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Thursday, March 28, 2024

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कर्मचारियों को सुविधा: पैथोलॉजी जांच में आगे होगा अस्पताल, ईएसआई में होगी कैंसर जांच

आदित्यपुर: कर्मचारी राज्य बीमा निगम (इएसआइसी) अस्पताल चिकित्सकीय जांच की व्यवस्था के मामले में सबसे आगे निकलने वाला है. अस्पताल के पैथोलॉजी विभाग के अध्यक्ष डॉ तरुण कुमार ने बताया कि अब जो सुविधा यहां मिलने वाली है, उससे ओवरी व ब्रेस्ट कैंसर, गर्भाशय, बच्चेदानी के मुंह के कैंसर का पता चल सकेगा. शरीर में […]

आदित्यपुर: कर्मचारी राज्य बीमा निगम (इएसआइसी) अस्पताल चिकित्सकीय जांच की व्यवस्था के मामले में सबसे आगे निकलने वाला है. अस्पताल के पैथोलॉजी विभाग के अध्यक्ष डॉ तरुण कुमार ने बताया कि अब जो सुविधा यहां मिलने वाली है, उससे ओवरी व ब्रेस्ट कैंसर, गर्भाशय, बच्चेदानी के मुंह के कैंसर का पता चल सकेगा.

शरीर में उभरे किसी प्रकार की गांठ की जांच कर कैंसर है या नहीं इसके पता लगाने की सुविधा मिलनी शुरू हो गयी है. इसके लिए इएम 360, बैकमेनकल्टर एलएच 750, साइसोलॉजी व गाइनो पैपस्मेयर की व्यवस्था की गयी है. यहां हिस्टोपैथोलॉजी की सुविधा मिलेगी. इसमें शरीर के मांस के टुकड़े की जांच कर कैंसर का पता लगाया जाता है. इसके बाद रोगी को रेडियोथेरेपी या केमोथेरेपी देनी है इसका पता चलता है. साथ ही यहां लीवर, किडनी व रक्त से संबंधित जांच संभव है.

अब ट्यूमर व थॉयराइड की भी जांच संभव
अब अस्पताल में ट्यूमर व थॉयराइड की भी जांच संभव होगी. इसके लिए रोगी को रेफर करना पड़ता था. अस्पताल के अधीक्षक डॉ निरोज कुजूर ने उक्त दावा के समर्थन में कहा कि पैथोलॉजी जांच के लिए कई अत्याधुनिक मशीनें लगायी जा चुकीं हैं व कई और आने वाली हैं.
सौ बेड के अस्पताल का निर्माण कार्य प्रगति पर है. इससे जगह की कोई कमी नहीं होगी. पैथोलॉजी विभाग में सभी प्रकार की सुविधा उपलब्ध करायी जा रही है. बीमारियों का पता लगाने की दिशा में अस्पताल में काफी काम हुआ है. बीमारी का पता लगाने का जो काम बाहर होता था अब यहीं होने लगा है. इससे सटीक इलाज संभव हुआ है. साथ ही बीमित व्यक्तियों को परेशानियों का सामना नहीं करना पड़ेगा. अस्पताल में प्रतिदिन सौ मरीजों की पैथोलॉजी जांच होती है. माह में यह संख्या 9 से 10 हजार तक होती है. थॉयराइज डिसऑर्डर के करीब 50 मरीज प्रतिदिन आते हैं. जिन्हें इसका लाभ मिलेगा.
इलेक्ट्रोफोरेसिस मशीन लगेगी
डॉ तरुण कुमार के अनुसार इस क्षेत्र में थैलीसिमिया व सिकलसेलियम के मरीज की संख्या काफी है. इसमें मरीज के शरीर में रक्त तो बनता है पर सही नहीं बनता है. इसकी जांच के लिए अस्पताल में इलेक्ट्रोफोरेसिस मशीन लगेगी. यह जांच अबतक बाहर करवाया जा रहा था. अभी 100 से अधिक मरीजों की जांच प्रतिदिन हो रही है.
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