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जमशेदपुर हत्‍याकांड : मम्मी-पापा! मुझे माफ करना, जिंदा लाश बन गया था, मां-बाप बोले, एक बार बताता, सब सही हो जाता

बारीडीह के विजया गार्डेन में पति, पत्नी और बच्चे की मौत का मामला मंगलवार को निशांत और पूर्णिमा की शादी की सालगिरह थी. इसके लिए उसने तैयारी भी कर रखी थी. पुलिस को उसके रेफ्रिजरेटर से गुलाब के फूलों का गुच्छा मिला है. जो वह पत्नी को देने के लिए लाया था. पत्नी ने भी […]

बारीडीह के विजया गार्डेन में पति, पत्नी और बच्चे की मौत का मामला

मंगलवार को निशांत और पूर्णिमा की शादी की सालगिरह थी. इसके लिए उसने तैयारी भी कर रखी थी. पुलिस को उसके रेफ्रिजरेटर से गुलाब के फूलों का गुच्छा मिला है. जो वह पत्नी को देने के लिए लाया था. पत्नी ने भी तैयारी कर रखी थी. छोला और कचौड़ी बनने वाली थी.

किचन में भीगा काबुली चना मिला है. लेकिन तोहफा देने से पहले ही उसने पत्नी काे जहर दे दिया. निशांत की शादी बारीडीह बस्ती की पूर्णिमा से वर्ष 2011 में हुई थी. शादी के एक साल के बाद ही अक्षत का जन्म हुआ था. पूर्णिमा के भाई राज रतन ने बताया कि जीजा जी का स्वाभाव काफी मिलनसार था. निशांत का पैतृक गांव विक्रमगंज जिले का घोसलडीह में है, जबकि वे लोग रोहतास के अग्नि गांव के रहने वाले हैं. निशांत अभी 15 फरवरी को बड़े पिता की श्राद्ध में गांव गया था. अक्षत अभी जमशेदपुर पब्लिक स्कूल में यूकेजी सेक्शन सी का छात्र था. मां-बाप बार-बार कह रहे थे कि एक बार बताता, तो सब सही हो जाता.

मम्मी-पापा! मुझे माफ कर देना, मैं जिंदा लाश बन गया था

जमशेदपुर : निशांत ने पत्नी पूर्णिमा और बेटे अक्षत उर्फ अक्की की चॉकलेट देकर हत्या करने के बाद चार पन्ने का सुसाइड नोट लिखा, उन्होंने लिखा- मम्मी-पापा मुझे माफ कर देना. मैं जिंदा लाश बन कर रह गया था, मैं अंदर से टूट चुका हूं. मेरे कारण आपको, अक्की और मुन्नी को काफी बातें सुननी पड़ रही हैं.

मेरा मन किसी भी काम में नहीं लग रहा है. एक-एक दिन काटना मुश्किल हो गया है. मेरे पीछे मेरी कंपनी का कोई कर्मचारी आये, तो कहिएगा कि प्रमिल कमर सिंह बिल क्लियर करवायेगा. प्रमिल 60 प्रतिशत पेटी पर काम करता था. उसका जो भी बिल बकाया है, वह केपीओ के बिल के क्लियर होते ही खत्म हो जायेगा. निशांत ने सुसाइड नोट में अपने माता- पिता को बताया कि उसने चेक बुक पर साइन कर दिया है. इससे बिल क्लियर करने में कोई परेशानी नहीं होगी. वहीं, निशांत ने अपने बड़े भाई निराला किसलय को लिखा है कि अब तुम्हारे ऊपर ही रिस्पांसबिलिटी है. ऐसे मां-बाप बहुत किस्मत से मिलते हैं. इनका ख्याल रखना. अगर मुझसे कोई गलती हुई हो, तो माफ करना.

अइसन का परेशानी हो गइल रहे कि अतना बड़ कांड कर देलह ये बचवा

जमशेदपुर : अइसन का परेशनी हो गइल रहे कि अतना बड़ कांड कर देलह ये बचवा. हमनी के त कभी सपना में भी न सोचले रही जा कि तू अतना पढ़-लिख के अइसन काम करब.

अब हमनी के केकरा भरोसे रहम जा. हमार तो सब कुछ बर्बाद हो गइल. अब जब परिवार ही न रहत, तो हम रहकर का करब. हमनी के भी जान से मार देतस, तो ठीक होइत. उक्त बात निशांत की मां तारामुनी देवी अपने बेटे के शव को देखने के बाद रो-रो कर कह रही थी. बेटा-बहू और पोता का शव देखकर वह बार-बार बेहोश हो रही थी. परिवार के लोग बार-बार उन्हें भीतर के कमरा में लेकर जा रहे थे, लेकिन वह बार-बार अपने बेटे के शव को देखने के लिए कमरा से निकल कर उसके पास चली जा रही थी. वहीं निशांत के पिता एनके सिंह भी रो रहे थे. वह भी रो-रो कर अपने बेटे को कोस रहे थे. वह कह रहे थे कि ऐसी कौन सी परेशानी हो गयी थी कि उसने एक बार भी बताया नहीं. अगर वह थोड़ी सी भी जानकारी देता, तो उसे उसे परेशानी से मुक्ति दिला देते.

पहले कमरे में फांसी लगाने पर हुआ नाकाम, तो दूसरे में लगायी फांसी

पत्नी और बेटे को जहर देने के बाद निशांत पहले एक कमरे में पैंट-शर्ट उतारा और अंडरवियर पहना. इसके बाद लोहे की सीढ़ी की मदद से पंखे से पत्नी का दुपट्टा बांधा और गले में फांसी लगायी, लेकिन सीढ़ी गिरने के कारण उसके गले से दुपट्टा खुल गया और वह गिर गया. इसके बाद वह दूसरे कमरे में गया और फिर पत्नी के सफेद रंग के दुपट्टे से पंखे में फांसी लगा ली.

रात को पोते के साथ ही खाये थे खाना : दादा

एनके सिंह ने बताया कि सोमवार की रात को पोते के साथ ही खाना खाये थे. वह बार-बार मेरे साथ सोने की जिद कर रहा था. कुछ देर के लिए साथ में सोया भी था, लेकिन अचानक से उठ कर अपनी मां के पास चला गया. अगर वह रात को मेरे साथ सोता, तो शायद उसकी जान नहीं जाती. निशांत की जो भी परेशानी थी, उसकी थी. इसमें इस मासूम बच्चे का क्या दोष था. बच्चे को जहर देकर मारना गलत है. बेंगलुरु से की थी इंजीनियरिंग : निशांत के पिता ने बताया कि उसने बेंगलुरु से मैकेनिकल इंजीनियरिंग किया था. एक मल्टीनेशनल कंपनी में उसका प्लेसमेंट हो गया और वह यूके चला गया था. वहां काम करने के बाद उसने खुद की कंपनी बनाकर बिजनेस करने की योजना बनायी अौर फिर वर्ष 2008 में जमशेदपुर आ गया. यहां तारानंद इंजीनियरिंग सर्विसेज नाम से कंपनी खोली, जिसका रजिस्ट्रेशन टाटा स्टील में था. वे टाटा स्टील के जमशेदपुर प्लांट के साथ ही कलिंगानगर में भी काम कर रहे थे. वहीं पूर्णिमा हाउस वाइफ थी.

चॉकलेट को किया गया जब्त, रांची भेजा जायेगा

जमशेदपुर : पुलिस ने शव के पास पड़े डेयरी मिल्क सिल्क चॉकलेट को जब्त कर लिया है. उसे एफएसएल जांच के लिए रांची भेजा जायेगा. पुलिसिया जांच में यह बात भी सामने आ रही है कि चॉकलेट में जहर को इंजेक्शन के जरिये इंजेक्ट किया गया होगा. हालांकि पुलिस को वह नहीं मिल पाया. कयास लगाये जा रहे हैं कि इंजेक्शन को टॉयलेट के फ्लश में डाल दिया गया हो.

अखंड सुहाग की चूड़ी लाकर दी थी अौर पोते के लिए लाया था टी-शर्ट : निशांत की मां तारामुनी देवी ने कहा कि उन्होंने अपनी बहू के अखंड सुहाग के लिए सोमवार को ही लाल चूड़ी लाकर दी थी. कहा था कि वे उसे मंगलवार की सुबह मंदिर जाने के दौरान पहन लें. साथ ही दादा ने अपने पोते के लिए एक टी-शर्ट लाकर दिया था, ताकि मंगलवार की शाम को होने वाली पार्टी में वह पहन सके. निशांत की बहन गुड़गांव में रहती है. घरवालों ने उसे पूरी घटना की जानकारी दी, जिसके बाद वह पूरे परिवार के साथ फ्लाइट से देर शाम जमशेदपुर पहुंची.

पोस्टमार्टम के बाद टाटा मोटर्स के शीत गृह में रखा गया शव : घटना के बाद पहुंची पुलिस ने तीनों शवों को जब्त कर पोस्टमार्टम के लिए एमजीएम मेडिकल कॉलेज भेज दिया. वहां पोस्टमार्टम के बाद शव को टाटा मोटर्स अस्पताल के शीत गृह में रख दिया गया. अब बुधवार को तीनों शव को विजया गार्डेन लाया जायेगा. वहां से अंतिम यात्रा सुवर्णरेखा बर्निंग घाट के लिए निकलेगी.

शव का हुआ पोस्टमार्टम कई बिंदूओं पर होगी जांच

जमशेदपुर : पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार पोस्टमार्टम के दौरान तीनों शव के कई अंग जांच के लिए रखा गया है. पुलिस ने बताया कि पत्नी और बच्चे की मौत जहर खाने से हुई है. मौत में जहर के अलावा भी कई बिंदुओं पर जांच कर रही है. मां-बेटे की मौत का सही कारण प्राप्त करने के लिए पुलिस ने भी विभाग से अनुरोध किया है. सभवत: पुलिस यह भी अनुमान लगा रही है कि निशांत ने पहले पत्नी पूर्णिमा और बेटे अक्की की गला दबा कर हत्या की और उसके बाद खुद फांसी लगा ली. क्योंकि शरीर से जहर का मात्रा काफी कम मिलने के कारण पुलिस इन बिंदुओं पर भी छानबीन कर रही है.


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