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बजट डिमांड : SMEV ने इलेक्ट्रिक गाड़ियों के बढ़ावा देने के लिए सरकार से मांगा 20,000 करोड़ का पैकेज

नयी दिल्ली : इलेक्ट्रिक वाहन विनिर्माताओं के संगठन सोसायटी ऑफ मैन्युफैक्चरर्स ऑफ इलेक्ट्रिक वेहिकल्स (एसएमईवी) ने देश में इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) को प्रोत्साहन के लिए अगले दो साल में 20,000 करोड़ रुपये के बजट आवंटन की मांग की है. इसके अलावा, संगठन ने सरकार को संसाधन जुटाने के लिए अंतरिम बजट में परंपरागत वाहनों पर […]

नयी दिल्ली : इलेक्ट्रिक वाहन विनिर्माताओं के संगठन सोसायटी ऑफ मैन्युफैक्चरर्स ऑफ इलेक्ट्रिक वेहिकल्स (एसएमईवी) ने देश में इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) को प्रोत्साहन के लिए अगले दो साल में 20,000 करोड़ रुपये के बजट आवंटन की मांग की है. इसके अलावा, संगठन ने सरकार को संसाधन जुटाने के लिए अंतरिम बजट में परंपरागत वाहनों पर हरित उपकर लगाने का सुझाव भी दिया है.

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बजट को लेकर अपनी इच्छा के बारे में एसएमईवी ने कहा कि फास्टर एडॉप्शन एंड मैन्युफैक्चरिंग ऑफ हाइब्रिड एंड इलेक्ट्रिक वेहिकल्स (फेम) के दूसरे चरण की घोषणा छह साल की योजना और समयबद्ध क्रियान्वयन के साथ की जानी चाहिए. एसएमईवी के महानिदेशक सोहिंदर गिल ने कहा कि विद्युत चालित वाहनों के लिए स्थिर और दीर्घावधि के नीतिगत समर्थन की जरूरत है. उपभोक्ता प्रोत्साहनों तथा जागरूकता अभियान चलाकर ही 2030 तक 30 फीसदी इलेक्ट्रिक वाहनों के लक्ष्य को पाया जा सकता है.

उन्होंने कहा कि हम उम्मीद करते हैं कि सरकार देश के 10 सबसे अधिक प्रदूषित शहरों में कम से कम 10 लाख इलेक्ट्रिक वाहनों का लक्ष्य लेकर चलेगी. गिल ने कहा कि इसके लिए कोष बनाने को इंटरनल कम्बशन (आईसी) इंजन वाले (डीजल पेट्रोल से चलने वाले) वाहनों पर मामूली हरित उपकर लगाया जाना चाहिए, जिससे सरकार पर इसका बोझ नहीं पड़े. लोहिया ऑटो इंडस्ट्रीज के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) आयुष लोहिया ने कहा कि फेम योजना का विस्तार कम से कम 10 साल के लिए किया जाना चाहिए.

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