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पुलिस ने नोटबंदी में नहीं की नोटबदली, अदालत तय करेगी इन नोटों का भविष्य, बेकार हो गये मालखाने में रखे पुराने नोट

जमशेदपुर: बैंक लूट, चोरी-डकैती और रिश्वत जैसे मामले में जब्त किये गये पुराने नोट मालखाने में रखे-रखे अवैध हो गये हैं. नोटबंदी के बाद 500 और 1000 के नोटों को 31 मार्च तक बदलने की मियाद पूरी हुए आठ माह बीत गये, लेकिन इस पर अब तक कोई फैसला नहीं हो पाया है. कोर्ट केस […]

जमशेदपुर: बैंक लूट, चोरी-डकैती और रिश्वत जैसे मामले में जब्त किये गये पुराने नोट मालखाने में रखे-रखे अवैध हो गये हैं. नोटबंदी के बाद 500 और 1000 के नोटों को 31 मार्च तक बदलने की मियाद पूरी हुए आठ माह बीत गये, लेकिन इस पर अब तक कोई फैसला नहीं हो पाया है. कोर्ट केस के सबूत के रूप में पुलिस अभिरक्षा में रखे अब इन पुराने नोटों का भविष्य अदालत के फैसले पर निर्भर करेगा.
50 लाख से अधिक हैं बरामद नोट : जमशेदपुर में निगरानी अन्वेषण ब्यूरो और आर्थिक अपराध इकाई ने बीते एक साल के दौरान करीब 24 ट्रैप केस किये हैं. इनमें पांच लाख से अधिक के पुराने नोट कोर्ट के लिए सबूत के तौर पर सील कर रखे गये हैं. इसी तरह चोरी, डकैती व बैंक लूट सहित अन्य मामले में छापेमारी के दौरान करोड़ों रुपये की बरामदगी हुई है. पुलिस द्वारा दर्ज प्राथमिकी और जब्ती सूची में एक-एक नोट का विवरण अदालत को बताया गया है. ऐसे मामले की सुनवाई में पुलिस को साक्ष्य के रूप में नोटों को प्रस्तुत करना होता है इसलिए उन्‍हें बैंक खाते में जमा नहीं किया जा सकता है. जब्त नोटों का भविष्य क्या होगा यह अहम सवाल खड़ा हो गया है.
इसलिए मालखाने में रखे जाते हैं नोट : आर्थिक अपराध इकाई यदि भ्रष्टाचार के आरोपी लोक सेवकों के घर से नकदी बरामद करती है तो उसे सरकारी बैंक खाते में जमा कराया जाता है, लेकिन यदि रिश्वत लेते लोक सेवकों को गिरफ्तार किया जाता है तो बरामद नोटों के पूरे विवरण के साथ साक्ष्य के रूप में सील बंद कर मालखाना में रखना होता है. इसी तरह किसी लूट, चोरी, बैंक लूट, ट्रेन लूट या जुआ अड्डे पर नकदी मिलने पर उसे भी कोर्ट केस के साक्ष्य के रूप में फैसला होने तक रखना अनिवार्य होता है.
24 घूसखोरों से जब्त हुए पांच लाख : जमशेदपुर में निगरानी ब्यूरो के सोनारी थाना की स्थापना 24 अगस्त 2016 को हुई थी. इस दौरान करीब 24 केस पकड़े गये थे. इससे करीब 5 लाख रुपये जब्त किये गये. रिश्वत के लाखों रुपये मालखाना में जब्त हैं, जिन पर फैसला आना बाकी है.
थाना के मालखाना के विवाद के कारण यह स्थिति
जिले के कई थाना में मालखाना के विवाद के कारण एेसी स्थिति उत्पन्न हुई है. कई थाना में हजारों रुपये जब्त पड़े हैं, लेकिन उसकी बदली सिर्फ इसलिए नहीं हो पायी क्योंकि वर्तमान प्रभारियों को प्रभार नहीं मिला है. कई केस तो ऐसे है कि पदाधिकारी का ट्रांसफर दूसरे जिले में हो गया है, लेकिन मालखाना का प्रभार उसके पास ही है, जो कभी दिया ही नहीं है. इसको लेकर कई बार पत्राचार के बाद भी थानेदारों को मालखाना का चार्ज नहीं मिल पाया है.
नोटबंदी में नोट का बदली नहीं किया गया है : एसएसपी
एसएसपी अनूप टी मैथ्यू ने कहा कि नोटबंदी के बाद तय सीमा में नोट बदली किया जाना चाहिए था. लेकिन केस पेंडिंग होने के कारण नोट नहीं बदले जा सके. कुछेक थाना का नोट जब्ती के बाद बदला गया था.
कोर्ट की कार्रवाई के कारण नहीं हो सकी नोटबदली : एसपी निगरानी
एसपी निगरानी मनोज सिंह ने बताया कि कोर्ट की कार्रवाई के कारण यह स्थिति बनी है. नोट में केमिकल लगा होता है. इसको कोर्ट में पेश करना होता है, जिस कारण इसको बदली नहीं किया जा सकता था.

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