान जामताड़ा में 31वां महासम्मेलन का आयोजन किया गया. महासम्मेलन का शुभारंभ केंद्रीय अध्यक्ष उमानाथ कोल ने ध्वजारोहण कर किया. इसे पूर्व समाज के लोगों ने शहर में रैली निकाल कर सरकार के खिलाफ नारेबाजी की रैली गांधी मैदान से प्रारंभ हुआ जो शहर का भ्रमण करते हुए पुन: गांधी मैदान पहुंचकर सभा में तब्दील हो गयी. इस दौरान सम्मेलन को संबोधित करते हुए वक्ताओं ने कहा कि भारतीय गणतंत्र के 69 वर्ष गुजर जाने के बाद भी कोल जनजाति को आदिम जनजाति का दर्जा नहीं मिल पाया है. जो सरकार के उदासीनता को साफ दर्शाता है.
कोल जनजाति के लोग जंगल से अपनी मांग को लेकर आदोलन आरंभ किया और अब शहर से दिल्ली तक पहुंच चुका है. झारखंड प्रदेश में कोल जनजाति की आबादी के अनुपात में तीन लोकसभा पर कोल जाति का अधिकार बनता है. अवसर पर संबोधित करते हुए केंद्रीय अध्यक्ष उमानाथ कोल ने कहा कि कोल जाति को आदिम जनजाति का दर्जा देने की मांग को ले समिति वर्षों पूर्व से आंदोलन कर रही है. इसी मांग को ले महासम्मेलन का आयोजन कर राज्यपाल का ध्यान भी आकृष्ट कराया जा रहा है.
साथ ही क्षेत्र में संगठन सक्रिय हो लोगों में आर्थिक व समाजिक विकास, शिक्षा एवं संगठन के प्रति जागरूक करने को ले सम्मेलन का आयोजन विभिन्न जिले में किया जा रहा है. देश आजाद हुए इतने वर्ष गुजर गए. लेकिन कोल जाति के लोग अपना अस्तित्व को बचाने के लिए एवं अधिकारों की सुरक्षा हेतु लगातार संघर्ष कर रहे हैं. ये जंगल जमीन कृषि, लोहा का पसरा लगाना एवं मजदूरी पर निर्भर करने वाला कोल समुदाय के लोग लुप्त के कगार पर है.
नक्सल, उग्रवाद, एमसीसी संगठनों के जाल में साजिश के तहत भोले भाले कोल-आदिवासियों को फंसाया जा रहा है. मौके पर केन्द्रीय महासचिव अनिल कुमार टुडू कोल ने कहा कि राज्य में हर हाल में नशाबंदी की जाय तथा कोल समाज के लोगों को शिक्षित होने की आवश्यकता है. मौके पर पशुपति कोल, नरेश कोल, शंकर कोल, जय नारायण कोल, गणेश कोल, जितेन कोल, राम किशोर कोल, बबलु कोल सहित अन्य लोग उपस्थित थे.
कोल को आदिम जाति का दर्जा दो एवं झारखंड में नशाबंदी किया जाय
लुप्त हो रहे कोल जनजातियों का सर्वे किया जाय
कोल की हड़पी जमीन वापस की जास
सीएनटी व एसपीटी एक्ट में छेड़छाड़ बंद किया जाय
स्थानीय नीति सन 1932 के खतियान के आधार पर लागू हो
शहिद विश्वजीत कोल के नाम से आमड़ापाड़ा को अनुमंडल बनाया जाय
पश्चिम बंगाल एवं उत्तर प्रदेश के कोलों को अनुसूचित जनजाति में शामिल किया जाय

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