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विज्ञान विभाग के सभी विषयों की पढ़ाई बंद

झाझा : प्रखंड मुख्यालय स्थित मुंगेर विश्वविद्यालय की अंगीभूत इकाई देव सुंदरी मेमोरियल महाविद्यालय में शिक्षक के अभाव में विज्ञान के अलावा अन्य कई विभाग में ताला लग गया है. इस कारण छात्र-छात्राओं में ऊहापोह की स्थिति है. जानकारी के अनुसार इस महाविद्यालय में इंटर, स्नातक स्तर पर करीब तीन हजार छात्र-छात्रा अध्ययनरत है. सभी […]

झाझा : प्रखंड मुख्यालय स्थित मुंगेर विश्वविद्यालय की अंगीभूत इकाई देव सुंदरी मेमोरियल महाविद्यालय में शिक्षक के अभाव में विज्ञान के अलावा अन्य कई विभाग में ताला लग गया है. इस कारण छात्र-छात्राओं में ऊहापोह की स्थिति है. जानकारी के अनुसार इस महाविद्यालय में इंटर, स्नातक स्तर पर करीब तीन हजार छात्र-छात्रा अध्ययनरत है.
सभी विषय के शिक्षक नहीं रहने के कारण छात्रों को निजी कोचिंग के भरोसे ही रहना पड़ रहा है. वर्ष 1960 के दशक में प्रारंभ हुआ उक्त उच्च शिक्षण संस्थान 19 अप्रैल 1982 को तिलकामांझी विश्वविद्यालय की अंगीभूत इकाई बना. प्रारंभ में सभी विषय में शिक्षक से परिपूर्ण उक्त महाविद्यालय की स्थित वर्तमान में विपरीत हो गया है. इस महाविद्यालय के कई विभागों में वर्षों से शिक्षक नहीं है. भौतिकी, रसायन विषय में डिमोस्टेटर का पद भी रिक्त है. इस कारण प्रायोगिक कक्षा भी बाधित हो गया है. विश्वविद्यालय के निर्देशानुसार छात्रों का नामांकन तो अवश्य किया जाता है लेकिन शिक्षक के अभाव में छात्रों की पढ़ाई बाधित हो रहा है.
संसाधन का भी है घोर अभाव
डिग्री स्तर के कॉलेज रहने के बावजूद इस महाविद्यालय में शिक्षक से लेकर नॉनटिचिंग स्टाफ की घोर कमी है. लिपिक वर्ग में कुछ कर्मी संविदा पर कर्मी कार्य कर रहे हैं. विज्ञान संकाय में शिक्षक के नहीं रहने से प्रायोगिक कक्षा भी प्रभावित होती है.खेलकूद से लेकर अन्य संसाधनों की कमी की वजह से महाविद्यालय अपना अस्तित्व खोने के कगार पर है.
विज्ञान के सभी विषयों में लग गया ताला : वर्तमान में देवसुंदरी महाविद्यालय में विज्ञान के सभी विभाग में ताला लग गया है. भौतिकी विभाग, रसायन विभाग, वनस्पति विभाग और प्राणी विज्ञान विभाग में शिक्षक नहीं है. इस कारण विज्ञान में रुचि रखने वाले छात्र-छात्रा को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है. प्रत्येक वर्ष विज्ञान में सभी कक्षा में नामांकन तो होता है .लेकिन पाठ्यक्रम महाविद्यालय से पूरा नहीं हो पाता है. जिससे सभी छात्र-छात्राओं में रोष है.
भरपूर जमीन उपलब्ध रहने के बावजूद भवनहीन है महाविद्यालय
महाविद्यालय के नाम पर शहर के दक्षिणी भाग स्थित हथिया पंचायत में उलाय नदी के किनारे करीब 14 एकड़ जमीन है. यदि उस जमीन पर महाविद्यालय के लिए नए सिरे से काम किया जाये तो भवन के साथ खेल का मैदान के अलावा अन्य संसाधनों की भी भरपायी हो सकती है.
बोले प्राचार्य
इस बाबत डीएसएम कॉलेज के प्रभारी प्राचार्य प्रो अमरेंद्र कुमार सिंह उर्फ सुमनजी कहते हैं कि कॉलेज के विकास के लिए सतत प्रयासरत हूं. इसे लेकर विश्व विद्यालय को लिखा गया है. बिहार सरकार प्राध्यापक की बहाली कर रही है. अभी हाल के दिनों में दो नए शिक्षक आये भी हैं. सभी विषयों के शिक्षक के आ जाने से समस्या दूर हो जायेगी.

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