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फैली ऐसी बीमारी िक बच्चों का चलना, बोलना बंद

धालभूमगढ़ : धालभूमगढ़ प्रखंड अंतर्गत जुनबनी गांव के विभिन्न टोलों में अज्ञात बीमारी फैलने से कई बच्चे न तो खड़े होकर चल पा रहे हैं, और न ही कुछ बोल पा रहे हैं. बच्चों की औसत आयु पांच वर्ष है. आलम यह है कि पीड़ित परिवार को अपना बच्चा गोद में लेकर बैठे रहना पड़ […]

धालभूमगढ़ : धालभूमगढ़ प्रखंड अंतर्गत जुनबनी गांव के विभिन्न टोलों में अज्ञात बीमारी फैलने से कई बच्चे न तो खड़े होकर चल पा रहे हैं, और न ही कुछ बोल पा रहे हैं. बच्चों की औसत आयु पांच वर्ष है. आलम यह है कि पीड़ित परिवार को अपना बच्चा गोद में लेकर बैठे रहना पड़ रहा है. बच्चे की आंखों की रौशनी भी कम हो गयी है.

इससे अभिभावकों की परेशानी काफी बढ़ गयी है. परिवार के एक सदस्य को हमेशा बच्चों की देखभाल करनी पड़ रही है. इलाज कराने के बाद भी नहीं हुआ सुधार : पीड़ित परिवारों ने बताया कि उन्होंने बच्चे का हर संभव इलाज कराया, लेकिन उससे कोी विशेष लाभ नहीं हुआ. इसके बाद बच्चों का इलाज कराना बंद कर दिया. हालांकि पीड़ित बच्चों के घरों के आसपास साफ-सफाई अच्छी है. सभी पीने के लिए चापानल का पानी उपयोग में लाते हैं. गांव के आसपास कोई औद्योगिक प्रतिष्ठान भी नहीं है, फिर भी यह बीमारी कैसे फैल रही है. इसकी स्थिति स्पष्ट नहीं हो पायी है.
अभिभावकों ने कहा
टोला पाथरडीह के सुशील हांसदा व पानमुनी हांसदा के ढाई साल का पुत्र इसी बीमारी से ग्रस्त है. पानमनी ने बताया कि पुत्र का इलाज पीएचसी धालभूमगढ़, अनुमंडल अस्पताल घाटशिला और एमजीएम के चिकित्सकों से कराया. बताया गया कि बच्चे को गंभीर बीमारी है, टीएमएच ले जायें. भूमि की बिक्री कर पुत्र का इलाज कराया, लेकिन कोई लाभ नहीं हुआ. आर्थिक स्थिति भी ऐसी नहीं है कि बच्चे को बाहर ले जाकर इलाज करा सके.
कादोडीह के फुरमाल टुडू व पमा टुडू के पुत्र श्याम टुडू (4) भी बीमारी से परेशान हैं. श्याम टुडू की दादी रायमुनी टुडू ने बताया कि बच्चा बोल नहीं सकता है. अकेले बैठ और खड़ा भी नहीं हो सकता है. हमेशा गोद में लेकर रखना पड़ता है. सरकारी अस्पताल में और गैर सरकारी अस्पताल में आर्थिक क्षमता के मुताबिक इलाज कराया, लेकिन बच्चे की स्थिति में कोई खास सुधार नहीं हुआ. तब बच्चे का इलाज कराना बंद कर दिया.
मटियालडीह के राजीव टुडू व साकरो टुडू के बच्चे दुखूराम टुडू (6) भी इस बीमारी से ग्रस्त है. बच्चे के माता-पिता के अलावा बड़ी मां पानो टुडू भी इससे खासी परेशान है. पीड़ित दुखु राम टुडू की बड़ी मां मानो टुडू ने बताया कि बच्चे का बायां पांव जमीन पर पूरी तरह नहीं बैठता. वह न बैठ सकता है और न ही चल सकता है. हर संभव इलाज कराया. बच्चा ठीक नहीं हुआ. परिवार के एक सदस्य को बच्चे की देखभाल करनी पड़ती है.
माटियालडीह के भीम हांसदा व दुगी हांसदा की पुत्र कुणाल हांसदा (4) भी इसी बीमारी से जूझ रही हैं. बच्चे के पिता ने बताया कि बच्चा बोल नहीं सकता है. पहले धालभूमगढ़ पीएचसी और घाटशिला अनुमंडल अस्पताल में इलाज कराया. अभी बच्चे का इलाज ओड़िशा के कटक में करा रहे हैं.
जाहेर टोला के मनसा राम मुर्मू व पामो टुडू का पुत्र कृष्ण मुर्मू (3) भी इस अज्ञात बीमारी से परेशान है. पामो मुर्मू ने बताया कि बच्चे का इलाज धालभूमगढ़ और घाटशिला सरकारी अस्पताल में कराया. लेकिन रोग ठीक नहीं हुआ. अभी बच्चा घर में है.
डोभा गांव निवासी बलराम मंडल व डोली मंडल की बेटी रेखा मंडल (8) इस बीमारी से खासी परेशान है. बलराम ने बताया कि पहले हर संभव बेटी का इलाज कराया, लेकिन कोई सुधार नहीं होते देख दवा देना बंद कर दी. परिवार के एक सदस्य को उसकी देखभाल करनी पड़ती है. बच्ची बेड पर ही पड़ी रहती है. चलने, बैठने और बोलने की क्षमता बिल्कुल नहीं है. अभिभावकों ने कहा कि पीड़ित बच्चे की मां को प्रसव के दौरान आवश्यक सुई व दवाइयां दी गयी थीं, फिर भी बच्चे इस अज्ञात बीमारी से कैसे पीड़ित हो गये, पता नहीं.

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