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जमशेदपुर का बहुचर्चित दलबीर सिंह बीरे हत्याकांड: प्रकाश मिश्रा समेत सात दोषी, सजा 23 को

जमशेदपुर : मनीफीट आजाद बस्ती के चर्चित दलबीर सिंह बीरे हत्याकांड में कोर्ट ने पलामू जेल में बंद प्रकाश मिश्रा समेत सात आरोपियों को दोषी करार दिया है. इसमें प्रकाश मिश्रा के अलावा उसका भाई सूरज मिश्रा उर्फ रोहित, जय प्रकाश सिंह, टीटू सिंह, कुणाल शर्मा, भीम कामत, सुमित कुमार शामिल है. सभी को 23 […]

जमशेदपुर : मनीफीट आजाद बस्ती के चर्चित दलबीर सिंह बीरे हत्याकांड में कोर्ट ने पलामू जेल में बंद प्रकाश मिश्रा समेत सात आरोपियों को दोषी करार दिया है. इसमें प्रकाश मिश्रा के अलावा उसका भाई सूरज मिश्रा उर्फ रोहित, जय प्रकाश सिंह, टीटू सिंह, कुणाल शर्मा, भीम कामत, सुमित कुमार शामिल है. सभी को 23 सितंबर को सजा सुनायी जायेगी. इस मामले में कोर्ट ने प्रकाश मिश्रा के पिता लक्ष्मी नारायण मिश्रा, नवीन कुमार पांडेय, मोनी दास, दलबीर सिंह एवं अशोक राम को बरी कर दिया. सुनवाई के दौरान प्रकाश मिश्रा की पलामू जेल से पेशी वीडियो काॅन्फ्रेसिंग के माध्यम से करायी गयी.

10 दिसंबर 2013 की रात 8.30 बजे टेल्को थाना अंतर्गत बेलगड्ढा में डॉक्टर के यहां से लौट रहे दलबीर सिंह बीरे की घात लगाये अपराधियों ने गोली मार कर हत्या कर दी थी. घटना के संबंध में उनके भाई जागीर सिंह के बयान पर प्राथमिकी दर्ज की गयी थी. पुलिस ने घटना में शामिल अपराधियों को फरवरी 2014 में सीवान से गिरफ्तार किया था. इस मामले की सुनवाई एडीजे 1 राधाकृष्ण के न्यायालय में हुई. कोर्ट ने गवाही व साक्ष्य के आधार पर प्रकाश मिश्रा समेत सात लोगों को दोषी करार दिया.

फैसले के दौरान मौजूद थे मुखे, परिवार वाले व सिख समाज के काफी संख्या में लोग
जमशेदपुर. बीरे हत्याकांड में फैसले के दौरान बीरे के भाई जागीर सिंह समेत परिवार और सेंट्रल गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के प्रधान गुरमुख सिंह मुखे समेत सिख समाज के लोग कोर्ट परिसर में मौजूद थे. दूसरी ओर प्रकाश मिश्रा के समर्थक भी कोर्ट परिसर में मौजूद थे. फैसले और भीड़ को देखते हुए कोर्ट परिसर में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गयी थी.
प्रवीर झा हत्याकांड के गवाहों की मदद करने पर की थी हत्या
10 दिसंबर 2013 की रात ट्रांसपोर्टर दलबीर सिंह बीरे डॉक्टर के पास से लौट रहे थे. जेम्को बेलगड्ढा के पास घात लगाये अपराधियों ने अंधाधुंध फायरिंग कर उनकी हत्या कर दी थी. हत्या की जांच में यह बात सामने आयी थी कि दलबीर सिंह बीरे ने प्रवीर झा हत्याकांड में गवाहों को आर्थिक एवं नैतिक सहयोग किया था, जिसके कारण प्रकाश मिश्रा एवं उसके पिता को सजा हुई थी. इसका बदला लेने के लिए प्रकाश मिश्रा ने बीरे की हत्या करायी थी. पुलिस की जांच में यह बात सामने आयी थी कि प्रकाश मिश्रा की बहन ने अमरजीत सिंह मंकू से प्रेम विवाह किया था. मिश्रा परिवार ने अमरजीत की हत्या बारीडीह में करा दी थी. इसके बाद बहन ने भी आत्महत्या कर ली थी. अमरजीत के मित्र प्रवीर झा की 2008 में हत्या कर दी गयी थी. प्रवीर झा की हत्या के मामले में प्रकाश मिश्रा एवं उसके पिता लक्ष्मी नारायण मिश्रा को सजा हुई थी. दोनों काफी दिनों तक जेल में रहे थे. इस दौरान दलबीर सिंह बीरे ने प्रवीर झा हत्याकांड में गवाहों की मदद की थी तथा गवाहों को न्यायालय में ले जाकर गवाही करायी थी. जेल से रिहा होने के बाद प्रकाश मिश्रा ने इसके बदले में बीरे की हत्या की योजना बनायी अौर सहयोगियों की मदद से बीरे की हत्या कर दी. पुलिस ने प्रकाश मिश्रा को भागलपुर से तथा अन्य अपराधियों को अलग-अलग स्थानों से गिरफ्तार किया था. गिरफ्तार अपराधियों के पास से तीन अॉटोमेटिक पिस्टल, तीन देसी पिस्तौल अौर कारतूस, खून लगे कपड़े बरामद किये थे.
कोर्ट के फैसले से संतुष्ट हुं. सभी आरोपियों की गवाही में पहचान की गयी थी. जो लोग बरी हुए हैं उनके मामले को लेकर उच्च न्यायालय में अपील करेंगे.
जागीर सिंह, भाई

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